वेतन चोरी बंद कराने, न्यूनतम वेतन देने की मांग को लेकर दो दिवसीय "न्यूनतम वेतन दो या मौत दो" होगा आंदोलन

*पंचायत चौकीदार संघ की दीन दयाल पार्क में जिला कार्यकारिणी की बैठक वासुदेव शर्मा की उपस्थित में संपन्न*


छिंदवाड़ा

पंचायत चौकीदार पंप आपरेटर संघ की जिला कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष राजू कुडापे, पांडुर्ना अध्यक्ष कृष्णा मांजीवार की अध्यक्षता एवं कामगार क्रांति मंच के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा की विशेष उपस्थित में स्थानीय दीन दयाल पार्क में संपन्न हुई, जिसमें 29-30 दिसंबर को दो दिवसीय संभागीय "न्यूनतम वेतन दो या मौत दो" धरना दिए जाने का निर्णय लिया गया, धरने में सिवनी, बालाघाट, बैतूल, मंडला एवं नरसिंहपुर के ग्राम पंचायतों के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल रहेंगे।  बैठक में ग्राम पंचायत चौकीदार भृत्य, सफाई कर्मी पम्प चालक कर्मचारियों के जिला एवं ब्लाक पदाघिकारी शामिल रहे, जिनमें   राजू कुडापे, संतोष उईके, कृष्णा मंजीवार,  राजेश यादव, राकेश नवरेती, रामदास यादव, सती लाल कुडापे, बंटी वर्मा, राम दिनेश सराठे , विनोद धुर्वे, ऐन कुमार, घनश्याम कापसे, देवराव जावडे सहित प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक को संबोधित करते हुए कामगार क्रांति मंच के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने बताया कि स्थानीय निकायों में काम करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देने का नियम और कानून दोनों है फिर भी पंचायत विभाग अपने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों चौकीदार, पंप आपरेटर, भृत्य, सफाई कर्मियों को न्यूनतम वेतन नहीं देती है, उनसे 2, 3 या 4 हजार में काम करा रही है, जो पूरी तरह से गलत है, जिसके खिलाफ संगठित होकर बोलने की जरूरत है, तभी आपके साथ हो रही वेतन चोरी पर लगाम लगेगी। शर्मा ने जिले की सभी 650 ग्राम पंचायतों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से 29 दिसंबर से होने वाले "न्यूनतम वेतन दो या मौत दो" आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की।

शर्मा ने बताया कि मप्र सरकार ने चतुर्थ श्रेणी एवं तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरियां खत्म कर दी हैं और इन पदों पर अस्थाई, आउटसोर्स, ठेका श्रमिक कर्मचारी रखकर काम करा रही है, जिन्हें न तो जिंदा रहने लायक वेतन मिलता है और न ही नौकरियों में सुरक्षा है, यह नौकरियां आजाद भारत में नौकरी देकर गुलाम रखने की व्यवस्था है, जिसका अंत संघर्ष के जरिए ही होगा और ग्राम पंचायतों के कर्मचारी इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सरकार पूरी तरह गरीब, मजदूर कर्मचारी विरोधी है, जो उनके कानूनी अधिकार छीनकर उन्हें बंधुआ मजदूरों जैसी स्थिति में जीने को मजबूर कर रही है, इसलिए भी एकजुट संघर्ष जरूरी है। शर्मा ने कहा 29 दिसंबर से होने वाले "न्यूनतम वेतन दो या मौत दो" आंदोलन के जरिए जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सीईओ से न्यूनतम वेतन, नियुक्ति पत्र के लिए जमा किए गए दस्तावेजों पर की गई कार्रवाई का हिसाब भी मांगेंगे।

शिक्षाविद,समाजसेवी,साहित्यकार पी.यादव ‘ओज अंतरराष्ट्रीय आइडल प्राइड अचीवर अवार्ड से हुए सम्मानित 


जी.एल.ए.विश्वविद्यालय,मथुरा एवं गोपाल किरण सेवी समाज संस्थान,ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह में प्रतिष्ठित शिक्षाविद,साहित्यकार एवं समाजसेवक पी.यादव ‘ओज’ को अंतरराष्ट्रीय आइडल प्राइड अचीवर अवार्ड 2025–26 से सम्मानित किया गया।यह सम्मान उन्हें शिक्षा,साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके दीर्घकालिक,निरंतर एवं अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान किया गया।समारोह में देश-विदेश से आए शिक्षाविदों,शोधार्थियों,साहित्यकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।श्री पी.यादव ‘ओज’ पिछले कई वर्षों से साहित्य सृजन,शैक्षिक नवाचार,मूल्यपरक लेखन तथा सामाजिक जागरूकता के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।उनकी रचनाएँ मानवीय संवेदना,सामाजिक सरोकार और दार्शनिक दृष्टि से समृद्ध मानी जाती हैं।शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उनके प्रयासों ने अनेक युवाओं और विद्यार्थियों को प्रेरित किया है।इस सम्मान की प्राप्ति पर पी यादव ‘ओज’ ने आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा कहा कि यह सम्मान उन्हें और अधिक समर्पण,उत्तरदायित्व और सृजनशीलता के साथ कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करता है।आयोजक संस्थाओं ने उनके योगदान को समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।यह सम्मान न केवल पी.यादव ‘ओज’ के व्यक्तिगत कृतित्व की पहचान है,बल्कि हिंदी साहित्य, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र के लिए भी गौरव का विषय है। कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने बधाई दी और कहा कि पी यादव ' ओज' हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपना विशिष्ट योगदान दे रहे है।

उप वनपाल की  कार्य शैली से आदिवासियों के ऊपर छाया संकट, रिश्वत की कमी तो मुर्गा से भरपाई  


उमरिया

आदिवासियों के हित संवर्धन के लिए कृत संकल्पित सरकार के कदमों पर राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के धमोखर रेंज के रायपुर सर्किल के उप वनपाल पैर में बंधे पत्थर साबित हो रहे हैं। बताया जाता है कि यह उप वनपाल पिछले एक दशक से यहाँ पदांकित होकर आदिवासियों का जमकर शोषण कर रहे हैं। बताया जाता है कि आदिवासियों का शोषण, वन्य प्राणियों का शिकार, और वन संपदा के दोहन की इनकी कुशलता और उससे प्राप्त काली कमायी के कारण यह उप वनपाल  राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों का कमाऊ पूत बनकर उभरा है और इसी के बदौलत अधिकारी- कर्मचारी  कोई भी रहे उप वनपाल उमेश वर्मन ही रहेंगे।

अभी हाल में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस शासकीय सेवक की कलई खोलकर रख दी है। वीडियो में सकरिया निवासी रतन रैदास  से 1050 .00 रूपये हुकुम सिंह 1500.00 और  काशी रैदास  1500.00 रूपये की रिश्वत की बात बतायी गयी है। इसी तरह इन्ही अधिकारी के व्दारा रायपुर सर्किल के ग्राम पंचायत सकरिया के गिडरी में साठ वर्षीय कमल भान सिंह के बैंल (नटवा) का शिकार हो जाने के कारण वन विभाग व्दारा प्रदान की जाने वाली सहयोग राशि के बदले उप वनपाल के व्दारा खुले आम पैसो की मांग की जाती रही है और वद्ध  विकलांग आदिवासी रिश्वत की पूर्ति नहीं कर पाया तो उसने उसके मुर्गे को ही जबरन उठाकर ले गया। उप वनपाल की इस हरकत से आदिवासियों में व्यापक तौर पर क्षोभ व्याप्त है। खेद जनक कहा जाता है कि इन चार वीडियो के वायरल होने से राष्टीय उद्यान के अधिकारियों की    प्रतिष्ठा पर काले धब्बे लग रहे हैं परंतु आरोपित उप वनपाल को संरक्षित करने से यह सवाल उन पर लगने लगे हैं की इस रिश्वत में वरिष्ठ  अधिकारियों की सह पर ही उप वनपाल की दुकान दारी चल रही है। चार वीडियो जो  सामने आये है इस तरह की घटना कोई पहली और अनोखी नहीं है। भले ही उनका राज फाश न हो पाया हो लेकिन इनकी कार्य शैली से जन जन प्रभावित है । 

राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के कतिपय अधिकारियों के व्दारा जिस तरह आदिवासियों का शोषण करने के मामले जिस तरह प्रकाश में लगातार आ रहें हैं इस पर जिला प्रशासन के आलाकमान अधिकारियों को संज्ञान लेते हुए आदिवासियों के हितों को संवर्धन करते हुए दोषियों को दंडित करने की आवश्यक कदम उठायेंगे।

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