हाथी के हमले से बालक की मौत, पुलिस व वन विभाग की टीम जांच में जुटी, सतर्क रहने की सलाह


अनूपपुर

अनूपपुर जिले से लगे शहडोल जिले के बुढ़ार थाना एवं केशवाही रेंज,पुलिस चौकी अंतर्गत वरगवां 18 में गुरुवार की सुबह एक छोटा नर हाथी के द्वारा बरगवां 18 निवासी 17 वर्षीय सुरेश पिता स्व,रामेश्वर पाव पर हमला कर मृत करने बाद घटना स्थल के आगे स्थित जंगल में चला गया है घटना की जानकारी ग्रामीणों को दोपहर बाद लगने पर प्रशासन को जानकारी दिए जाने के पर प्रशासन,पुलिस विभाग एवं वन विभाग के साथ अन्य विभागों का अमला घटना स्थल पर पहुंच कर घटना की जांच कर रही है वहीं प्रशासन एवं वन विभाग के द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्र एवं रात के समय संभावित विचरण क्षेत्र के ग्रामीणों को जो गांव से बाहर या जंगल के किनारे अलग थलग रूप से अपने खेतों में घर या झोपड़ी बनाकर अकेले या परिवार के साथ रह रहे हैं ऐसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पक्के घर,छतों के ऊपर या बीच गांव में रहने की अपील मुनादी एवं अन्य माध्यमों से की गई है।

ज्ञातव्य है कि एक छोटा नर हाथी बुधवार की रात एवं गुरुवार की सुबह अनूपपुर जिले के अनूपपुर रेंज अंतर्गत पओंडई बीट के खोलगढी के जंगल में दिनभर विश्राम करने बाद देर शाम पोंड़ी बीट के खोल खोलगढी एवं बुढार तहसील एवं केशवाही रेंज के रामपुर बीट अंतर्गत बैरिहा,रामपुर,गिरवा एवं अन्य ग्रामीणों में विचरण करता हुआ गुरुवार की सुबह वरगवां गांव में पहुंचा जो नंदकुमार के खेत एवं कुआं के पास 17 वर्षीय बालक सुरेश पाव पर अचानक हमला कर मृत कर दिया है।

वृद्ध महिला ने बांध के पाइप से लगाई फांसी, पुलिस ड्यूटी जांच में


अनूपपुर

कोतवाली थाना अनूपपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत परसवार के मौहरी गांव में सुबह बकान डायवर्सन बांध के कैनाल की चांबी के समीप रेलिंग के पाइप में पड़ोस के गांव कुदारीटोला की एक 65 वर्षीय वृद्ध महिला ने पाइप से अपनी ही साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली घटना की सूचना परिजनों द्वारा कोतवाली थाना अनूपपुर को दिए जाने पर सहायक उप निरीक्षक सुखीनंद यादव पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचकर मृतिका के शव को परिजनों एवं ग्रामीणों की मदद से बाहर निकालते हुए पंचनामा कर जिला चिकित्सालय अनूपपुर में ड्यूटी डॉक्टर से पी,एम,कराने बाद अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौप कर जांच प्रारंभ की है महिला एक दिन पूर्व रात में खाना-पीना खाने बाद मोहल्ले में निकली रही जो देर रात घर नहीं पहुंची सुबह होने पर कुछ ग्रामीणों ने उसे पाइप के सहारे साड़ी फंसा कर बांध के अंदर की ओर मृत स्थिति में झूलते हुए देख रहा है,वृद्ध महिला के आत्महत्या करने का कारण प्रारंभिक जांच तक अज्ञात है।

 पिता की हत्या करने वाले पुत्र को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

*लाठी डंडे से की थी मारपीट, दो धाराओं में मिली सजा व 4 हजार जुर्माना*


अनूपपुर

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अनूपपुर पंकज जायसवाल की न्यायालय ने थाना कोतवाली के अपराध की धारा 302, 201, 34 भादवि के आरोपी गुलाब सिंह राठौर पुत्र स्वा. जयराम राठौर निवासी ग्राम सेंदुरी को अपने पिता जयराम राठौर की लाठी डंडे से मारपीट कर हत्या करने के आरोप में दो धाराओं में आजीवन करावास व 4 हजार रुपयें के अर्थदण्ड सजा सुनाई। 

 04 नवंबर 2020 को आरोपित गुलाब सिंह अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना कोतवाली में लिखाए जाने पर पुलिस द्वारा उससे साधारण पूछताछ पर वह हिचकिचाने लगा, जिस पर संदेह होने पर शक्ति से पूछताछ पर गुलाब सिंह राठौर ने बताया कि उसने 27 अक्टूबर 2020 की रात पिता को गुस्से में आकर बांस की लाठी से कई प्रहार किये जिससे उनकी मृत्यु हो गई, तत्पश्चात छोटे भाई पंकज राठौर के साथ मिलकर बोरी में मृतक जयराम के शव को भरकर घर के पीछे लाईन के उस पार जंगल की झाडियों फेंक दिया। अन्वेषण के दौरान आरोपी के द्वारा बताए स्थान पर झाडियों में बोरी में लाश बरामद किया जिसमें कीडे पड़ चुके थे और दुर्गंध आ रही थी। पुलिस ने वैज्ञानिक एवं अन्य साक्ष्यों का संकलन कर मौके पर अपराध में प्रयुक्त लाठी बोरी, खून आलूदा मिट्टी आदि अन्य सामग्री जप्त कर जांच हेतु एफएसएल सागर भिजवाया गया, मौके पर फॉरेंसिक की टीम ने भी अनुसंधान किया, सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां न्यायालय ने विचारण के दौरान साक्ष्य छुपाने के संबंध में पंकज राठौर को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करते हुए आरोपित गुलाब सिंह राठौर को हत्या सहित साक्ष्य छुपाने के आरोपो को प्रमाणित पाते हुए 302 भादवि के अपराध के लिए आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये के अर्थदण्ड तथा साक्ष्य छुपाने के लिए धारा 201 भादवि के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं।

वहीं न्यायालय ने मृतक की पत्नी को 4 लाख रूपये प्रतिकर दिलाये जाने का आदेश देते हुए निर्णय में यह टीप अंकित करते हुए कहां कि इस प्रकरण में रक्षक ही भक्षक बना है और शिकायतकर्ता ही आरोपी निकला है। इस कारण से आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से पीडिता एवं समाज को न्याय मिला है।

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