प्रबंधक और ठेकेदार से बातचीत में खुली परतें, सोनहा बीट के सामुदायिक भवन निर्माण की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल
प्रबंधक और ठेकेदार से बातचीत में खुली परतें, सोनहा बीट के सामुदायिक भवन निर्माण की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल
शहडोल
दक्षिण वन मंडल शहडोल के वन परिक्षेत्र बुढार के पटना सर्किल तथा खैरहा तेंदूपत्ता समिति में बन रहे सामुदायिक भवन को लेकर लगातार उठ रहे सवाल अब और गंभीर हो गए हैं। बिना टेंडर निर्माण, अवैध मुरुम उपयोग, अधिकारी–ठेकेदार की संदिग्ध भूमिका जैसे मुद्दों पर पहले से ही संदेह था, जिसे प्रबंधक और ठेकेदार से हुई सामान्य बातचीत ने और मजबूत कर दिया है। सामुदायिक भवन पटना सर्किल के सोनहा बीट में वन परिक्षेत्र बुढार द्वारा निर्माण किया जा रहा है।
ललन सिंह ठेकेदार निवासी नंदामन (अनूपपुर), ने बताया ₹150 स्क्वायर फीट के हिसाब से मुझे काम खैरहा तेंदूपत्ता समिति के नोडल अधिकारी डिप्टी रेंजर जयप्रकाश मौर्य ने दिया है। पहले रेट कम था, फिर बढ़ाकर ₹150 किया गया, तब भी मुझे उचित नहीं लगा क्योंकि बाजार रेट ₹160 स्क्वायर फीट है। बार-बार कहने पर मैंने काम स्वीकार किया और भवन निर्माण शुरू कराया। हम केवल मिस्त्री–मजदूर देते हैं, मटेरियल कोई अन्य देता है। मिस्त्री को ₹450 प्रतिदिन देता हूँ। काम आवश्यकता अनुसार मजदूर देकर लगातार चलाया जा रहा है।
खैरहा तेंदूपत्ता समिति के प्रबंधक मो. सगीर खान ने बातचीत में कहा की मुझे मजदूरी भुगतान करने को कहा गया है। मीटिंग में मैंने साफ कहा था कि भवन निर्माण समिति के लोग ही कराएं। लेकिन शहडोल के अधिकारियों ने बताया कि वर्क ऑर्डर रेंज ऑफिसर को मिला है। मुझे यह जानकारी नहीं है कि काम किसे दिया गया है, लेकिन किसी और के माध्यम से काम कराया जा रहा है।”“आप सही तथ्यों पर काम कर रहे हैं। प्रबंधक का यह कथन साफ संकेत देता है कि निर्माण प्रक्रिया पारदर्शिता से पूरी तरह बाहर चल रही है और विभागीय स्तर पर गहरा भ्रम मौजूद है।
बातचीत मात्र से सामने आए ये तथ्य साबित करते हैं कि सामुदायिक भवन निर्माण में—आदेश स्पष्ट नहीं, टेंडर अनुपस्थित,ठेके का स्रोत संदिग्ध,मटेरियल सप्लाई किसी तीसरे द्वारा,फंड शहडोल का, ठेकेदार अनूपपुर का,मुरुम का स्रोत भी अस्पष्ट पूरा मामला वन विभाग के निर्माण कार्यों में गहरी अनियमितता और जवाबदेही के अभाव की ओर संकेत करता है।


