भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी ने कन्या विद्यालय में पोषण व स्वस्थ जीवन पर कार्यशाला का किया आयोजन


अनूपपुर

भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी अनूपपुर की पहल पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (कन्या) अनूपपुर में "सही पोषण एवं स्वस्थ जीवन"  विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी जिला शाखा अनूपपुर के सचिव डॉक्टर देवेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि इंडियन रेड क्रास सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे सेवा पखवाड़ा जो 17 सितम्बर से प्रारम्भ होकर के 02 अक्टूबर तक चलेगा, प्रांत से प्राप्त कार्य योजना के अनुसार आज प्रथम दिन, इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस तरह सेवा पखवाड़ा में प्रत्येक दिन सेवा गतिविधि का संचालन रेड क्रास सोसायटी के द्वारा किया जाना है जो अलग अलग विधाओं पर अलग अलग सेवा कार्य को संचालित करेगी।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता सोसाइटी के सदस्य एवं सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ. आर. पी. सोनी रहे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि संतुलित भोजन न केवल शरीर को रोगों से बचाता है बल्कि जीवनशैली को भी स्वस्थ बनाए रखता है। उन्होंने विद्यार्थियों को ताजे फल, हरी सब्ज़ियाँ, दालें और पर्याप्त पानी को अपने दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह दी।

इस अवसर पर डॉ. शिवेंद्र द्विवेदी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जंक फूड और अनियमित खानपान से कई बीमारियाँ पनप रही हैं। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे सही समय पर पौष्टिक भोजन करें और सक्रिय जीवनशैली अपनाएँ।

कार्यशाला में विद्यालय की छात्राएँ, शिक्षक-शिक्षिकाएँ तथा रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्य अशोक शर्मा, राकेश गौतम, राकेश अग्रवाल, राजा ताम्रकार,उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक  अनिल  सिंह के द्वारा किया गया तथा अंत में आभार प्रदर्शन प्राचार्य डॉ.  कौशलेन्द्र सिंह ने किया।

प्रतिबंधित क्षेत्र अपर रेस्ट हाउस क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियां तेज, MPPGCL अधिकारियों की चुप्पी पर उठे सवाल


अनूपपुर

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (MPPGCL) चचाई का अपर रेस्ट हाउस और डेम क्षेत्र, जिसे कंपनी प्रबंधन ने प्रतिबंधित घोषित किया हुआ है, अब असामाजिक गतिविधियों का गढ़ बन चुका है। हाल ही में इसी प्रतिबंधित इलाके से लगे जंगल में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आई, जिसने पावर कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था और जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि प्रतिबंधित क्षेत्र में लगातार आपराधिक घटनाएं यह साबित करती हैं कि निगरानी और सुरक्षा केवल कागज़ों पर सीमित है।

लोगों का कहना है कि अपर रेस्ट हाउस और प्रतिबंधित क्षेत्र को अधिकारियों ने "सुरक्षा क्षेत्र" की जगह "अय्याशी का सुरक्षित अड्डा" बना दिया है। जब आम लोगों की एंट्री प्रतिबंधित है तो असामाजिक तत्व वहां तक कैसे पहुंच रहे हैं। क्या अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह संभव है।आखिर कंपनी प्रतिबंधित क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीर क्यों नहीं है।

चचाई पावर प्रोजेक्ट का प्रतिबंधित रेस्ट हाउस और डेम क्षेत्र कंपनी के लिए संवेदनशील और रणनीतिक जगह माना जाता है, लेकिन बार-बार अपराध और अधिकारियों की चुप्पी यह संकेत देती है कि प्रबंधन जिम्मेदारी से आंखें मूंदे बैठा है। यदि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह प्रतिबंधित क्षेत्र आगे भी अपराधियों के लिए पनाहगाह बना रहेगा।

*मीडिया ने इस पूरे मामले पर कंपनी के चीफ इंजीनियर तनवीर अहमद से संपर्क कर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।*

प्रदेश अध्यक्ष जमकर गरजे रेत माफिया पर, ट्रक रोका, जांची रॉयल्टी पर्ची, नही मिला समय व तारीख

*अस्पताल में गंदगी देख भड़के*


शहडोल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का शहडोल दौरा मंगलवार को कई मायनों में सुर्खियों में रहा। रीवा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल होकर लौटते समय उन्होंने अचानक शहडोल जिले के अंतिम छोर देवलौंद थाना क्षेत्र में रेत से भरी गाड़ियों को रोक लिया। इस दौरान पटवारी खुद हाईवा में चढ़े और रेत की टीपी एवं रॉयल्टी की जांच की।

जांच के दौरान उन्होंने पाया कि रॉयल्टी स्लिप में न तो दिनांक अंकित थी और न ही समय का उल्लेख किया गया था। इससे नाराज होकर उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर वैध और अवैध रेत का निर्धारण कैसे हो रहा है। पटवारी ने कहा कि प्रदेश में इस समय रेत माफिया, शराब माफिया सहित अन्य माफिया हावी हैं और सरकार पूरी तरह माफियाओं के सुपुर्द हो चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस मुद्दे पर बात करने की बात भी कही।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मौके पर मौजूद अधिकारियों और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि शहडोल और आसपास के इलाकों में धड़ल्ले से रेत के ट्रक दौड़ रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। पटवारी के अचानक निरीक्षण से रेत कारोबारियों और माफियाओं में हड़कंप मच गया।

रेत गाड़ियों की जांच के बाद पटवारी ने देवलौंद अस्पताल का भी औचक निरीक्षण किया। यहां अव्यवस्था और लापरवाही देख वे भड़क गए। अस्पताल परिसर में गंदगी और स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जो बेहद चिंताजनक है।

जीतू पटवारी ने साफ कहा कि कांग्रेस लगातार जनता की आवाज उठाती रहेगी और प्रदेश की जनता को माफियाओं और अव्यवस्था के खिलाफ लड़ाई में अकेला नहीं छोड़ेगी। उनके इस औचक दौरे ने एक ओर जहां रेत कारोबार में धांधली को उजागर किया, वहीं अस्पताल की खामियों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।

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