भालूखोदरा के जंगल में ठहरे तीनों हाथी, 37 दिनों में 100 से ज्यादा मकान , खेत, बाड़ी का कर चुके हैं नुकसान
भालूखोदरा के जंगल में ठहरे तीनों हाथी, 37 दिनों में 100 से ज्यादा मकान , खेत, बाड़ी का कर चुके हैं नुकसान
*प्रशासन की टीम लगातार कर रही है निगरानी*
अनूपपुर
दो अलग-अलग समूह में अनूपपुर जिले में छत्तीसगढ़ की सीमा को पर कर 37 दिन पूर्व आए तीन हाथी अब तक 100 से अधिक मकानो खेत,बांड़ियो में रखें तथा लगे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया हैं, हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक इन प्रवासी हाथियों के द्वारा किसी भी तरह की जनघायल, जनहानि की स्थिति निर्मित नहीं की है,वही वनविभाग का अमला पुलिस,विद्युत विभाग,ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों,गामीणो के साथ हाथियों पर निरंतर निगरानी कर रहा है आज शुक्रवार के दिन यह तीनों हाथी वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के बेनीबारी बीट अंतर्गत भालूखोदरा गांव के बैगानटोला से लगे जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं।
तीन हाथियों से एक हाथी 20 मार्च तथा दो नए प्रवासी हाथी 29 मार्च को छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे मरवाही इलाके को पार करते हुए अनूपपुर जिले में प्रवेश कर अलग-अलग विचरण करते हुए 5 अप्रैल से तीनों हाथी आपस में मिलकर निरंतर आज 37 वें दिन जिले के जैतहरी,अनूपपुर क्षेत्र में विचरण करते हुए विगत 5 दिनों से राजेंद्रग्राम इलाके के अंचलों में पहुंचकर निरंतर विचरण करते हुए अब तक लगभग 100 से अधिक ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर खेत एवं बाडियों में लगे तथा रखे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बना चुके हैं गुरुवार के दिन तीनों हाथी करनपठार वन बीट के क्योटार गांव से लगे जंगल में दिनभर विश्राम करने बाद देर शाम एवं रात को जंगल से निकल कर क्योटार,लीलाटोला गांव से पार करते हुए हिरनाछापर,दर्रापानी गांव में शंकर पिता अगरिया बैगा के घर का दरवाजा तोड कर,चरन पिता चैता बैगा के घर में तोड़फोड़ कर मक्का की फसल आहार बनाते हुए शुक्रवार की सुबह चिरईपानी से बेनीबारी वन बीट अंतर्गत ग्राम पंचायत रौषरखार के भालूखोदरा गांव के बैगानटोला से लगे जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं जो देर रात होने पर किस ओर विचरण करेंगे यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा तीनों हाथियों के निरंतर विचरण करने पर वनविभाग द्वारा ग्रामीणो एवं हाथियों की सुरक्षा के उद्देश्य गस्ती दल बनाकर निरंतर निगरानी करते हुए ग्रामीणों को सचेत एवं सतर्क करते चले आ रहे हैं जिस कारण एक माह से अधिक समय होने के बाद भी हाथियों से अब तक किसी भी तरह की जनघायल एवं जनहानि की स्थिति निर्मित नहीं हो सकी है हला कि ग्रामीणो के नजदीक पहुंचने पर बीच-बीच में तीनों हाथियों द्वारा आपकी सुरक्षा को देखते हुए जोर जोर से चिंघाडते एवं दौडाते रहते हैं हाथियों के निरंतर विचरण से हाथियों के द्वारा किए जा रहे नुकसान पर जिला प्रशासन एवं वनविभाग के निर्देश पर मैदानी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे कर नुकसानी का प्रकरण तैयार कर राहत राशि प्रदान किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।