शादी का झांसा देकर नवयुवती का शारीरिक शोषण का आरोपी गिरफ्तार 


अनूपपुर

थाना कोतवाली अनूपपुर क्षेत्र अंतर्गत निवासी 19 वर्षीय नवयुवती के पिता के द्वारा उसकी पुत्री दिनांक 04 अक्टूबर 2025 को घर से अनूपपुर जाने का कहने के बाद अचानक गुम हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराने पर थाना कोतवाली अनूपपुर में गुम इंसान क्रमांक 107/25 दर्ज किया जाकर तलाश पतासाजी की गई।

टी. आई. कोतवाली अरविन्द जैन के नेतृत्व में पुलिस टीम के द्वारा लगातार पतासाजी की जाकर उक्त नवयुवती को पानीपत (हरियाणा) से दस्तयाब किया गया,  जो उक्त नवयुवती के द्वारा महिला पुलिस अधिकारी एवं न्यायालय में दिये गये कथनो के आधार पर प्रकरण में इस्तयाक खान पिता मोहम्मद मुस्ताक खान उम्र करीब 20 वर्ष हाल निवासी वार्ड न. 03 राठौर मोहल्ला अनूपपुर ( मूल निवासी ग्राम रघुनाथगंज जिला रीवा )  के द्वारा उक्त नवयुवती को शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का अपराध क्रमांक 549/25 धारा 69 बी.एन.एस. एवं 3(2) (5) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर गिरफ्तार किया गया है। जिसे विशेष न्यायालय अनूपपुर द्वारा जेल भेजा गया है।

वेयरहाउस में धान की बार-बार जांच से किसान परेशान, विवाद की बनी स्थिति पुलिस पहुँची मौके पर


अनूपपुर

जिले के पयारी कदमटोला स्थित वेयर हाउस में धान लेकर पहुँचे किसानों ने सर्वेयर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि सर्वेयर धान की जांच के नाम पर उन्हें बार-बार परेशान कर रहा है। एक बार धान की गुणवत्ता जाँच में पास होने के बाद भी पुनः बार-बार अलग-अलग बहानों से जांच की जा रही है, जिससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों का कहना है कि धान तौल व भंडारण की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी की जा रही है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। उन्होंने संबंधित विभाग से मामले में संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

बताया गया कि 4 दिसंबर की सुबह 10:00 जांच को लेकर किसानों और सर्वेयर के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई, किसानों ने विवादित होने के कारण नेशनल हाईवे 43 को चक्का जाम कर दिया चक्का जाम की सूचना मिलते ही फुनगा चौकी प्रभारी सोने सिंह परस्ते अपने टीम लेकर मौके पर पहुंच गए समस्या गंभीर होने के कारण किसानों एवं सर्वे के बीच समझौता की गई तब कहीं जाकर चक्का जाम से राहत मिल पाया । पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत कर स्थिति को शांत कराया और आगे किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि विभाग जल्द ही समस्या का समाधान कर निष्पक्ष व सुचारु तरीके से धान खरीदी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।

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नर्मदा परिक्रमा वासियों से दान के नाम डराकर मोनू जैन कर रहा है अवैध वसूली, प्रशासन मौन, देखे वीडियो

*दान नाम पर लुट रहे श्रद्धालु*

अनूपपुर 

नर्मदा परिक्रमा भारत की सबसे प्राचीन, पवित्र और कठोर धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। यह परिक्रमा नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू होती है और पुनः अमरकंटक में ही समाप्त होती है। जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक में माँ नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। श्रद्धालु देश के हर कोने से आ रहे हैं, नर्मदा परिक्रमा यात्रियों को कोई परेशानी न हो इसलिए प्रशासन कई तरह की व्यवस्था बनाकर रखी है। श्रद्धालु अमरकंटक में स्थित नर्मदा कुण्ड, कपिलधारा, दूधधारा, तथा पास के स्थलों में माई की बगिया और श्री ज्वालामुखी देवी मंदिर परिक्रमा शुरू करने से पहले विशेष रूप से दर्शन किए जाते हैं। माना जाता है कि अमरकंटक में की गई पूजा और संकल्प परिक्रमा की सफलता का आधार होता है। मगर प्रशासन के सारे दावे यहाँ पर फेल नजर आ रहे हैं।

नर्मदा परिक्रमा यात्रियो को नर्मदा मंदिर से लेकर माई की बगिया समेत अन्य सभी स्थानो पर जगह-जगह भ्रमित, परेशान किया जा रहा है, लूटा जा रहा है। इसी प्रकार शोसल मीडिया में श्रद्धालुओ को बेवजह परेशान करने व दान के नाम पर अवैध रुपए वसूलने का वीडियो वायरल हो रहा है। एक वाहन मालिक जिनका नाम मोनू जैन है वह अमरकंटक में आने वाले साधु-संत, तपस्वी, भक्त श्रद्धालु, योगी, आध्यात्मिक साधक व कठिन यात्राओं के इच्छुक यात्री को आस्था के नाम पर तट परिवर्तन, दान, अमरकंटक प्रवेश के नाम, दर्शन कराने, वाहन के नाम पर प्रतिदिन पर सैकड़ो यात्रियों से हजारों रुपए की अवैध वसूली चलाकर अपना गोरखधंधा के दिनों से चला रहा है। यह मोनू जैन बच्चे, बूढ़े गरीब व महिलाओं से भी अवैध वसूली करके अपने पैर पड़वाता है। मोनू जैन यात्रियो से कहता है कि यहाँ नवली का दान लगता है और अपने आप को केवट बताकर डर दिखाकर की अगर यहाँ दान नही दिया तो नर्मदा परिक्रमा को कोई पुण्य नही मिलेगा 100 सौ रुपए से लेकर 1000 एक हजार तक ले लेता है। प्रशासन के नाक के नीचे मोनू जैन श्रद्धालुओ को लूटने का इतना बड़ा कारनामा कर रहा है और प्रशासन को सब जानकारी रहते हुए भी अनभिज्ञ नजर आ रही हैं। 

अमरकंटक का वातावरण आध्यात्मिक, शांत और देवत्व से भरा रहता है। परिक्रमा शुरू करते समय यहीं पर भक्त ‘परिक्रमा व्रत’ लेते हैं और जीवन के सभी कष्टों को माँ नर्मदा को समर्पित कर यात्रा पर निकलते हैं। नर्मदा परिक्रमा पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति, जीवन के दुखों का निवारण, मन की शांति और स्थिरता, आध्यात्मिक उन्नति, आत्मअनुशासन और तपस्या के लिए की जाती है। मगर मोनू जैन इन सभी श्रद्धालुओं के आशाओं पर पानी फेर दे रहा। श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे बहरूपियों से गरीब, असहाय यात्रियों श्रद्धालुओं को बचाकर आस्था के केंद्र अमरकंटक क्षेत्र को कालिख न लगे जल्द कार्यवाही करें।

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वेयरहाउस में धान की बार-बार जांच से किसान परेशान, विवाद की बनी स्थिति पुलिस पहुँची मौके पर

अनूपपुर

जिले के पयारी कदमटोला स्थित वेयर हाउस में धान लेकर पहुँचे किसानों ने सर्वेयर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि सर्वेयर धान की जांच के नाम पर उन्हें बार-बार परेशान कर रहा है। एक बार धान की गुणवत्ता जाँच में पास होने के बाद भी पुनः बार-बार अलग-अलग बहानों से जांच की जा रही है, जिससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों का कहना है कि धान तौल व भंडारण की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी की जा रही है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। उन्होंने संबंधित विभाग से मामले में संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

बताया गया कि 4 दिसंबर की सुबह 10:00 जांच को लेकर किसानों और सर्वेयर के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई, किसानों ने विवादित होने के कारण नेशनल हाईवे 43 को चक्का जाम कर दिया चक्का जाम की सूचना मिलते ही फुनगा चौकी प्रभारी सोने सिंह परस्ते अपने टीम लेकर मौके पर पहुंच गए समस्या गंभीर होने के कारण किसानों एवं सर्वे के बीच समझौता की गई तब कहीं जाकर चक्का जाम से राहत मिल पाया । पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत कर स्थिति को शांत कराया और आगे किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि विभाग जल्द ही समस्या का समाधान कर निष्पक्ष व सुचारु तरीके से धान खरीदी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।

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सहा. नोडल अधिकारी उमेश पाण्डेय की लापरवाही, सरकार की छवि किया धूमिल, गीता जयंती आयोजन सवाल

*हिटलरसाही रवैया से नियम व निर्देश की उड़ी धज्जियाँ*

अनूपपुर

मध्य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री  मोहन यादव द्वारा प्रदेशभर में गीता जयंती मनाए जाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके तहत 1 दिसंबर को पूरे प्रदेश में गीता जयंती समारोह आयोजित किया गया। इसी क्रम में कोतमा के मॉडल स्कूल प्रांगण में भी गीता जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया, किंतु समारोह में मध्य प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का पालन सहायक नोडल अधिकारी द्वारा नहीं किए जाने का आरोप सामने आया है, जिसके कारण पूरे क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी व प्रदेश सरकार की छवि धूमिल होती दिखाई दे रही है।

सोशल मीडिया में लगातार यह मामला चर्चा में है कि जिले के गीता जयंती सहायक नोडल अधिकारी उमेश कुमार पांडे जिला जन अभियान परिषद अधिकारी द्वारा प्रदेश सरकार व सांस्कृतिक विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं किया गया। सांस्कृतिक विभाग मंत्रालय, भोपाल द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे कि गीता जयंती समारोह में जनप्रतिनिधियों, साधु-संतों, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं सहित अन्य नागरिकों को आमंत्रित कर व्यापक रूप से कार्यक्रम आयोजित किया जाए।

किंतु आरोप है कि सहायक नोडल अधिकारी की लापरवाही व उदासीनता के चलते मॉडल स्कूल के खुले मैदान में कड़ी धूप में बिना टेंट के छात्रों को बैठने के लिए मजबूर किया गया। वहीं दूसरी ओर गीता जयंती आयोजन की जानकारी क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, साधु-संतों और यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी के जिला पदाधिकारियों तक को नहीं पहुंचाई गई। इससे स्थानीय स्तर पर भारी नाराजगी देखी जा रही है।

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि उचित सूचना न दिए जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी व मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आमजन के हित में किए जा रहे कार्यों पर पानी फेरने जैसा कार्य हुआ है। लोगों का कहना है कि गीता जयंती जैसा आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम जनभागीदारी के साथ होना चाहिए था, ताकि इसका लाभ आम जनता तक पहुंच सके, किंतु जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही ने पूरे कार्यक्रम को विवादों में ला दिया। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि इस प्रकरण की जांच कर दोषी अधिकारी के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही दोबारा न हो।

इनका कहना है।

गीता जयंती समारोह की जिम्मेदारी स्थानीय नगर पालिका अधिकारियों को सौंपी गई थी मेरा कोई लेना-देना नहीं है। 

*उमेश कुमार पांडेय, जिला जन अभियान परिषद एवं गीता जयंती समारोह सहायक नोडल अधिकारी अनूपपुर*

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शादी का झांसा देकर नवयुवती का शारीरिक शोषण का आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार 

अनूपपुर

थाना कोतवाली अनूपपुर क्षेत्र अंतर्गत निवासी 19 वर्षीय नवयुवती के पिता के द्वारा उसकी पुत्री दिनांक 04 अक्टूबर 2025 को घर से अनूपपुर जाने का कहने के बाद अचानक गुम हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराने पर थाना कोतवाली अनूपपुर में गुम इंसान क्रमांक 107/25 दर्ज किया जाकर तलाश पतासाजी की गई।

टी. आई. कोतवाली अरविन्द जैन के नेतृत्व में पुलिस टीम के द्वारा लगातार पतासाजी की जाकर उक्त नवयुवती को पानीपत (हरियाणा) से दस्तयाब किया गया,  जो उक्त नवयुवती के द्वारा महिला पुलिस अधिकारी एवं न्यायालय में दिये गये कथनो के आधार पर प्रकरण में इस्तयाक खान पिता मोहम्मद मुस्ताक खान उम्र करीब 20 वर्ष हाल निवासी वार्ड न. 03 राठौर मोहल्ला अनूपपुर ( मूल निवासी ग्राम रघुनाथगंज जिला रीवा )  के द्वारा उक्त नवयुवती को शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का अपराध क्रमांक 549/25 धारा 69 बी.एन.एस. एवं 3(2) (5) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर गिरफ्तार किया गया है। जिसे विशेष न्यायालय अनूपपुर द्वारा जेल भेजा गया है।

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परीक्षा परिणाम में देरी और व्यवस्थाओं की अव्यवस्था से छात्र परेशान, एबीवीपी ने किया प्रदर्शन सौंपा ज्ञापन 

अनूपपुर

शासकीय महाराजा मार्तंड महाविद्यालय कोतमा के विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम में देरी और कॉलेज परिसर की अव्यवस्था के कारण गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रतिनिधिमंडल ने प्राचार्य को एक ज्ञापन सौंपकर शीघ्र सुधार की मांग की है।

ABVP ने ज्ञापन में बताया कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं के आयोजन को 4 से 6 माह बीत चुके हैं, किंतु अभी तक परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं, जिससे छात्रों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। दूसरी ओर जारी परीक्षा परिणाम में भी कई विद्यार्थियों के नतीजे "withheld" या "0" अंक दर्शा रहे हैं, जिससे छात्रों में असंतोष व्याप्त है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि कॉलेज परिसर में नए भवन का निर्माण कार्य लंबे समय से रुका हुआ है। निर्माण सामग्री (लोहा, सरिया आदि) अनियंत्रित रूप से परिसर में पड़ी होने से छात्रों के आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

इसके अलावा कॉलेज प्रशासनिक व्यवस्थाओं को भी असंतोषजनक बताया गया है। छात्रों ने मांग की है कि संबंधित समितियों के प्रभारी एवं सदस्य का नाम सूचना पटल पर प्रदर्शित किया जाए, ताकि विद्यार्थी अपनी समस्याओं का सही समाधान पा सकें।

एबीवीपी ने कैंटीन की व्यवस्था चालू करने की मांग है, जिसमें आवश्यक सामानों की पूर्ति और अधिक मूल्य वसूली की न हो, उचित दर पर गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की मांग की। कॉलेज परिसर में सुरक्षा बढ़ाने हेतु सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग भी ज्ञापन में की गई है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।

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घटिया रेत, सरिया से बनी बांऊण्डी बाल की दीवार हुई तिरछी, अधिकारियों की संरक्षण में चल रहा गुणवत्ताविहीन कार्य 

उमरिया

गुणवत्ता का पैमाना माना जाने वाली रेलवे के निर्माण कार्य भी आज घटिया कार्यों की मंजिलें गढने की इबारतें लिख रहा है, तभी तो रेलवे के निर्माण कार्य भी घटिया पन की बलि चढते नजर आ रहें हैं। कभी रेलवे की गुणवत्ता मानक की मिसाल पेश की जाती रही है, बदलते परिवेश ने  रेलवे के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता को लील लिया, और रेलवे के निर्माण कार्य भी अत्यंत घटिया पूर्व और कमायी के जरिया बनकर उभरें है। निर्माण कार्यो में गुणवत्ता मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है,  नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन में चल रहें बाऊण्डी बाल और नाली निर्माण कार्य को देखने  में प्रयुक्त होते वाली घटिया सामग्री हर एक के आंखों में चुफ रही है। लोहे की प्रयुक्त सरिया और मीट्टी युक्त रेत ठेकेदार के घटिया काम की पोल खोल कर रख दी है।ठेकेदार के इन कामों को देखकर लगता है कि यह सिर्फ शासकीय धन राशि को डकारने से ज्यादा कुछ कार्य एजेंसी करना नहीं चाहती। बताया जाता है कि बाऊण्डी बाल में सरिया का प्रयोग धरातल से न कर दो ढाई फीट ऊपर से लगायी गई है, जबकि किसी भी निर्माण कार्य में ऐसा होता नहीं है। जंग युक्त लोहे की सरिया और मिट्टी युक्त रेत से निर्मित यह बाऊण्डी बाल और नाली की उम्र क्या होगी, इसको लेकर निर्माण काल से ही सवाल उठाये जाने लगे हैं, लेकिन जिन रेलवे के अधिकारियों की जिम्मेदारी घटिया पन कार्य को रोकने की होती है वह तो उन ठेकेदारो की कृपा बरसाते नजर आ रहें हैं।अगर उनकी कृपा भरी दृष्टि न होती तो  घटिया निर्माण कार्य में रोक नहीं लगायी जाती है । रेलवे की बन रही बांऊण्डी बाल की दीवार देखने में वह पूरी तरह से टेढ़ी -मेढ़ी और लहराई हुई नजर आ रही है। यह निर्माण कार्य  शासकीय धन राशि की होली खेलने से ज्यादा कुछ साबित नहीं होगा ‌। विदित होवे पिछले दिनों नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन में नव निर्मित ओभर बिज इसी गुणवत्ता हीन होने का दंश आम नागरिक उठा रहे हैं। रेलवे  के अधिकारी  भी आज के परिवेश ठेकेदारो की गुलामी के आदी हो गयें है, तभी तो रेलवे जैसे संवेदनशील विभाग में बोर्ड लगाने जैसी आवश्यक पैमाना  को लगभग गायब ही कर दिया गया है, जिसको देखकर कार्य की मूल भूत जानकारी  का आंकलन लगाया जा सकें। यहाँ से शुरू हुआ अनियमितता का खेल आखिर तक  छल कपट गुणवत्ता हीन पूरा कर शासकीय धन राशि को हडप कर ठेकेदार चलते बनते हैं और उसकी त्रासदी लोग वर्षों  भुगतते रहते हैं। अपेक्षा है कि उच्च  रेल प्रबंधन मामले की गंभीरता से लेते हुए गुणवत्ता युक्त कार्य कराने के लिए आवश्यक कदम उठायेगी।

समाचार 07 फ़ोटो 07

पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार,अधिकारियों की मिलीभगत से विकास कार्यों के नाम पर राशि का बन्दर बांट

*कार्य के गुणवत्ता के मानकों की उड़ी धज्जियां*

उमरिया 

जिले की आदिवासी जनपद पंचायत पाली में विकास कार्यों के नाम पर शासकीय राशि का व्यापक दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायतें आम हो चुकी है। इस ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर आहरित  शासकीय धन राशि का आकलन करने पर पता चलता है कि पिछले पंचवर्षीय से लेकर अब तक करोड़ों रूपये पानी में बह गये और उनकी जगह पर टूटी - फूटी क्राकींट सडकें, गुणवत्ता हीन जर्जर पुलिया, आधी -अधूरी विद्यलयों की बांऊण्डी बाल, तालाबों के नाम पर व्यापक रूप से अनियमितता कर राशि का घालमेल किया गया है।पंचायत दर्पण एप का ही एक बार अवलोकन करने पर पंचायत स्तर पर विकास कार्यों के नाम पर चल रही कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के खेल का मामला हर एक को हैरान कर देगा।

यह ऐसी ग्राम पंचायत है, जहाँ पर वर्ष 2016 के  कार्य आज भी प्रगति रत बताये जाते हैं, जबकि यह प्रगति मूल रूप से यह दर्शा रही हैं की इन विकास कार्यों के नाम पर शासकीय धन राशि का आहरण किया गया है और निर्माण के नाम पर धुंधले बिलों को लगा कर लाखों का वारा न्यारा किया गया है। कुरकुचा ग्राम में क्रांकीट सडक निर्माण कार्य स्वीकृति दिनांक 15-8-2016 राशि पांच लाख रूपये राज्य वित्त आयोग जो की जिला पंचायत स्तर से प्राप्त हुई थी, जिसे सूरज सिंह के घर से राम कृपाल सिंह की घर की ओर बनायी जानी हैं, वह तो आज भी निर्माणाधीन है ही उस पर हुये भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सी सी सडक सह नाली निर्माण कार्य के नाम पर पांचवा वित्त से स्वीकृति दिनांक 14-4-2025 से राशि  293000.00 आहरित कर कार्य कराया जा रहा है।खेद जनक कहा जाता है कि यह सी सी सडक सह नाली निर्माण कार्य कराया जा रहा है उसकी गुणवत्ता के मानकों की धज्जियां उड़ा कर रख दी गई।

*उपयंत्री से निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी लेने के लिए जनपद पंचायत से प्राप्त दूरभाष नंबर पर लगातार उनसे  संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।*

समाचार 08 फ़ोटो 08

प्रेमिका के फ़ोन न उठाने पर शोले का वीरू बनकर टॉवर पर चढ़ा आशिक, प्रेमिका से बात होने पर उतरा

शहडोल

जिले के देवलोंद थाना क्षेत्र के ग्राम निमिहा में उस समय माहौल फिल्मी हो गया, जब 18 वर्षीय संतोष साकेत अचानक बिजली के विशालकाय टावर पर जा चढ़ा। हाथ में मोबाइल, चेहरे पर गुस्सा और दिल में प्रेमिका की नाराज़गी मानो शोले फिल्म का मशहूर दृश्य गांव में उतर आया हो। संतोष का दर्द यह था कि उसकी प्रेमिका पिछले कुछ दिनों से फोन नहीं उठा रही थी। गुजरात में मजदूरी कर रहे संतोष ने नाराज़गी के बाद काम छोड़कर घर लौटने तक का फैसला कर दिया था, पर दिल का गुबार नहीं निकला तो सीधा टावर पर चढ़ गया।

दोपहर 3 बजे सूचना मिलते ही देवलोंद थाना प्रभारी सुभाष दुबे टीम के साथ मौके पर पहुँचे। नीचे ग्रामीणों की भारी भीड़, किसी के मोबाइल की रील, किसी की तालियां, तो किसी की सांसें अटकीं चारों ओर माहौल पूरी तरह हाई वोल्टेज। वहीं ऊपर संतोष एक ही बात पर अड़ा था जब तक प्रेमिका बात नहीं करेगी, मैं नीचे नहीं उतरूंगा… यहीं से कूद जाऊंगा।

स्थिति गंभीर देख थाना प्रभारी सुभाष दुबे ने तत्काल ट्रांसमिशन विभाग से संपर्क कर विद्युत प्रवाह बंद कराया। रीवा से बड़े सुरक्षा-जाल भी मंगवाए गए, ताकि यदि युवक फिसले भी तो उसकी जान बच सके। पर असली कमाल तब हुआ जब थाना प्रभारी ने बेहद सूझबूझ दिखाते हुए एक अनोखी रणनीति अपनाई।

संतोष के फोन पर स्थानीय महिला कर्मचारी को उसकी प्रेमिका बनाकर बात करवाई गई। दूसरी ओर संतोष का गुस्सा और प्रेम दोनों उमड़ पड़े। जैसे ही काल्पनिक प्रेमिका ने प्यार भरे शब्दों में उसे नीचे उतरने की विनती की, संतोष का वीरू वाला जोश पिघल गया। गांव की भीड़ में सन्नाटा छा गया और एक पल में संतोष नीचे उतर आया। फिल्मी अंदाज़ में असली हीरो बनकर उभरे थाना प्रभारी सुभाष दुबे की इस चतुराई ने युवक की जान बचा ली। इसके बाद संतोष के माता-पिता को बुलाया गया और करीब दो घंटे तक थाना प्रभारी ने स्वयं काउंसलिंग कर उसकी मानसिक स्थिति को सामान्य किया। 

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