मुख्य सड़क में पड़ी टहनी दे रही दुर्घटनाओं को आमंत्रित, क्या वन विभाग कुंभकर्णी नींद में ?

मुख्य सड़क में पड़ी टहनी दे रही दुर्घटनाओं को आमंत्रित, क्या वन विभाग कुंभकर्णी नींद में ?


अनूपपुर/कोतमा

वन क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे हरे वृक्षो की अवैध कटाई से जंगल विरान हो रहे हैं, प्रत्येक वर्ष पौधरोपण के नाम पर विभाग की ओर से लाखों पेड़ तो लगाए जाते हैं लेकिन अधिकांश पौधे जंगलों में नजर नहीं आते। बचे खुचे पेड़ भी विभाग की उदासीनता के चलते प्रति वर्ष आग की भेंट चढ़ जा रहे हैं।कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत जमुना,गोविंदा,कोतमा, कदम टोला व संतोषी दफाई के आस पास के क्षेत्रों में वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा कर लोगों द्वारा घर,मकान व जमींनो पर खेती-बारी तक किया जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि वनों की रखवाली के लिए वन रेंज में वाचर, वन दरोगा के साथ ही अन्य कर्मचारी तैनात हैं इसके बावजूद भी जंगलों से प्रतिदिन हरे व सूखे पेड़ धड़ल्ले से काटे जा रहे है।अवैध वनों की कटाई से न सिर्फ प्राकृतिक संपदा की छति हो रही है,बल्कि क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन की वजह से बरसात में भी तेजी से गिरावट आ रही है। कोरोना महामारी के इस दौर में आक्सीजन की कमी से लोगों को दम तोड़ते हुए भी देखा जा रहा है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लापरवाह बने हुए हैं। सूत्रों की मानें तो पेड़ों की कटाई होते समय ही वनकर्मियों को खबर रहती है लेकिन मौके पर कोई वनकर्मी नहीं पहुंचता,जिसकी वजह से अवैध कटाई में लगे लोगों के हौसलें बढ़े रहते हैं। समय रहते वनों की कटान पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले दिनों में जंगल का आस्तीत्व खत्म होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

*मुख्य सड़क में पड़ा ठूठ,वन अमला नींद में*

अगर कोई गरीब अपने छाए छत के लिए छोटी सी कुटिया भी बनाता है तो, वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उस पर हावी होकर उसका जीवन यापन करने के लिए बनाई गई कुटिया तक गिरवा देते हैं।वही अगर कुछ धनवान या प्रभावशाली लोग वन विभाग की भूमि पर कब्जा कर बहुमंजिला इमारत बनाते हैं तो वन अमला चुप्पी साध कर कुंभकर्णी नींद में सो जाता है।वही दूसरी ओर कुछ दिनो पूर्व भालूमाड़ा कोतमा मुख्य मार्ग पर पेड़ से टूट कर एक टहनी मुख्य सड़क पर गिर गई,जिससे लोगो को आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।पेड़ से टूटी हुई टहनी के भालूमाड़ा जमुना मुख्य सड़क पर गिरे होने के कारण राहगीर दुर्घटनाओं का शिकार भी हो चुके हैं,जिसकी जानकारी वन विभाग के उच्च अधिकारियों को कई बार दी गई लेकिन वन विभाग ने इसकी कोई खोज खबर लेना उचित नहीं समझा और पेड़ से टूटी हुई टहनी आज भी दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रही है।अब देखना यह होगा कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस ओर ध्यान देंगे या फिर किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार करेंगे।

*कहना है*

आप फोटो भेजिए मैं दिखवा लेता हूं।

*प्रवेश सिंह रेंजर कोतमा*

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