भ्रष्टाचार के दोषियों पर कार्यवाही नही, गलत रवैये से आहत है ग्रामीण बैठे अनशन पर
अनूपपुर
जनसमस्या को लेकर ग्राम पंचायत जमुनिहा के ग्रामीणों द्वारा शासन-प्रशासन के गलत रवैये से आहत होकर 1 नवम्बर को ग्राम पंचायत जमुनिहा कार्यालय में क्रमिक अनशन पर बैठ गये है। जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा पूर्व में 27 अक्टूबर को अनुविभागीय दंडाधिकारी को दी थी।
जहां ग्रामीणों का आरोप है कि जनपद अनूपपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत जमुनिहा में सरपंच, सचिव द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच के संबंध में चंद्रिका सिंह मरकाम पिता रामफल सिंह द्वारा वर्ष 2020 में ग्राम पंचायत जमुनिहा के ग्रामीणों द्वारा सरपंच ताराबाई एवं सचिव लक्ष्मी सिंह द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की शिकायत जनपद अनूपपुर के सीईओ से की थी। शिकायत पर विधिवत जांच कराई गई और सरपंच, सचिव सहित रोजगार सहायक को दोषी पाया गया था, लेकिन अब तक उनके विरूद्ध किसी भी तरह की कार्यवाही नही हो सकी है। जिस पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा 7 दिवस के अंदर कार्यवाही नही किये जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
उन्होने बताया कि 24 दिसम्बर 2019 को विधायक कोतमा की उपस्थिति में ग्राम चैपाल कार्यक्रम आयोजन किया गया था। जिसमें ग्रामीणजनों द्वारा पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण, दिव्यांग पेंशन, कल्याणी पेंशन, मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान, ग्राम पंचायत भवन में निर्माणाधीन बाउड्रीवाॅल वं अन्य निर्माण कार्यो में मजदूरी की राशि का नगद भुगतान व गुणवत्ताविहीन कार्य के संबंध में सरपंच तारा बाई एवं सचिव लक्ष्मी सिंह के विरूद्ध शिकायतों की जांच जनपद स्तर से जांच समिति गठित कर 7 जनवरी को ग्राम पंचयत भवन जमुनिहा में आम ग्रामीणजनों के समक्ष जांच की गई।
जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत भानमती पति झोलन, चंद्रभर पिता जगत सिंह के नाम पर वित्तीय वर्ष 2016-17 में पीएम आवास स्वीकृत हुआ किन्तु इनके नाम से आवास का निर्माण ही नही हुआ है। जिसमें सरपंच एवं सचिव द्वारा फर्जी तरीके से कागजों में आवास निर्माण कर नियम विरूद्ध तरीके से राशि का भुगतान किया गया साथ ही भानमती पति झोलन के नाम स्वीकृत पीएम आवास भानमती पति मिसालू निवासी लेदरा को फर्जी तरीके से खाता क्रमांक 59109156856 में ईपीओं के माध्यम से भुगतान कराया गया। इसी प्रकरण चंद्रभान पिता जगह सिंह निवासी जमुनिहा के नाम से स्वीकृत पीएम आवास का निर्माण ही नही कराया गया किन्तु उक्त आवास की राशि का भुगतान वेद सिंह पिता सुकलाल निवासी जमुनिहा के खाता क्रमांक 22252158433 में फर्जी तरीके से कर दिया गया। इसी प्रकार विशाल पिता जयसिंह, प्रीतम पिता राय सिंह, तेजभान पिता जगत सिंह, वेद पिता सुकलाल सिंह, गुड़िया पिता गजनलाल, राजनाथ पिता छोटेलाल, बल्लू पिता छम्मू, पिपरतरिहा पिता छोटा, सुखन्तू, रामलाल पिता मातादीन, सजन पिता लुठटू, फूल सिंह पिता मान सिंह, फूलमती पति पीताम्बर, रामदीन पिता बुद्धसेन, हरिसिंह पिता गोपाल के आवासों पर कुछ मजदूरी का भुगतान किया गया लेकिन अधिकांश मजदूरी जिन्होने हितग्राहियों के आवास पर कार्य नही किया उसके नाम पर मस्टररोल जारी करते हुये राशि का आहरण कर लिया गया।
इस प्रकार ग्राम पंचायत भवन जमुनिहा की बाउंड्रीवाॅल का निर्माण कार्य कराया गया है। जिसमें कुल स्वीकृति राशि 8.56 लाख तथा मूल्यांकन राशि 5 लाख 29 हजार 599 है। उक्त बाउंड्रीवाॅल में लगे मजदूरों हेतराम पिता जय सिंह को 6300, वेद पिता तिलकधारी को 5100, मिलन पिता सुखीया को 5100 दिग्विजय पिता वीरन को 9800, राजेन्द्र पिता रतन, भगवानदीन, उमाशंकर को सचिव लक्ष्मी सिंह द्वारा नगद मजदूरी भुगतान किया जाना पाया गया। जबकि शासन के निर्देशानुसार किसी भी स्थिति में सामग्री व मजदूरी का भुगतान नगद किया जाना प्रतिबंधित है। जिसमें सरंपच की कार्यशैली संदिग्ध है।
जांच स्थल में उपस्थित श्याम भूषण पांडेय के द्वारा लिखित कथन व शिकायती पत्र देकर बताया गया कि ग्रोवल मार्ग निर्माण काली मंदिर से जुनहा तालाब तक मिट्टी व मुरूम परिवहन का भुगतान 11 हजार 500, सरंपच एवं सचिव द्वारा नही किया गया है। इसी प्रकार बबलू खान के द्वारा मुक्तिधाम में वर्निग शेड का निर्माण किया गया था जिसकी राशि 70 हजार का भुगतान सरपंच एवं सचिव द्वारा आज दिनांक तक नही किया गया।
पूरे मामले में पीएम आवास योजना में 2 लाख 60 हजार, हितग्राहियों के आवास की मजदूरी का भुगतान राशि व महात्मा गांधी नरेगा योजना में 4 लाख 54 हजार 550, स्वच्छ भारत मिान में 2 लाख 64 हजार, पंच परमेश्वर में 3 लाख 97 हजार कुल 13 लाख 75 हजार 500 रूपये की सरपंच ताराबाई एवं सचिव लक्ष्मी ंिसह के द्वारा अनियमित भुगतान किया जाकर अनियमित्ता करने पर उनसे उक्त राशि की वसूली किये जाना प्रस्तावित किया गया था। लेकिन आज दिनांक तक न तो उक्त राशि की सरपंच व सचिव से वसूली हो सकी है और न ही इनके खिलाफ कार्यवाही हो सकी है। जिसको लेकर शांति पूर्वक ग्रामीणों द्वारा क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं।
