महाप्रयाण महंत श्रीराम बालक दास को श्रद्धालु, धर्मप्रेमियों ने पुण्य स्मरण करते हुये श्रद्धा सुमन अर्पित किये
महाप्रयाण महंत श्रीराम बालक दास को श्रद्धालु, धर्मप्रेमियों ने पुण्य स्मरण करते हुये श्रद्धा सुमन अर्पित किये
*मंदिर के नवीन महंती पर अर्जुन दास जी को विधि - विधान पूर्वक अभिषिक्त किया गया*
शहडोल-बुढार
श्रीराम जानकी मंदिर के साकेतवासी महन्त श्री राम बालक दास जी के सोलहवीं पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, और विशाल भंडारा में सभी धर्मों के धर्मावलंबियों ने मंदिर पहुंचकर अपनी सहभागिता निभाई, वहीं मंदिर के नवीन महन्त का दात्यिव अर्जुन दास को सौंपा गया।
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या न्यास के अध्यक्ष कमलनयन दास तथा डॉ. रामानंद दास की गौरवमयी उपस्थिति में श्रीराम जानकी मंदिर के पूज्य साकेतवासी महन्त श्रीराम बालक दास महाराज के 16वीं कार्यक्रम अवसर पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर धर्मप्रेमियों तथा श्रद्धालुओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये, और श्रद्धांजलि सभा में महन्त के निष्ठा व समर्पण को पुण्य स्मरण किये।
महंत के महाप्रयाण उपरान्त सन्त परंपरा के अनुरूप 16वीं का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न धर्मो के धर्मावलंबियों ने मंदिर पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर आयोजित भंडारा में सन्त, महात्माओं, ब्राह्मणों तथा धर्म प्रेमी सम्मिलित रहे।
रामानंद सम्प्रदाय से श्रीराम जानकी मंदिर सबब्ध है और सन्त परंपरानुरूप साकेतवासी महन्त श्रीराम बालक दास महाराज के परम शिष्य अर्जुन दास को मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में पधारे पूज्य सन्त व महात्माओं व धर्मप्रेमियों की उपस्थिति में महन्त पद पर विधि - विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन अर्चन कर महन्ती पद पर अभिषिक्त किया गया।
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या न्यास के अध्यक्ष कमलनयन दास महाराज ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुये कहाकि - श्रीराम जानकी मंदिर बुढार के साकेतवासी महन्त नारायण दास शास्त्री महाराज ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में श्रीराम बालक दास को अपने जीवन काल में महन्ती पद पर पदारूण कराया था, तब से मन्हत ठाकुर की पूजा अर्चना तथा मंदिर की सेवा में तत्पर थे, उनके साकेतवास हो जाने कारण क्षेत्र के श्रद्धालु धर्मप्रेमियों के आशा एवं आकांक्षा तथा मंशानुरूप उनके परम शिष्य अर्जुन दास को महन्त पद पर आसीन करने की वैदिक परंपरा को मणिराम छावनी अयोध्या की ओर से सहमति प्रदान की गयी, और महन्ती पद पर आसीन कराया गया।