स्थापित होगा 1320 मेगावाट पॉवर प्लांट, पावर हब' बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ जिला

*रोजगार के नए अवसर, किसानों, ग्रामीणों को सीधा आर्थिक लाभ, बुनियादी ढांचे का विकास*


अनूपपुर

देश में ऊर्जा उत्पादन को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में सरकार ने एक और मजबूत कदम बढ़ाया है। विद्युत मंत्रालय ने आगामी बिजली परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए हाल ही में कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। मंत्रालय ने परियोजना डेवलपर्स और उत्पादन कंपनियों के साथ व्यापक चर्चा की, ताकि निविदा के सभी पहलुओं को पारदर्शी और सुचारु बनाया जा सके। इन बैठकों में वित्तीय आवश्यकताओं, क्रियान्वयन की रणनीति और संभावित चुनौतियों पर विशेष फोकस रहा।

इसके अलावा, मंत्रालय ने रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (REC) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) जैसी प्रमुख सूचीबद्ध एनबीएफसी कंपनियों के साथ भी अहम बैठक की। बैठक में बिजली परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण के नए रास्ते तलाशे गए। इन कंपनियों की भूमिका परियोजनाओं को दीर्घकालिक ऋण और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में बेहद अहम है। सरकार का मकसद है कि देशभर में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त पूंजी सुनिश्चित की जाए।

इसी क्रम में अनूपपुर जिला अब 'पावर हब' बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां स्थापित होने जा रहे 1320 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट के लिए 822 एकड़ भूमि का अधिग्रहण दिसंबर 2012 में पूरा कर लिया गया था। यह परियोजना न्यू जोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित की जा रही है। प्रशासन ने बताया कि सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है, हालांकि सत्रह लाख रुपये का मुआवजा अभी तक नहीं उठाया गया है, जिसे जल्द वितरित करने की प्रक्रिया जारी है। इस परियोजना में रेक्सा  कोलमी गांव के  किसान प्रभावित हुए हैं, लेकिन यह पावर प्लांट इलाके के लिए आर्थिक और सामाजिक विकास की नई राह खोलेगा। परियोजना के क्रियान्वयन में कुछ देरी सरकारी नीतियों और प्रक्रियाओं के कारण हुई थी, मगर अब कार्य में तेजी आ गई है।

पावर प्लांट के शुरू होने से अनूपपुर जिले में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। किसानों और ग्रामीणों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।फुंनगा क्षेत्र सहित पूरे जिले में बुनियादी ढांचे का विकास होगा। अनूपपुर जिले को देश के बिजली मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।सरकार और निजी कंपनियों के इस संयुक्त प्रयास से स्पष्ट है कि अनूपपुर अब मध्य प्रदेश का ऊर्जा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि निविदा दस्तावेज जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे, जिससे बिजली क्षेत्र में निवेश और विकास को नई गति मिलेगी।

अपनी खुलती कलई छुपाने मंगलदीन पत्रकार को भेज रहा शोसल मीडिया पर नोटिस

*अपराधिक व व्यवहारिक क्षति का मांग रहा 1 करोड़ रूपये*


अनूपपुर

जिले में इन दिनों पत्रकारों से अभद्रता का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, जहां एक ओर कई संगठन पत्रकार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, वहीं अनूपपुर जिले मे समाचार छापने पर नोटिश भेजने का क्रम जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है, पत्रकार सुमिता शर्मा का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि पत्रकार अजय जायसवाल के खबर छापने से बौखलाकर शोसल मीडिया में मंगलदीन साहू डराने के इरादे से नोटिश भेजा है, जिसमे आपराधिक व व्यवहारिक क्षति बताते हुये 1 करोड़ रूपये की मांग अपने वकील कपिल जैन के द्वारा किया है।

मंगलदीन साहू कांग्रेस पार्टी से आते हैं, इनका राजनैतिक सफर लंबा रहा है, साथ ही आपराधिक रिकार्डो की भी फेहरिस्त लंबी बताई जाती है, साथ ही इस पार्टी से उनका निष्काशन भी होता आया है, वर्तमान में सांसद के नाम का दुरूपयोग कर निर्माण कार्यो में कमीशन लेने की जुगत में लगे दिखाई देते हैं, ऐसा ही एक मामला ग्राम परसेलकला जनपद पुष्पराजगढ़ में सामने आया जिसमें इनके द्वारा सरपंच सचिव से रिश्वत लेने की बात कही गई, जिसकी रिकार्डिंग पत्रकार अजय जायसवाल के पास उपलब्ध है, उसी को लेकर जब खबर प्रकाशित की गई तब मंगलदीन साहू अपनी खुलती कलई छिपाने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चिन्हित अखबारों में खंडन छपवाता है, फिर शोसल मीडिया के माध्यम से एडवोकेट कपिल जैन द्वारा पत्रकार अजय जायसवाल को नोटिस भेजता है, जिससे जाहिर होता है कि यह डराने का प्रयास किया जा रहा है, कानून के जानकारों की माने तो नोटिस या अन्य कानूनी दस्तावेज रजिस्ट्री, डाक अथवा रिसिविंग पत्राचार के द्वारा भेजा जाता है, महज अपनी करतूतें छुपाने के लिये डराने के उद्देश्य से एडवोकेट कपिल जैन द्वारा मंगलदीन साहू के नाम से बनाया गया नोटिश मोबाईल नंबर 9300955142 से पत्रकार अजय जायसवाल के मोबाइल नंबर 9424700666 पर दिनांक 03.05.2025 समय 11:17 पर भेजा गया है।

*एक करोड़ का मानहानि*

मंगलदीन साहू को लेकर जब अखबार में खबर लगी तब प्रतिक्रिया स्वरूप सर्वप्रथम इनके लडक़े अभिषेक साहू द्वारा फोन कर पत्रकार अजय जायसवाल को धमकाने का प्रयास किया गया, बाद में अखबार के नाम सहित प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मंगलदीन साहू अपनी कलई छुपाने का स्वांग रचा इतने में भी बात न बनने पर वकील के द्वारा नोटिस भेजी गई, वह भी शोसल मीडिया में जिसमें लिखा गया कि प्रकाशित समाचार एवं फेसबुक पोस्ट से आपराधिक एवं व्यवहारिक क्षति हुई है, मुआवजा स्वरूप एक करोड़ रूपये की राशि 15 दिनों के अंदर मांगी गई है।

*महिला पत्रकार से अभद्रता*

महिला पत्रकार सुमिता शर्मा से नगर परिषद कर्मचारियों द्वारा अभद्रता की गई थी, जिसकी शिकायत पुलिस ने दर्ज कर जांच में लिया है, इसी संगठन के सदस्य पत्रकार अजय जायसवाल द्वारा खबर प्रकाशित किये जाने पर कांग्रेसी नेता मंगलदीन साहू द्वारा शोसल मीडिया में नोटिस भेज एक करोड़ रूपये की मांग की गई है 

*यह है पूरा मामला*

जिला पंचायत व जनपद की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहे मंगलदीन साहू शनै:-शनै: निमार्ण कार्यो में जुड़ते चले गये इनके द्वारा अधिकारियों से अच्छी पहचान रखने के एवज में स्वीकृत कार्यो की जानकारी एकत्रित करना कोई बड़ी बात नही रही, इसी का फायदा उठाकर सांसद द्वारा स्वीकृत कराये गये कार्यो को अपना बताकर सांसद के नाम से कमीशन वसूलने का कार्य लंबे समय से किया जाता रहा है, जिसकी भनक शायद ही सांसद को हो ऐसा ही एक मामला परसेल कला ग्राम पंचायत का जब सामने आया तब पत्रकार अजय जायसवाल द्वारा अपने पत्रकारिता धर्म का पालन करते हुये खबर प्रकाशित की गई, जिससे बौखलाकर मंगलदीन साहू दबाव बनाने के उद्देश्य से वकील कपिल जैन द्वारा शोसल मीडिया में नोटिश भेज कर एक करोड़ रूपये की मांग कर डाली है।

*नोटिस के कुछ अंश*

नोटिश में अन्य बातों के उल्लेख के साथ यह लिखा गया है कि मंगलदीन साहू की आपराधिक क्षति हुई है, जिसके लिये एक करोड़ रूपये बतौर मानहानि मांगा जा रहा है, साथ ही कहा गया है कि नोटिस के जरिये आगाह किया जाता है कि आप मानहानि लेख की क्षतिपूर्ति 15 दिवस के भीतर एक करोड़ रूपये जमा कर रसीद प्राप्त कर लेवें और दंडित कार्यवाही पर पुर्नविचार करेंं साथ ही अपने तथाकथित समाचार पत्र में क्षमा याचना कर लें, अन्यथा मेंरा कार्यार्थी सक्षम न्यायालय में दंडिक एवं व्यवहार कार्यवाही प्रस्तुत करने पर विवस होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेंवारी आपकी होगी, इतना ही नही मंगलदीन साहू ने अपने नोटिस में यह भी लिखा है कि उनके द्वारा जिला जनसंपर्क कार्यालय में संपर्क कर यह पता किया गया है कि उक्त अखबार जनसंपर्क एक्सप्रेस जिस पर पूर्व में अजय जायसवाल द्वारा खबर प्रकाशित की गई थी, वह पंजीकृत नही है न ही इसकी कोई आधिकारिक वेबसाईट है तथा अजय जायसवाल पत्रकार ही नही हैं।

*इनका कहना है*

जनसंपर्क एक्सप्रेस अखबार जिला जन संपर्क कार्यालय में पंजीकृत है बीते कुछ वर्षों से इसका कार्य अजय जायसवाल जिला अनूपपुर में बतौर जिला ब्यूरो के तौर पर देख रहे है ।

*अमित श्रीवास्तव जन संपर्क कार्यालय अनूपपुर*

लाखों खर्च के बाद नक्षत्र वन बना उजाड़,  शासन की योजना को कैसे लगता है पलीता  

*नक्षत्र वन नही बचे नक्षत्र पेड़ पौधे, नक्षत्र वन का फेंसिंग तार हो गया चोरी*


 अनूपपुर

मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के वार्ड क्रमांक 2  पुराने प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र के सामने तथा शिक्षक क्वार्टर के बगल से बराती मे स्थानीय प्रशासन नगर परिषद के आधिपत्य का वन  में वन मंडल अनूपपुर उपवन मंडल राजेंद्र ग्राम तथा वन परिक्षेत्र अमरकंटक के द्वारा विगत 10 -12 वर्ष पूर्व  शासन की विशेष कार्य योजना के तहत नक्षत्र वन का विधिवत भूमि पूजन उद्घाटन किया गया था, उक्त नक्षत्र  वन में 27 नक्षत्रो के तहत  तदअनुरूप  पौधा रोपण किया गया था, लगभग 5 हेक्टेयर वन भूमि पर कटीले तार लगाकर फेंसिंग किया गया था तथा उक्त स्थल में जल आपूर्ति होती रहे के लिए पाइप लाइन बिछा कर पानी टंकी का का निर्माण भी हुआ था, लगभग 4 वर्षों तक उक्त नक्षत्र वन पौधे जो रोपित किए गए थे, उक्त नक्षत्र वन के विकास में लगभग शासन का 14 -15 लख रुपए खर्च  हुआ है। 

वन परिक्षेत्र अमरकंटक के द्वारा  बनाए गए नक्षत्र वाटिका में दो सुरक्षा चौकीदार निरंतर देख-रेख करते थे, उन्हें वन विभाग के द्वारा मानदेय दिया जाता रहा है, उक्त सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा नक्षत्र वन की देखरेख तथा जल से सिंचाई की जाती रही, इससे उक्त नक्षत्र वन हरा भरा रहता रहा है। क्योंकि मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग द्वारा नक्षत्र वन योजना पर शासन का बजट आवंटन  न होने से उक्त नक्षत्र वन अब उजाड़ की शक्ल ले लिया है, वह वह क्षेत्र पूरी तरीके से टूट गया उजाड़ हो गया, इसमें पालतू जानवर आते जाते हैं, उसका कोई देखरेख करने वाला नहीं रहा, इस कारण नक्षत्र वन में अब कोई भी नक्षत्र पेड़ पौधे नहीं है । नक्षत्र वन का फेंसिंग तार भी जगह-जगह से टूट गया है, चोरी चल गया है देखरेख के अभाव में  अब वहां लेंटाना बरमसिया ने ले लिया है।  

क्या योजना बंद होने से उसका रखरखाव सुरक्षा आदि भी बंद हो जाती है, इससे शासन के लाखों रूपयों का अपव्य होता है, इसी तरह और भी योजना के मद में  रकम आवंटित न होने के चलते विकास योजना प्रभावित होती है । 

अमरकंटक नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता रज्जू सिंह नेताम ने कहा कि वन परिक्षेत्र अमरकंटक के तत्कालीन वन परि क्षेत्राधिकार ने नक्षत्र वन की विधिवत स्थापना कराई थी, योजना अच्छी थी लेकिन देख-रेख सुरक्षा के अभाव में अब उक्त नक्षत्र वन का अता पता नहीं है, इससे शासन की योजना का पलीता लगा है, रकम का अपव्यय हुआ है यह अच्छी बात नहीं है । वन मंडल अनूपपुर तथा जिला प्रशासन को इस विषय में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करना चाहिए कि ऐसे योजना ना बनाएं जिसका सुरक्षा देख-देख ना हो सके, वह बियाबान की शक्ल ले ले । अमरकंटक वन परिक्षेत्र अधिकारी वीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें  नक्षत्र वन के संबंध में पर्याप्त जानकारी नहीं है, कब की योजना है इस संबंध मे जानकारी लेता हूं तथा वन मंडल अधिकारी अनूपपुर को विषय से अवगत कराकर मार्गदर्शन लूंगा ।

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