विजय की इंजीनियरिंग से कांग्रेस के सुदृढ़ता पर सवाल, जिलाध्यक्ष का कांटों भरा ताज, क्या कांग्रेस को दिला पाएंगे विजय?

*चुनाव में कई बार किस्मत आजमा चुके, परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिली*


उमरिया

उमरिया जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के पद से नवाजे गए इंजीनियर विजय कोल की घोषणा से जिला भर में कांग्रेस और जन मानस में खलबली मच गई ।यह पहला अवसर है ,जब उमरिया जिले में किसी आदिवासी युवक को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है । इसके पहले इस पद पर अनारक्षित वर्ग के ही नेता काबिज थे , लेकिन इस बार आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण कांग्रेस ने यह प्रयोग किया है , इससे कांग्रेस को लाभ या हानि क्या होगा इसके परिणाम तो भविष्य के गर्भ में छिपा है परन्तु जो कयास लगाए जा रहे हैं , उससे साफ जाहिर होता है की जिला अध्यक्ष की यह ताज कांटों भरा हुआ है ‌। दर असल उमरिया जिला आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र है जहां पर  विधानसभा और संसदीय क्षेत्र सभी आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं , जहां पर सिर्फ आदिवासी वर्ग के लोग जन प्रतिनिधि हैं। अनारक्षित वर्ग के लिए संगठन में ही कुछ जगह बन जाती है , और उससे भी अनारक्षित वर्ग के लोग अलग कर दिये जायेगे, तो उनका राजनैतिक दलों से मोहभंग हो जायेगा , यही वजह है की भाजपा जैसे संगठन में इस तरह के प्रयोग करने से बच रही है ।

उमरिया जिले के सामाजिक संरचना की चर्चा करें तो उमरिया जिले में लगभग 54 प्रतिशत आदिवासी वर्ग और 46 प्रतिशत अन्य समुदाय के लोग निवास रत है । आदिवासी समुदाय में सर्वाधिक आबादी गोंड समुदाय की है , फिर बैगा और इसके बाद कोल समुदाय आता है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष के पद पर विजय कोल की घोषणा होने के बाद से गोंड समुदाय के मन में यह बात घर कर गई है की अगर आदिवासी समुदाय से ही बनाना था,तो गोंड समुदाय के नेताओं को वरीयता दिया जाना चाहिए था , लेकिन तीसरे पायदान पर खड़े कोल समुदाय को जिम्मेदारी सौंपने से अनारक्षित वर्ग के साथ गोंड और बैगा समुदाय के लोग भी खासा आक्रोशित बताये जा रहें हैं ।‌

कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय कोल इसके पहले तरह - तरह के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं , परन्तु किसी भी चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली है , जिससे साफ़ जाहिर होता है की क्षेत्र के जनमानस में भी उनकी खास पकड़ और स्वीकार्यता नहीं है ,जिस पैमाने पर जनता के बीच होनी चाहिए ‌।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय कोल आर्थिक रूप से भी इतने सक्षम नहीं है की सत्ता और अपने से घिरे होने के बाद कांग्रेस संगठन को बेहतर तरीके से चला सकते हैं ‌।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष के पास अब एक मौका जरूर शेष बचा है की कांग्रेस में अभी भी संगठन में अन्य पदों पर भी नियुक्तियां होनी है ,जिला कांग्रेस कमेटी का गठन होना है , ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्तियां होनी है , अगर विजय कोल इन नियुक्तियों में अपने इंजीनियरिंग का कमाल कर गये ,तो कांग्रेस जिलाध्यक्ष जिले में कुछ चमत्कार कर सकते हैं , और वह अन्यों से बेहतर संगठन चला कुशल जिलाध्यक्ष साबित हो सकतें हैं ,की कांग्रेस के लिए  प्रयोगशाला बनी उमरिया जिले के कांग्रेस के सुदृढ़ीकरण सवालों के गड़बड़ झाले में उलझ कर रह जायेगा ‌

चुनाव की समय-सीमा समाप्त, मंडल अध्यक्ष व कार्य कारणी के गठन में भाजपा आलाकमान को आ रहा पसीना

*मंडल अध्यक्ष के लिए विधायक की नियम विरुद्ध पैरवी के चलते नियुक्तियां अधर में लटकी*


उमरिया

भारतीय जनता पार्टी के संगठन में भले ही जिला अध्यक्ष बने कई महीने बीत गए , लेकिन अभी भी जिले में भाजपा की जिला कार्यकारिणी का गठन न हो पाना संगठन की सक्रियता पर सवाल खड़े कर रहा है । बताया जाता रहा है की प्रदेश अध्यक्ष के  निर्वाचन मे हुए विलंब के कारण  भी जिले की कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया ।इस सबके बीच में पिछले दिनों जिले के शेष पांच मंडल अध्यक्षों के लिए जिले से लेकर प्रदेश कार्यालय तक मंडल अध्यक्ष को लेकर रस्साकसी का खेल चला था । जिले के मंडल अध्यक्ष को लेकर अनुपयुक्त नेताओं की ताजपोशी कराने के लिए जिला संगठन से लेकर विधायक गणों ने प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल और संगठन मंत्री हितानंद जी तक अपात्रों की ताज पोशी करने की सिफारिश लेकर पहुंचे विधायकों को संगठन ने सिरे से नकारते हुए जिले में पर्यवेक्षक भेजकर जिला कार्यकारिणी और मंडल अध्यक्ष के पात्रों की नियुक्ति के नाम का पैनल मांगा गया था , जिसके परिणामस्वरूप जिले में दो पर्यवेक्षक आये थे और उन्होंने प्रमुख भाजपा नेताओं से राय सुमारी कर भोपाल कार्यालय में अपनी रिपोर्ट जमा कर दिया है , जिसके आधार पर 18-19 अगस्त तक घोषणा करने की समय बाध्यता तय की गयी थी , लेकिन तय समय-सीमा गुजरने के बाद भी प्रदेश भाजपा आलाकमान को घोषणा करने में पसीना आ रहा है ।

उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधान सभा के कोहका और करकेली मंडल अध्यक्ष के चयन के लिए जिन नामों को लेकर विधायक जी पैरवी कर रहे हैं उनमें करकेली मंडल से विनोद सिंह और कोहका मंडल से मैक्स साहू का नाम बताया जाता है । इसके पीछे वह जातीय समीकरण को साधना चाहते हैं । विनोद सिंह राठौर समाज का नेतृत्व करते हैं वही शिवकुमार साहू((मैक्स) साहू समाज से आते है । दोनों मंडलों में राठौर समाज की आबादी पायी जाती है , लेकिन कोहका मंडल में राठौर समुदाय की आबादी अधिकतम पायी जाती है , जहां से शिव कुमार साहू की ताजपोशी के लिए भाजपा विधायक जी  तय मापदण्डो की उपेक्षा करते हुए बनाना चाहते हैं , जबकि साहू समाज की आबादी अन्य समुदाय से कम है ।ऐसा नहीं है की कोहका मंडल से राठौर समुदाय के भाजपा नेता नहीं है फिर भी उनकी अनदेखी कर साहू समाज के एक अदने से  व्यक्ति के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं जबकि इनके चाल चरित्र को लेकर संगठन में तरह तरह के लांछन लगाए जा चुके हैं ।इसी तरह करकेली मंडल के जिस नेता जी की पैरवी की जा रही है वह तय आयु सीमा को पार कर चुके हैं ।इसी तरह मानपुर विधानसभा क्षेत्र के तीन मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति अनावश्यक रूप से अपात्र नेताओं की ताजपोशी के लिए अड़ायें देखें जा रहें हैं ‌, इस तरह से मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति अधर में लटकी हुई है । भाजपा जैसे विशालकाय संगठन जो की अनुशासन प्रिय और मापदण्डो के लिए जानी जाती हैं उस राष्ट्रीय दल की हालात ऐसी हास्यास्पद स्थिति से गुजर रही है की मंडल अध्यक्ष के लिए  विधायक की नियम विरुद्ध पैरवी के चलते आज भी नियुक्तियां अधर में लटकी हुई है । भाजपा आलाकमान नियुक्तियों के मामले को गंभीरता से लेते हुए अविलंब पहल करेंगे ऐसी जनापेक्षा भाजपा के कनिष्ठ -वरिष्ट कार्यकत्ताओं की मांग है ।

नाबालिग का अपहरणकर्ता व 2 वारण्टी गिरफ्तार, बिना परमिट स्कूल बस पर कार्यवाही


अनूपपुर

फरियादिया द्वारा बिजुरी थाना उपस्थित आकर जुबानी रिपोर्ट लेख कराई कि मेरी नाबालिग लडकी को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसला कर भगा ले गया है, जिसकी रिपोर्ट पर थाना बिजुरी में अपराध क्र. 230/25 धारा 137(2) बीएनएस का अपराध सदर कायम कर अनुसंधान मे लिया गया । विवेचना के दौरान बिजुरी पुलिस द्वारा उपरोक्त नाबालिग बालिका को अमलाई से दस्तयाब कर उसके माता पिता को सुपुर्दगी मे दिया गया, दस्तयाब नाबालिग बालिका द्वारा बताया गया कि उसके पडोस का रहने वाला दुर्गेश कोल पिता स्व. दशरथ कोल उम्र 22 वर्ष निवासी गलैया टोला बिजुरी का नाबालिग बालिका को शादी करने की मोबाईल फोन से बात कर जम्मू बुलाया था तथा उसे लेकर लगभग एक माह तक अपने पास रखा रहा। अपरहृता के कथन एवं सरंक्षण अपहता की मां के कथन पर पाया गया कि दुर्गेश कोल संरक्षक मां की बिना मर्जी के नाबालिग बालिका को शादी करने की बात कहकर बुला रखा था जो मामले में धारा 87 बीएनएस का ईजाफा कर आरोपी को गिरिफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया।

दो फरार फरार वारंटी को पुलिस ने किया गिरफ्तारी

थाना कोतवाली अनूपपुर पुलिस द्वारा लंबे समय से फरार चल रहे दो स्थाई गिरफ्तारी वारंट को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अनूपपुर द्वारा  धारा 279, 337,338 भारतीय दंड विधान में फरार चल रहे आरोपी रामकरण बैगा पिता प्रेमलाल बैगा उम्र करीब 29 साल निवासी बकही थाना चचाई का स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।  इसी तरह न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनूपपुर द्वारा राज वंशकार पिता ब्रजेश वंशकार उम्र करीब 19 साल निवासी चंदासटोला,  अनूपपुर के विरुद्ध धारा 294, 323 327,  506 भारतीय दंड विधान में स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। दोनों फरार चल रहे स्थाई गिरफ्तारी वारंट को माननीय न्यायालय  पेश करने पर जेल भेजा गया है

समाचार 10

बिना परमिट चल रही स्कूल बस पर कार्यवाही

जिले में सुरक्षित स्कूल बस अभियान 2.0 के तहत जिले में यातायात पुलिस द्वारा निरंतर जांच की जा रही है। इसी क्रम में आज 3 स्कूल बसों पर कार्यवाही की गई, जो नियम विरुद्ध संचालित हो रही थीं। डिवाइन वैदिक हाई स्कूल, कोतमा की बस क्रमांक MP-18-P-0223 बिना परमिट पाई गई, जिस पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया। यह विशेष अभियान 19 से 28 अगस्त तक* जिले में संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराना है।

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