किसानों को खाद न मिलने पर विधायक ने कार्यकर्ताओं के साथ किया सड़क जाम


अनूपपुर

जिले के पुष्पराजगढ़ में किसानों को खाद्य नही मिलने के मुद्दे पर पुष्पराजगढ़ के कांग्रेस विधायक फूंदेलाल सिंह मार्को ने किसानों और समर्थको के साथ चक्का जाम कर दिया। गुरुवार को दोपहर में हो रहीं रिमझिम बरसात के बीच कांग्रेस विधायक अनूपपुर राजेंद्रग्राम मार्ग में समर्थकों के साथ बैठ गए, जिससे सडक़ पर दोनों ओर से जाम लग गया। पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को और आंदोलन कारियों का कहना है कि जब तक किसानों को खाद नही मिलेगा तब तक आंदोलन चक्काजाम जारी रहेगा, दोनों तरफ भारी गाड़ियों का जमावड़ा रहा मौके पर राजेन्द्रग्राम थाना प्रभारी व पुष्पराजगढ़ एसडीएम सुधाकर सिंह बघेल पुलिस बल के साथ मौजूद थे।

इस समय बारिश पर्याप्त मात्र में हो गई है, किसान अपने खेतों में रोपा लगाने और धान की बोवाई करने में लगे हुए है, जिले में यूरिया की आवश्यकता है, पुष्पराजगढ़ में किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसान आंदोलित हो रहे है। इससे पहले भी किसान खाद के सिलसिले में आंदोलन कर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके है।

एक घंटे में कुछ अधिकारियों ने खा लिए 14 किलो ड्रायफ्रूट्स, पी ली 5 किलो चीनी डालकर 5 लीटर दूध की चाय


शहडोल

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के आला अधिकारियों के द्वारा की गई अनियमितताओं का मामला प्रकाश में आया है। शहडोल के गोहपारू ब्लॉक के भदवाही ग्राम पंचायत में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान, अधिकारियों ने मात्र एक घंटे में 14 किलो ड्रायफ्रूट्स का सेवन कर लिया, जिसका खर्च जनता के पैसों से उठाया गया। इस कार्यक्रम में कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम और अन्य कई आला अधिकारी शामिल हुए थे। इन अधिकारियों ने 5 किलो काजू, 6 किलो बादाम और 3 किलो किसमिस खाकर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा, उन्होंने 6 लीटर दूध में 5 किलो शक्कर मिलाकर चाय का भी सेवन किया। इस आयोजन का आयोजन भदवाही ग्राम पंचायत द्वारा किया गया था, जिसके लिए दी गई राशि का भुगतान विवादित बिलों के माध्यम से किया गया है।

भदवाही ग्राम पंचायत में जल चौपाल का आयोजन किया गया, जिसमें अधिकारी और ग्रामीण दोनों शामिल हुए। पता चला है कि इस आयोजन में सर्व किया गया भोजन खिचड़े, पूड़ी और सब्जी के रूप में था, जबकि अधिकारियों के नाम पर जो बिल जारी किए गए उसमें ड्रायफ्रूट्स का खर्च दिखाया गया। यह भी चर्चा है कि अधिकारियों के आगमन के लिए ग्राम पंचायत ने उचित व्यवस्था की थी, लेकिन यह सब सरकारी धन के दुरुपयोग की कहानी बयां करता है।

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, 13 किलो ड्रायफ्रूट्स के लिए 19,010 रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें अन्य सामग्री जैसे 30 किलो नमकीन और 20 पैकेट बिस्कुट का भी खर्च शामिल है। इस मामले में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि काजू की कीमत में भारी अंतर देखा गया है। एक किलो काजू 1000 रुपये में खरीदा गया, जबकि उसी दिन एक अन्य विक्रेता से काजू 600 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध था। मुद्रिका सिंह, प्रभारी जिला पंचायत सीईओ ने कहा कार्यक्रम में मैं खुद मौजूद था, लेकिन मुझे जानकारी नहीं है पता करता हूं।

आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण में लगाया जा रहा है घटिया ईंट, सरपंच, सचिव व इंजीनियर की मिलीभगत


अनूपपुर

भ्रष्टाचार के मामलों में सुर्खियां बटोरने वाले  जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत बेलियाबड़ी में आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों को ताक में रखकर काम कराया जा रहा है। महिला एवं बाल विकाश आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजना अंतर्गत शासन के सुरक्षात्मक मानकों के अनुसार लगभग 11 लाख की लागत की राशि से आंगनवाड़ी भवन तथा बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया जा रहा है।वैसे तो निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को निर्माण कार्य कराया जाना था, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच को आज तक यहां नहीं देखा गया है।काम कौन करा रहा है, इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं है। निर्माण कार्य में गुणवत्ता नदारद है। स्टीमेट के विपरीत छड़ से कालम व बीम तैयार किए गए हैं। कालमों में रिंग जो किसी निर्माण की रीढ़ होती है उसे भी मनमाना लगाया जा रहा है। वैसे विकासखंड का यह एकमात्र आंगनबाड़ी भवन नहीं है, जिसका निर्माण गुणवत्ताविहीन किया जा रहा है।कई ग्रामों में हो रहे निर्माण इसी तर्ज पर हो रहे है।

*दीवार में लग रही घटिया ईंट*

आंगनबाड़ी केंद्र के भवन के निर्माण में घटिया क्वालिटी की ईंट लगाकर खानापूर्ति की जा रही है।ग्रामीणों के अनुसार गुणवत्ताविहीन हो रहे कार्य का विरोध होने के बाद भी निर्माण एजेंसी मनमानी कर रही है।विभागीय अधिकारियों तक शिकायतें भी पहुंचती हैं, लेकिन जांच में खानापूर्ति व लेन-देन कर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है।भवन के दीवार निर्माण कार्य में भी घुली ईंटों का उपयोग कर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि अधिकारियों की अनदेखी से निर्माण एजेंसी मनमानी कर रही हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।

*इंजीनियर की अनदेखी हो रहा घटिया निर्माण* 

ज्ञात हो कि सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में इंजीनियर नियुक्त किये हैं, ताकि कोई निर्माण हो तो उसकी गुणवत्ता देख सकें,लेकिन यहां तो बिना जांच के खुलेआम घटिया निर्माण हो रहा है और वे इधर झांकना भी मुनासिब नहीं समझते, इससे सरपंच और सचिव के हौसले बुलंद हैं।सूत्रों का कहना है कि यह सब इन्ही जिम्मेदारों के आपसी सांठगांठ और कमीशन के चलते हो रहा है,यदि सही जांच हो तो पंचायत में कई और मामले भी उजागर होंगे। ग्राम पंचायत में नाडेफ,सोख्ता टैंक भी बने हैं,उसमे भी लापरवाही बरती गई है। भ्रष्टाचार के चलते सही मापदण्ड का पालन नहीं किया गया है।जिसको लेकर स्थानीय लोगो ने जल्द ही जिला कलेक्टर से शिकायत की बात कही गई है।

इनका कहना है।

इस मामले में जनपद पंचायत के इंजीनियर दुर्गेश अग्रवाल को उनके मोबाइल नम्बर पर कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नही किया।

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