विधायक फुंदेलाल सिंह बने कांग्रेस के प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य


अनूपपुर

लाडली बहना, प्रधानमंत्री आवास, हर घर नल जल योजना जैसी तमाम उपलब्धियां को शहडोल संभाग में पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने अपनी विकास यात्रा के सामने बौना बना दिया। एवं पूरे संभाग में एकमात्र कांग्रेस विधायक के रूप में अपनी जीत दर्ज करा कर प्रदेश में अपना नाम रोशन किया।

हाल ही में लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए चुनाव समिति घोषित की है।जिसमें शहडोल संभाग से पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को को भी शामिल किया गया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी के.सी. वेणुगोपाल ने समिति की घोषणा कर दी है।

अनूपपुर जिले में जन-जन के नेता के नाम से जाने जाने वाले पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को के सदस्य चुने जाने पर जिले भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बधाई तो दी है। साथ ही शहडोल संभाग के कांग्रेस नेताओं ने भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।जिनके नेतृत्व में लोकसभा के लिए कांग्रेस के सही उम्मीदवार का चयन किया जाएगा और शहडोल संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार विजयश्री का खिताब प्राप्त करेंगे।

पवित्र नगरी में चार पहिया गाड़ी वाले घुमाने के नाम पर मचा रखा है खुलेआम लूट 

*नगर परिषद की बैठक में चर्चा कर लिया जाएगा निर्णय - सीएमओ*


अनूपपुर/अमरकंटक 

मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक एक धार्मिक और पर्यटक नगरी है । साल भर में यहां लगभग पच्चीस से तीस लाख लोगो का आवागमन होता है , जिसमे पर्यटक , श्रद्धालु , परिक्रमा वासी आदि सम्मिलित होते है । वर्ष में अनेक धार्मिक त्यौहार आते है जिसमे अचानक ही अमरकंटक में भीढ़ बढ़ जाती है । अमरकंटक का मुख्य मेला महाशिवरात्रि है जो पांच दिवसीय लगता है इस मेले में भी लाखो लोग पहुंचते है । वर्ष में अनेक त्योहार दशहरा , दिवाली , क्रिसमस , स्कूली छुट्टियां , नयासाल , मकर संक्रांति , नर्मदा जयंती , पूर्णिमा , अमावस्या , नवरात्रि आदि प्रमुख पर्वों पर अच्छी खासी लोगो की भीड़ पहुंचती है । इसी तरह मां नर्मदा जी में स्नान करने , दर्शन करने तथा नर्मदा परिक्रमा करने वाले  यहां पहुंचते है । वह सब धर्मशाला , रैन बसेरा , आश्रम , होटल आदि अपने हिसाब से विश्राम करते या रुकते है । 

इस समय भारी संख्या में नर्मदा परिक्रमावासी , परिक्रमा करते हुए अमरकंटक पहुंचते और सब चाहते है की यंहा के स्थलों का भ्रमण कर ही लिया जाय । जब टूरिस्ट लोकल चार पहिया वाहन बुलाकर अमरकंटक भ्रमण करने की बात करता है तो ड्राइवर या गाइड 1200 या 1000 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से उनको रेट भाव बतलाता है । जो जितने में फस गया , चांदी ही चांदी है । कम लेने की बात चार पहिया वाहन वाले नही करते । अगर किसी अन्य चार पहिया वाहन वाले कम पैसे लेकर घुमाने की बात करता है तो उस पर अन्य लोग तीखी टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर देते है । कई बार चार पहिया वाहनों का रेट के लेने देन के कारण भारी विवाद भी सामने आया । अमरकंटक में जो गाइड के नाम पर टूरिस्टों को भ्रमण कराते है वो चार पहिया वाहन वालों से भारी सेटिंग रहती है और लोकल कुछ गाइड ही यात्रियों , परिक्रमा वासियों को गुमराह कर भारी भरकम राशि ऐठने का कार्य करते है । जब भी किसी विश्राम , होटल स्थल पर कोई यात्री बस , परिक्रमा वाली बस , चरोधाम वाली बस पहुंचती है तब छोटे चार पहिया वाहन वाले पूरी रोड कब्जा कर एकाधिकार की बात करते है , बाहर से आए टूरिस्ट वाहन जनो को यह भी कह देते है की हम लोकल है जाओ जन्हा जो बोलना हो बोल दो । इसी समय चार पहिया के ड्राइवर और लोकल भ्रमण करने वाले जो गाइड कहलवाते है  उनकी अपनी अपनी सेटिंग शुरू हो जाती है और जितना ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को गुमराह कर अमरकंटक स्थलों का भ्रमण के नाम पर मनमानी पैसा वसूल लेना इनका धंधा बन गया है ।यात्रियों को कुछ खास प्वाइंट , स्थलों का भ्रमण कराकर टूरिस्टजनों की जेब खाली कर लेते है । टूरिस्ट कितनी भी विनती करे की आप लोग पैसा ज्यादा ले रहे हो तो सीधा जवाब , घूमना हो तो चलो अन्यथा पैदल जाओ । घूमाने के नाम पर कभी कभी चार पहिया वाहन और तीन पहिया ऑटो वालो का भी लंबा विवाद खड़ा हो जाता है , टूरिस्टो से पैसों के मोलभाव के कारण । महाराष्ट्र के पुणे से आए 80- 85 बस परिक्रमा वासी गुरुद्वारा में विश्राम हेतु रुके । उन्ही के साथी मंदा सिंधे और उषा मगर ने बताया की अमरकंटक घुमाने के लिए बारह सौ बोले फिर काफी बात के बाद फिर एक सवारी से हजार रुपए में गाड़ी वालों ने तय कर लिया है  । एक गाड़ी पर दस व्यक्तियों को बिठाया था सब से एक एक हजार सबने दिया । इन्ही के साथ पूना से आए आकाश ने भी कहा की हजार रुपए प्रति व्यक्ति देकर भ्रमण करा और कल तट परिवर्तन होगा । पूना से आए संपत कंदन भी हजार रुपए प्रति व्यक्ति देकर अमरकंटक में चार पहिया वाहन से स्थलों का भ्रमण किया , लेकिन यहां गाड़ी वाले बहुत पैसा लेते है ।

*इनका कहना है*

यह नर्मदा क्षेत्र के लिए बड़ी शर्म की बात है जो टूरिस्ट लोगो से भ्रमण के लिए मनमानी पैसा वसूला जाता है । नगर परिषद और शासन सोया हुआ है और जब लोकल गाइड ट्यूरिस्टो को मंदिर लाते है तो यात्रियों को मना कर देते है की मंदिरों में कोई भी दान , पैसा नही चढ़ाएगा।

*उत्तम द्विवेदी मुख्य पुजारी माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक*

इस बात की जानकारी लंबे समय से चर्चा बनी हुई है । इस बात को परिषद बैठक में बात रख चर्चा कर ठोस कदम उठाया जाएगा । 

*चैन सिंह सीएमओ नगर परिषद अमरकंटक*

वाहनों की अवश्य रूप से जांच कराई जाएगी।

*कलीराम परते थाना प्रभारी अमरकंटक*

यह शर्म की बात है की एक व्यक्ति से हजार बारह सौ लेकर गाड़ी वाले स्थलों का भ्रमण कराते है । इस बात पर ठोस कार्यवाही होनी ही चाहिए।

*पूर्व पार्षद श्याम लाल सेन अमरकंटक*

पंचायत में सरकारी रुपयों से ढोलक, डफली व  रेत सप्लाई के नाम पर फर्जी बिलों का हुआ भुगतान


अनुपपुर/जैतहरी

पंचायत राज अधिनियम जनता की सुविधाओं मद्देनजर रख कर बनाया गया था और इसके पीछे का उद्देश्य था कि ग्रामीण अंचलों को हर वो सुविधा मुहैया हो सके जो आम आदमी के जीवन में रोजमर्रा की समस्याओं का हल बन सके, पर भ्रष्टाचार पंचायत की सबसे बड़ी समस्या है सेंदुरी पंचायत कि सचिव रश्मि मिश्रा ने सरकारी पैसे से बड़ी ढोलक, मझिरा, डफली के साथ साथ रामचरित मानस खरीदी इसकी उपयोगिता पंचायत में क्या है समझ के परे है तो दूसरी तरफ जिम्मेदार ने बाकायदा इस बिल का भुगतान कर दिया दुर्भाग्य जनक है।

रेत सप्लाई के नाम पर फर्जी भुगतान

सेदुरी सचिव रश्मि मिश्रा ने रेत खरीदी के नाम पर छूल्हा स्टेशन के समाने चाय की दूकान चलाने वाले तीरथ प्रसाद राठौर को फर्जी बिलों के माध्यम से भुगतान कर दिया गया और बिल में जो राशि का भुगतान किया गया वो अपने आप में ये साबित करता है कि यह फर्जी बिल है चुकीं भुगतान प्राप्त करता ने आठ ट्रिप रेत का तीन हजार रूपये की दर से 24000 हजार का बिल दिया उस बिल में पंचायत ने उन्नीस हजार रूपये कि राशि का भुगतान किया अब आप सोचिए कि अगर ये बिल सही होता और रेत एक नंबर कि होती तो बाकायदा रॉयल्टी कटी होती और जब कोईरॉयल्टी से रेत लाता तो भला उसके बिल में पांच हजार रूपये कि राशि की कटौती बताती है की न तो ये रेत गिराई गई और न ही इस रेत का उपयोग पंचायत के किसी कार्य में किया गया बहरहाल इस पूरे मामले में हमने भुगतान प्राप्त कर्ता से बात कि तो उनका कहना था कि रेत की रॉयल्टी पंचायत के पास होगी सेदुरी पंचायत में ऐसे कई भुगतान है जो फर्जी बिलों के माध्यम से किए गाए पर जिम्मेदार है की इस ओर देखना भी लाजमी नहीं समझते।

इस पूरे मामले में  हमने पंचायत सचिव रश्मि मिश्रा  से बात की तो उनका कहना था रॉयल्टी भुगतान प्राप्त करता के पास होगी  और  भुगतान प्राप्त  करता ने  साफ कहा की  आप रियलिटी की जानकारी  पंचायत आए प्राप्त करे तो वही रामचरित मानस एवं अन्य सामग्री के बारे में उन्होंने कहा कि यह दूसरे मद का पैसा आया था दोनो को एडजेस्ट किया है तो क्या पंचायत सचिव सारे नियम कानून को दरकिनार कर अपने हिसाब से पंचायती राज चलाएंगे अपने आप में सवालिया निशान खड़े करता है।

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