करोड़ों की शासकीय भूमि का मामला सिर्फ नोटिस तक सिमटा, दबंगो को आलीशान बंगला बनाने की खुली छूट

*शासकीय भूमि पर कब्जा कर रहे दबंगो पर, तहसीलदार साहब मेहरबान*


अनूपपुर

जिले के जनपद जैतहरी अंतर्गत विशिष्ट ग्राम कैलौरी की बेस कीमती शासकीय भूमि पर  दबंगो का कब्जा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश शासन की 17 एकड़ भूमि पर अब ऊर्जा नगरी के बाहुबलियो द्वारा अतिक्रमण कर खुलेआम निर्माण कार्य भी किया जा रहा है, और निर्माण भी ऐसा कि आपकी आंखें  चौधिया जाए, खसरा नंबर 1595 भू अभिलेखो में भले ही शासकीय भूमि के रूप में दर्ज हो, लेकिन यहां लगातार हो रहे भवन निर्माण आलीशान कोठियां खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं, कि निश्चित ही दाल में कुछ काला है या फिर यू कहे की तहसीलदार  साहब के संरक्षण में सारा खेल चल रहा है, तो यह कहना भी गलत ना होगा, पूर्व में जिले के पूर्व कलेक्टर नंद कुमारम को सूचना मात्र मिलने से ही इसी शासकीय भूमि पर  निर्माण कार्य बंद हो गया था, वहीं दूसरी ओर तहसीलदार साहब को शिकायत करने के बावजूद भी दो दर्जन से अधिक दबंगो का निर्माण कार्य फल फूल रहा है।                            

*इन्हें थमाई गई नोटिस*             

नोटिस नोटिस के इस खेल में 3 माह पहले तहसील कार्यालय से जारी हुई 248 की नोटिस मे, संजय सिंह बघेल, लाला सारंगिया, जाहिद खान, चेतन नहर, जाहिदा खातून, प्रदीप ताम्रकार, शोएब खान, राजन गुप्ता ,विजय सिंह, गुल मोहम्मद, प्रमोद कोल, विद्यावती कोल सहित अन्य कई दबंगो के नाम भी शुमार हैं।

*सुविधा शुल्क देकर भूमि पर कब्जा*

ग्राम पंचायत कैलौरी की विशिष्ट ग्राम होने की वजह से यहां की भूमि का मूल्यांकन 80 से 90 हजार रुपए डिसमिल लगभग 90 लाख रुपए एकड़ की कीमत होना बताया गया है, लेकिन अतिक्रमण करने वाले दबंगो को  यह कीमत नहीं देनी होती है और ना ही मूल्यांकन के आधार पर भूमि पर लगने वाला रजिस्ट्री शुल्क देना होता है, सिर्फ स्थानीय नेता एवं राजस्व अमले को सुविधा शुल्क देकर बड़े ही आसानी से करोड़ों रुपए की भूमिका का वारा न्यारा हो जाता है

*आखिर किसके इशारे पर हो रहा कब्जा*

बिना किसी दबाव के यदि ईमानदारी से काम करने का मौका राजस्व विभाग के किसी छोटे कर्मचारियों को भी मिल जाए तो मध्य प्रदेश शासन की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने की पहल करने के लिए एक पटवारी ही सक्षम होता है, लेकिन खसरा नं 1595 में हो रहे अतिक्रमण की लगातार शिकायत करने की बावजूद भी राजस्व अमले की कार्रवाई पूरी तरह जीरो दिख रही है, क्षेत्र में जन चर्चा की एक स्थानीय नेता के इशारे पर बेस कीमती शासकीय भूमि हड़पने की योजना को अमली जामा पहनाने में पटवारी से लेकर उच्च आधिकारी तक शामिल है, नेताजी की पेशकश पर संबंधित अधिकारियों को इस करोडो की भूमि का लाखों पहुंचा जा रहा है, तभी तो मामला सिर्फ नोटिस तक सीमित है।

*सीएम हेल्पलाइन की शिकायत भी बेअसर*

इस पूरे मामले को लेकर ऊर्जा नगरी के स्थानीय वरिष्ठ जनों ने अतिक्रमण कर रहे हैं दबंगो के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन षड्यंत्रकारी नेताजी के रसूख एवं अधिकारियों की मनमानी के आगे यह शिकायत भी बौनी साबित हुई तहसीलदार साहब द्वारा इन सभी शिकायतों को को संतुष्टि के आधार पर नहीं बल्कि मनमानी तरीके से बंद करवा दिया।

सड़क में अतिक्रमण बना परेशानी का कारण, नागरिकों ने जताई नाराज़गी


अनूपपुर 

नगर पालिका क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। नगर के प्रमुख मार्गों पर, विशेषकर इंदिरा तिराहे से अमरकंटक रोड तक, दुकानदारों ने अपनी दुकानों का विस्तार सड़क तक कर लिया है। फलस्वरूप सड़कें संकरी हो गई हैं और आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है। राहगीरों और वाहन चालकों को जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़क पर फैलते दुकानों के कारण कई बार छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन, नगर पालिका और ट्रैफिक विभाग की ओर से अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन की चुप्पी से अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद हैं।

नगरवासियों ने नियमों के पालन की माँग करते हुए कहा है कि सड़कें सार्वजनिक संपत्ति हैं और इन पर अतिक्रमण करना कानूनन अपराध है। नागरिकों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाया जाए, ताकि यातायात व्यवस्था दुरुस्त हो और दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। बताते चलें कि नगर पालिका अधिनियम और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण करने पर कार्रवाई का प्रावधान है। यदि प्रशासन तत्परता दिखाए, तो शहर की सड़कें फिर से सुचारु और सुरक्षित हो सकती हैं।नगर के सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे को लेकर शीघ्र ही एक ज्ञापन सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है।

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करोड़ों की शासकीय भूमि का मामला सिर्फ नोटिस तक सिमटा, दबंगो को आलीशान बंगला बनाने की खुली छूट

*शासकीय भूमि पर कब्जा कर रहे दबंगो पर, तहसीलदार साहब मेहरबान*

अनूपपुर

जिले के जनपद जैतहरी अंतर्गत विशिष्ट ग्राम कैलौरी की बेस कीमती शासकीय भूमि पर  दबंगो का कब्जा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश शासन की 17 एकड़ भूमि पर अब ऊर्जा नगरी के बाहुबलियो द्वारा अतिक्रमण कर खुलेआम निर्माण कार्य भी किया जा रहा है, और निर्माण भी ऐसा कि आपकी आंखें  चौधिया जाए, खसरा नंबर 1595 भू अभिलेखो में भले ही शासकीय भूमि के रूप में दर्ज हो, लेकिन यहां लगातार हो रहे भवन निर्माण आलीशान कोठियां खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं, कि निश्चित ही दाल में कुछ काला है या फिर यू कहे की तहसीलदार  साहब के संरक्षण में सारा खेल चल रहा है, तो यह कहना भी गलत ना होगा, पूर्व में जिले के पूर्व कलेक्टर नंद कुमारम को सूचना मात्र मिलने से ही इसी शासकीय भूमि पर  निर्माण कार्य बंद हो गया था, वहीं दूसरी ओर तहसीलदार साहब को शिकायत करने के बावजूद भी दो दर्जन से अधिक दबंगो का निर्माण कार्य फल फूल रहा है।                            

*इन्हें थमाई गई नोटिस*             

नोटिस नोटिस के इस खेल में 3 माह पहले तहसील कार्यालय से जारी हुई 248 की नोटिस मे, संजय सिंह बघेल, लाला सारंगिया, जाहिद खान, चेतन नहर, जाहिदा खातून, प्रदीप ताम्रकार, शोएब खान, राजन गुप्ता ,विजय सिंह, गुल मोहम्मद, प्रमोद कोल, विद्यावती कोल सहित अन्य कई दबंगो के नाम भी शुमार हैं।

*सुविधा शुल्क देकर भूमि पर कब्जा*

ग्राम पंचायत कैलौरी की विशिष्ट ग्राम होने की वजह से यहां की भूमि का मूल्यांकन 80 से 90 हजार रुपए डिसमिल लगभग 90 लाख रुपए एकड़ की कीमत होना बताया गया है, लेकिन अतिक्रमण करने वाले दबंगो को  यह कीमत नहीं देनी होती है और ना ही मूल्यांकन के आधार पर भूमि पर लगने वाला रजिस्ट्री शुल्क देना होता है, सिर्फ स्थानीय नेता एवं राजस्व अमले को सुविधा शुल्क देकर बड़े ही आसानी से करोड़ों रुपए की भूमिका का वारा न्यारा हो जाता है

*आखिर किसके इशारे पर हो रहा कब्जा*

बिना किसी दबाव के यदि ईमानदारी से काम करने का मौका राजस्व विभाग के किसी छोटे कर्मचारियों को भी मिल जाए तो मध्य प्रदेश शासन की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने की पहल करने के लिए एक पटवारी ही सक्षम होता है, लेकिन खसरा नं 1595 में हो रहे अतिक्रमण की लगातार शिकायत करने की बावजूद भी राजस्व अमले की कार्रवाई पूरी तरह जीरो दिख रही है, क्षेत्र में जन चर्चा की एक स्थानीय नेता के इशारे पर बेस कीमती शासकीय भूमि हड़पने की योजना को अमली जामा पहनाने में पटवारी से लेकर उच्च आधिकारी तक शामिल है, नेताजी की पेशकश पर संबंधित अधिकारियों को इस करोडो की भूमि का लाखों पहुंचा जा रहा है, तभी तो मामला सिर्फ नोटिस तक सीमित है।

*सीएम हेल्पलाइन की शिकायत भी बेअसर*

इस पूरे मामले को लेकर ऊर्जा नगरी के स्थानीय वरिष्ठ जनों ने अतिक्रमण कर रहे हैं दबंगो के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन षड्यंत्रकारी नेताजी के रसूख एवं अधिकारियों की मनमानी के आगे यह शिकायत भी बौनी साबित हुई तहसीलदार साहब द्वारा इन सभी शिकायतों को को संतुष्टि के आधार पर नहीं बल्कि मनमानी तरीके से बंद करवा दिया।

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हत्या कर, कार की डिक्की में शव रखकर, जंगल मे पेट्रोल डालकर लगाई आग, 2 आरोपी गिरफ्तार, 1 फरार

*पुलिस ने अंधी हत्या का हुआ खुलासा*

उमरिया

सुबह घुनघुटी-शहडोल के बीच मदारी ढावे के पास जली हुई कार में मिली लाश की शिनाख्ती जयदीप पिता स्व रणवीर सिंह उम्र 38 साल निवासी गोहलपुर के रूप में हुई है।दरअसल युवक की हत्या कर आरोपियों ने गाड़ी में डेड बॉडी रखकर पूरी गाड़ी को ही आग के हवाले कर दिया था,इस बात की जानकारी 19 अप्रैल शनिवार को पुलिस को लगी थी,जिसके बाद से ही पूरे मामले की तहकीकात में पुलिस लगी थी।हफ्ते भर के अंदर पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है।प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने बताया कि इस जघन्य हत्याकांड में तीन आरोपी शामिल थे,जिसमे दो आरोपी दानिश पिता जुम्मन मंसूरी उम्र 20 वर्ष निवासी अनूपपुर एवम अनुराग पिता प्रदीप केशरवानी उम्र 20 वर्ष निवासी अनूपपुर को गिरफ्तार कर लिया गया है।तीसरा आरोपी साहिल पिता रहीश मंसूरी उम्र 20 वर्ष निवासी अनूपपुर फिलहाल फरार है,जिसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

*मिली थी अधजली लाश*

इस जघन्य हत्याकांड में शामिल आरोपी है,जो महज 20 साल की छोटी उम्र के है। इस जघन्य हत्याकांड का शिकार हुआ मृतक जयदीप सिंह अपने ससुराल में रहता था, वह 17 अप्रैल को घर से बाहर गया था,शाम तक ससुराल पक्ष उनसे बात भी किये है, पर बाद में उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था। बताया जाता है कि इस बीच तीनो आरोपी जो मृतक के दोस्त थे,उसके साथ हो लिए,और शराब आदि की पार्टी हुई।इस बीच किसी बात को लेकर इनके बीच कहा सुनी हुई और तीनों ने मिलकर मृतक जयदीप की जान ले ली।जयदीप की मौत के बाद डेड बॉडी को इन आरोपियों ने डिक्की में डाल दिया और अनूपपुर में ही सुनसान जगह पर मृतक के साले संस्कार सिंह की ब्रेज़ा गाड़ी को छोड़ दिया।पुलिस सूत्रों की माने तो हत्या के 8 घण्टे बाद आरोपियों को खुद के फंसने का डर सताने लगा।

*शव समेत गाड़ी को किया था आग के हवाले*

साक्ष्य मिटाने की गरज से तीनो आरोपी डेड बॉडी को अनूपपुर से घुनघुटी ले आये, मदारी ढावे के पास हाइवे से 100 मीटर दूर पेट्रोल डालकर आग लगा दिए। बताया यह भी जाता है कि गाड़ी और डेड बॉडी को आग के हवाले करने शातिर आरोपियों ने डीज़ल टँकी से पेट्रोल भी लिया था। हत्या में शामिल सभी आरोपी इतने शातिर थे कि अनूपपुर और शहडोल के बीच मौजूद टोल से गाड़ी को क्रॉस नही किया, बल्कि दूसरे मार्ग का सहारा लिया है। कुल मिलाकर इस जघन्य हत्याकांड में शामिल सभी आरोपी हत्या से जुड़े सभी साक्ष्य मिटाने के प्रयास में थे, पर कहते है पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते है,शायद इसी कहावत को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर चरित्रार्थ किया है। इस जघन्य हत्ताकाण्ड को लेकर आईजी शहडोल ने 30 हजार का इनाम घोषित किया था।प्रकरण के खुलासे में एसडीओपी पाली शिव चरण बोहित के नेतृत्व में थाना प्रभारो पाली मदन लाल मरावी एवम उनकी टीम की सराहनीय भूमिका रही है।

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बिना ठेकेदार के हो रहा एफएसटीपी निर्माण, नगरपालिका के संसाधनों का ठेकेदार कर रहा है उपयोग

*अध्यक्ष की कार्यप्रणाली संदेहास्पद, नपा की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल*

अनूपपुर

नगर पालिका कोतमा में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) का निर्माण इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। हैरानी की बात यह है कि जिस कार्य के लिए बाकायदा ठेका दिया गया है, वहां ठेकेदार की गैरमौजूदगी के बावजूद नगर पालिका खुद अपने लेबर और जेसीबी मशीनों से निर्माण कार्य करा रही है। यह स्थिति न केवल निर्माण कार्य की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि प्रशासनिक नियमों की अनदेखी की भी आशंका जताई जा रही है। निर्माण स्थल पर ना तो संबंधित ठेकेदार मौजूद है और ना ही उसकी ओर से कोई सुपरवाइजरी टीम। इसके बावजूद नगर पालिका द्वारा मजदूरों और मशीनों से कार्य कराया जा रहा है।

*गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह*

अभी एफएसटीपी का कार्य पूरा होते ही दीवारों में क्रैक साफ देखने को मिलने लगा । ऊपर छत पर जो सीट का सैड लगाए गए हैं वह केवल दिखावा के लिए लगाए गए हैं, जबकि इस तरह के कई बार निर्माण किया जा चुका है, किंतु रात में चोरों द्वारा पूरी सेट को खोलकर ले जाया जाता है। 

*प्लांट केवल कागजी खानापूर्ति हेतु*

फिजिकल स्लाज ट्रीटमेंट प्लांट नगर पालिका द्वारा केवल खाना पूर्ति के लिए बनाया जा रहा है, स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम नगर में स्वच्छता का सर्वे करने आने वाली है, उसके पूर्व ही मात्र दिखावा के लिए यह प्लांट बैठाया जा रहा है।  निर्धारित स्थान में प्लांट बैठाने से पास से निकलने वाले नदी को भी नगर के गंदगी का रिसाव होने से नदी के पानी को भी प्रभावित कर सकता है, इस विषय पर नगर पालिका एवं स्वच्छता टीम को ध्यान देना चाहिए। 

*नपा के संसाधन से ठेकेदार को लाभ*

फिजिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट  निर्माण के लिए नगर पालिका द्वारा ठेका दिया गया है, जिसमें लगभग 7 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा, किंतु परिषद द्वारा स्वयं का संसाधन लगाकर प्लांट  निर्माण करने से नागरिकों ने सबसे बड़ा सवाल खड़ा किया कि नगर पालिका अध्यक्ष अजय शराफ की भूमिका को लेकर उठ रहा है। पूरे मामले पर उनकी चुप्पी संदेह को और गहरा रही है। अजय शराफ, जो पहले पारदर्शिता और जवाबदेही की बात करते थे, अब इस गंभीर विषय पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनकी निष्क्रियता ने जनप्रतिनिधित्व की जवाबदेही पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। नगरवासियों और कुछ पार्षदों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि कार्य स्वीकृत प्रक्रिया के बाहर कराया जा रहा है तो यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि भ्रष्टाचार की भी आशंका को जन्म देता है।

*इनका कहना है*

आपके माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई मैं इसे दिखवाता हूं । 

*आर एस मंडलोई, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन शहडोल*

7:30 लाख रुपया का टेंडर मिला था, जिसमें हमने 2 महीने पहले ही हैंडओवर कर दिया है, अब नगर पालिका क्या करती है इसकी जानकारी मुझे नहीं हैं, पहले भी ट्रीटमेंट प्लांट बना था, जिसमें दो बार चोरी हुई और चोरों ने पूरा सेट और सामान चुरा ले गए, अब उसकी रिपोर्ट हुई कि नहीं मुझे जानकारी नहीं ।

*अंजनी सिंह ठेकेदार*

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय मांगों पर जिलाध्यक्ष को सौपा ज्ञापन

अनूपपुर

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश की अव्हेलना कर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 4 जुलाई 2023 को भोपाल में महापंचायत बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएँ की थी। जिसके परिपालन मे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए एक नीति की सौगात दी गई, परन्तु राष्ट्रीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के द्वारा संविदा कर्मचारियों को दी गई सुविधाओं में कटौती कर अक्षरशः सुविधा प्रदान नहीं की गई जो निम्नानुसार हैं। 

विभाग में रिक्त पदों पर संविलियन किया जाकर, नियमित किया जावे। पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ई.एल. एवं मेडिकल को पृथक कर दिया है। अनुबंध प्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है। अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया है। सेवा निवृत्ति की आयु में 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष किया गया है। एन.पी.एस., ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा एवं डी.ए. की सुविधा से वंचित रखा गया है। शासन द्वारा समकक्षता (वेतन विसंगति) का निर्धारण गलत तरीके से किया गया है, जिसमें पुनः विचार कर संशोधन किया जावें। निष्कासित सपोर्ट स्टॉफ एवं मलेरिया एमपीडब्ल्यू की एनएचएम में वापसी की जाए।

संघ आपके माध्यम से प्रदेश के सवेदनशील मुख्यमंत्री से आग्रह करता है कि कर्मचारी हित में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा अनुकार संविदा नीति 2023 के समस्त बिन्दुओं का लाभ एनएचएम कर्मचारियों को अविलंब प्रदान करवाने की कृपा करे।

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पहलगाम नरसंहार के विरोध में मुर्दाबाद के लगे नारे, विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में लोगों ने दी श्रद्धांजलि

अनूपपुर

पहलगाम सामूहिक नर संहार के विरुद्ध लोगों में काफी गुस्सा है। विश्व हिन्दू परिषद महा कौशल प्रांत अनूपपुर इकाई द्वारा जिले के सभी खण्डों में सभी मृतक पर्यटकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

पहलगाम सामूहिक नर संहार के विरोध मे अनूपपुर जिला मुख्यालय मे विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व मे समाज के अलग अलग वर्ग के लोगों ने दिवंगत हिन्दू भाईयों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर महा कौशल प्रांत प्रवर्तन प्रमुख रोशन पुरी, शहडोल संसदीय क्षेत्र की लोकप्रिय सांसद हिमाद्री सिंह , शहडोल विभाग गौ रक्षा प्रमुख  पंकज मिश्रा के साथ अन्य लोग उपस्थित थे। लोगों ने भारत माता की जय , वन्दे मातरम्, पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद समाप्त हो के नारे लगाए। मशाल जलाकर, दीप प्रज्वलित कर ,पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन् किया गया।

रोशन पुरी ने बतलाया कि पहलगाम बर्बर नरसंहार के विरोध में मशाल जला कर , पाकिस्तान का पुतला दहन कर ,पुष्पांजलि अर्पित करके ,दीप जलाकर सभी खण्ड में आज एक साथ श्रद्धांजलि अर्पण के साथ आतंकवाद और पाकिस्तान के विरोध में नारे बाजी करके विरोध प्रदर्शन किया गया । इस अवसर पर एसडीओपी सुमित केरकेट्टा, नगर निरीक्षक अरविन्द जैन के साथ पुलिस बल शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिये मौके पर उपस्थित रहे।

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गुणवत्ता विहीन कार्यो पर शिवसेना ने खोला मोर्चा, घटिया पुलिया निर्माण पर रुकवाया कार्य

अनूपपुर

नगर पालिका कोतमा के कदम टोला वार्ड क्रमांक 11 में चल रहे पुलिया निर्माण कार्य को शिवसेना संभाग प्रमुख पवन पटेल द्वारा गंभीर अनियमितताओं के चलते रुकवा दिया गया। यह कार्य चार माह पूर्व किए गए शिवसेना के चक्का जाम आंदोलन के बाद प्रशासन द्वारा स्वीकृत आठ सूत्रीय मांगों के तहत शुरू किया गया था। ज्ञात हो कि विगत चार माह पूर्व, शिवसेना के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों ने नाली, पुलिया, सामुदायिक भवन, सीसी रोड जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर भालूमाड़ा-कोतमा मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया था। आंदोलन के दबाव के बाद कोतमा के एसडीएम द्वारा आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया गया था कि सभी मांगों को जल्द ही पूरा किया जाएगा। हाल ही में कदम टोला में पुलिया निर्माण कार्य की शुरुआत हुई, लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत पर यह सामने आया कि कार्य निर्धारित प्राक्कलन के विपरीत एवं बेहद घटिया गुणवत्ता से किया जा रहा है। इस पर नागरिकों ने पुनः पवन पटेल से संपर्क किया, जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर कार्य का निरीक्षण किया और गंभीर अनियमितता पाते हुए तत्काल निर्माण कार्य रुकवाया गया। पवन पटेल ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता और पारदर्शिता नहीं बरती गई तो शिवसेना एक बार फिर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। स्थानीय नागरिकों ने शिवसेना की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि यदि इस तरह नेतृत्व का साथ मिले, तो क्षेत्र में विकास के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है।

पारदर्शिता व गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल*

नगर पालिका परिषद कोतमा द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से कराए जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर जनता के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। परिषद द्वारा इन कार्यों को “जन उपयोगी” और “गुणवत्ता युक्त” बताया जा रहा है, पर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। वार्ड क्रमांक 3 रेलवे स्टेशन चौक पर वर्षों से लंबित बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन पारदर्शिता और कार्य की गति को लेकर लोगों में गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कार्य प्रारंभ हुए कई माह बीत जाने के बाद भी आज तक सिटीजन बोर्ड ना लगाना स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करता है । वहीं वार्ड क्रमांक 1 में 7 करोड़ रुपए की लागत से इंडोर स्टेडियम निर्माण खराब गुणवत्ता के कारण जेडी कार्यालय शहडोल के कार्यपालन यंत्री की निष्पक्षता एवं कार्य कुशलता के चलते गुणवत्ता हीन कार्य के चलते बिल में भारी कटौती की गई ।

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सर्प रक्षक दिव्यांसु को राज्य स्तरीय सम्मान, प्रदेश का सबसे बड़ा सर्प रक्षक सम्मान

उमरिया

मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ तहसील में पहली बार सर्प रक्षकों के सम्मान में एक भव्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सर्प रक्षकों को सम्मानित किया गया। यह आयोजन न केवल प्रकृति प्रेमियों बल्कि उन साहसी योद्धाओं को समर्पित रहा, जो बिना किसी सरकारी सुविधा के चौबीसों घंटे जनसेवा में तत्पर तैयार रहते हैं। इस गरिमामयी अवसर पर बैतूल जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे शेख परिवार के सुप्रसिद्ध सर्प रक्षक शेख मोईनुद्दीन मोईन भाई को उनके वर्षों के समर्पण और निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें कार्यक्रम में शाल, स्मृति चिन्ह और राज्य स्तरीय प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस दौरान उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए मंच से कई वक्ताओं ने उनके योगदान की सराहना की। कार्यक्रम में मंदसौर जिले के डी.एफ.ओ., जिला अध्यक्ष सहित कई जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि सर्प रक्षक समाज के वे गुमनाम नायक हैं, जो बिना किसी डर और लाभ के, अपने प्राणों की परवाह किए बिना जहरीले सर्पों को पकड़कर न केवल आम जनता की जान बचाते हैं, बल्कि जीव-जंतुओं के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। सर्प रक्षकों के प्रति शासन की उदासीनता पर भी इस मंच से चिंता जताई गई। वक्ताओं ने कहा कि आज भी यह वर्ग बिना किसी सरकारी मदद के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है, जो समाज के लिए चिंतन का विषय है। इस मौके पर सरकार से सर्प रक्षकों को पहचान और सहयोग देने की अपील भी की गई। इसी तरह से उमरिया  जिले से दिब्यासु पिता विजय पटेल मानपुर कछोहां सर्प मित्र बहुत ही कम उम्र में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित हुए। उमरिया जिला के लिए दिव्यांशु के लिए गौरव का विषय बनी हुई है। उनके सम्मान से पूरे जिले में हर्ष का माहौल है और यह निःस्वार्थ सेवा करने वालों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुका है।

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अमरकंटक वन परिक्षेत्र में आग से जलकर खाक हो रही मैकल की सुंदर वादियाँ

*प्रणाम नर्मदा युवा संघ द्वारा वनों को बचाने के लिए किया जा रहा दिनरात प्रयास*

अनूपपुर

मध्य प्रदेश का हिल स्टेशन कहा जाने वाला, मां नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक अपने शीतलता और सुरम्य वातावरण के लिए जाना जाता रहा है किंतु वर्तमान में अमरकंटक का तापमान औसत से कई गुना अधिक हो चुका है। अंधाधुंध कंक्रीट निर्माण और जंगलों का आज इसका प्रमुख कारण है। इन दिनों अमरकंटक के जंगल आग से झुलस रहे हैं | इस वर्ष फरवरी माह से ही आग जानी की घटनाएं आने लगी थी, तब से लेकर अब तक लगातार इस तरह की घटनाएं लगातार देखने को मिल रही हैं।

*आखिर आग लगने के कारण क्या है?*

वनों में आग लगने के विभिन्न कारण होते हैं, यह क्षेत्र और स्थान के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। अमरकंटक क्षेत्र में आग लगने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं, आग लगने का सबसे बड़ा कारण वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत मिलने वाले भूमि पट्टा की लालच में ग्रामीणों द्वारा आग लगा कर खेत बनाया जा सके, यह अधिनियम वनों में पीढ़ियों से निवासरत जनजाति समूहों को व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्तर पर वन अधिकार पट्टा देने का प्रावधान है किंतु सरकार और राजनीतिक पार्टियों द्वारा इसे चुनावी एजेंडा बनाकर ग्रामीणों में लालच को बढ़ा दिया है। इसी लालच के परिणाम स्वरूप वन भूमि को कब्जा करने हेतु सफाई करने के उद्देश्य वनों की तराई में आग लगाया जाता है जो पूरे जंगल को जलाकर राख कर दे रहा है, दूसरा कारण मशरूम (पिहरी/ पुटु) से संबंधित है, ग्रामीणों का मानना है कि आग लगने से अत्यधिक पिहरी/ मशरूम का उत्पादन होगा जबकि यह एक मिथक है। आग लगने का एक बड़ा कारण ग्रामीणों द्वारा पशुओं को चराने हेतु रास्ते के लिए लैंटाना को साफ करने के उद्देश्य से आग लगा दिया जाता है। आग लगने के अन्य कारण भी हैं जैसे महुआ बनने के उद्देश्य से, बड़ी सिगरेट पीकर फेक देने से, वन विभाग की कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों द्वारा वन रक्षकों से बदला लेने के उद्देश्य से तथा शिकार करने के लिए पत्तों को साफ करने के उद्देश्य तथा जंगली जानवरों को मारने के उद्देश्य आग लगाई जाती है।

*प्रशासन की भूमिका विचारणीय*

जिला प्रशासन तथा वन विभाग को आगजनी की घटनाओं से निपटने हेतु हाई अलर्ट पर रहना चाहिए था, ऐसी परिस्थितियों में भी वन विभाग अपने पुराने रवैया से कार्य कर रहा है, जिसमें सामान्य दिनों के जैसे ही मानव संसाधन की कमी होने के साथ, ही संसाधनों की कमी आग में काबू पाने के लिए नाकाम साबित हो रही है। प्रशासन द्वारा प्रदत्त ब्लोअर मशीन आए दिन खराब हो रहे हैं, सीमित संख्या के मशीन हजारों हेक्टर के वन भूमि को संरक्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं है, दमकल की गाड़ियां वनों तक पहुंचने में सक्षम नहीं है तथा समय पर उपलब्ध न होने के कारण सड़क के किनारे वाले जंगल भी नहीं बचा पा रहे हैं।

*वनों को बचाने में प्रनयुस का सराहनी प्रयास*

प्रणाम नर्मदा युवा संघ संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के विषय पर कर रहा है, संस्था द्वारा वनों को आग से बचाने के लिए गांव-गांव में सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं, साथ ही आग लगने की स्थिति पर युवाओं की टोली जंगलों में पहुंचकर आग बुझाने का भी कार्य करती है। वन परिक्षेत्र अमरकंटक के बिजोरी बीट में विगत दिन में लगे भयानक आग को काबू पाने के लिए युवा संघ के 35 सदस्यों की दल द्वारा रात 9 बजे से 1 तक आग बुझाने की कड़ी मशक्कत करके आग में काबू पाया गया।

समाचार 09

पक्षियों की प्यास बुझाने विधायक ने रखे सकोरे

शहडोल

ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए जानवरों एवं पशुओं को पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके इसके लिए विधायक श्रीमती मनीषा सिंह ने विधायक कार्यालय में पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए सकोरे रखे। विधायक ने कहा कि भीषण गर्मी के इस मौसम में हमारे नन्हे प्रकृति-पक्षियों को जल की आवश्यकता होती है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह छोटा-सा प्रयास किया गया है। यह पहल हम सभी को यह प्रेरणा देती है कि मानव मात्र ही नहीं, प्रकृति के प्रत्येक प्राणी के प्रति संवेदनशील रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने  कहा कि हम सब मिलकर अपने घर-आंगन, छत और मोहल्लों में पक्षियों के लिए पानी की छोटी-छोटी व्यवस्थाएँ करें

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