हाथी ने घर मे की तोड़ फोड़ जान बचाकर भागे महिला, बालिका व अन्य लोग

*हाथी 20 दिनों से घर व फ़सलो को लगातार कर रहा है नुकसान, ग्रामीण परेशान*


अनूपपुर

अनूपपुर जिले में 20 दिनों से दो दांत वाले एक जंगली हाथी डेरा जमाए हुए हैं जो दिन में जंगल के बीच झाड़ियो में छिपकर आराम करने बाद रात होते ही आहार की तलाश में आसपास के पांच-दस किलोमीटर की परिधि में ग्रामीणों के घर, खेत, खलिहान आदि में रखे अनाज एवं अन्य खाने की सामग्रियों को अपना आहार बनाते हुए सुबह होने पर तेजी से भाग कर अपने अस्थाई निवास स्थल कनेरीगढ़ के जंगल में जाकर यह हाथी जंगल से निकल कर पचरीपानी टोला निवासी अनूप सिंह के घर में पहुंचकर तोड़-फोड़ कर रहा है घर के अंदर रह रहे अनूप सिंह की पत्नी, पुत्री एवं अन्य सदस्य भाग कर बीच गांव में जाकर अपनी जान बचाई है। वन परिक्षेत्र अनूपपुर के अनूपपुर बीट अंतर्गत कक्ष क्र,आर,एफ, 376 कनेरीगढ़ के जंगल के समीप पूरे दिन विश्राम करता रहा। रात को जंगल से निकल कर ताराडांड के इंदिरा आवास मोहल्ला में सागर पटेल की झोपड़ी तोड़कर बजरू उराव एवं अन्य लोगों के घर खेत खलिहानों से होता हुआ बैरहनी गांव में विचरण कर रहा था ग्रामीणों की भारी संख्या में एकत्रित होकर हाथी को बीच गांव से बाहर किए जाने के किये जा रहे प्रयास दौरान हाथी अनेको  वार ग्रामीणों को दौड़ता रहा इस बीच सूचना पर 100 डायल, पुलिस कोतवाली थाना अनूपपुर, वन विभाग के कर्मचारियों के साथ वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल,ग्राम पंचायत ताराडांड ,जमुडी, सकरा, चिल्हारी के सरपंचों एवं ग्रामीण जन प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की बात करते हुए हाथी के विचरण पर नजर बनाए रखी अनूपपुर बीट के कक्ष क्र,आर,एफ,376 कनेरीगढ़ जंगल में जाकर पूरे दिन विश्राम करने बाद देर शाम जंगल से निकलकर ग्राम पंचायत लखनपुर के पचरीपानी टोला में अनूप सिंह के आंगन एवं घर में दूसरी बार पहुंच कर आतंक मचा रहा है अचानक हाथी के आने की आहट सुन देख कर अनूप सिंह की पत्नी एवं बच्ची भाग कर बैगामोहल्ला में जाकर जान बचाई है वर्तमान समय तक यह हाथी पचरीपानी गांव में डेरा जमाया हुआ है।

ओएनडीसी के जरिये कारीगरों को सीधा लाभ दिलाएंगे- कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री जायसवाल

*कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री ने कार्यभार ग्रहण कर विभागीय योजनाओं की जानकारी ली* 


 

अनूपपुर 

कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने मंत्रालय में अपने कक्ष में विधिवत पूजा-अर्चना कर कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात राज्यमंत्री श्री जायसवाल ने विभागीय अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और संचालित योजनाओं एवं विभागीय कार्यों की जानकारी ली। इस अवसर पर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के सचिव श्री ललित दाहिमा, आयुक्त रेशम श्री मदन नागरगोजे, आयुक्त हथकरघा, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं मध्यप्रदेश संत रविदास हस्तशिल्प विकास निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती सूफिया फारूकी, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अवर सचिव श्री जी.एस. आर्य सहित अन्य विभागीय अधिकारी व जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जायसवाल ने रेशम महासंघ के अध्यक्ष का भी कार्यभार ग्रहण किया। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी अपनाने की मंशा को आत्मसात् करते हुए हम प्रदेश के कारीगरों एवं कलाकारों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य करेंगे और "प्रधानमंत्री विश्वकर्मा स्वरोजगार योजना" के तहत अधिक से अधिक हितग्राहियों को जोड़ने का प्रयास करेंगे। बजट का समुचित उपयोग कर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिये संकल्पित होकर कार्य करेंगे।विभागीय योजनाओं की जानकारी लेकर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जायसवाल ने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। इससे जरूरतमंदों को रोजगार मिलता है और उनका हुनर भी सामने आता है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने सभी कारीगरों एवं कलाकारों को उनके उत्पाद एवं कला का अधिकतम मूल्य और लाभ में सीधा हिस्सा दिलाने के लिये ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स - ओएनडीसी (भारत का अपना अमेजन) नामक खुद का स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म तैयार किया है। इस प्लेटफार्म के जरिये ग्रामीण कारीगरों को उनके उत्पादों की मार्केटिंग एवं क्रेताओं को सीधा विक्रय कर लाभ दिलाया जाएगा। यह कार्य एनएसई सिल्क इनक्यूबेटर द्वारा किया जाएगा। कारीगरों एवं कलाकारों के उत्पाद यूरोप, मध्य एशिया (मिडिल ईस्ट), अमेरिका और अन्य देशों को निर्यात किये जायेंगे। भारत सरकार के इस देशी ई-कामर्स प्लेटफार्म को सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू करने के नवोन्मेषी प्रयास किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश के कारीगरों एवं कलाकारों के उत्पादों को उनके घर से एकत्रित कर उसे ओएनडीसी प्लेटफार्म पर प्रदर्शित किया जाएगा। क्रेता अपनी पसंद के अनुसार यह उत्पाद खरीद सकेंगे। इससे उस उत्पाद के कारीगर को अधिकतम मूल्य मिलेगा और शत-प्रतिशत लाभ उसके हिस्से में आयेगा। 

बिना मेडिकल जांच के बकरियों को भेजा जा रहा है अन्य राज्य, तस्करी की आशंका


अनूपपुर

अनूपपुर जिले से बकरियों को बिना मेडिकल जांच के छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है। इसके लिए पिकअप वाहन में 30 से 40 बकरियों को भरा जाता है। इसके बाद ये बकरियां प्रदेश के अन्य जिलों के अलावा छत्तीसगढ़ भेजी जाती हैं। ऐसे में तस्करी की आशंका है। दरअसल किसी भी जानवर को दूसरे राज्य में भेजने से पहले उसकी मेडिकल जांच करानी होती है।अनूपपुर कोतवाली क्षेत्र में अंडरब्रिज के पास पशु बाजार लगता है। इस बाजार में बकरी की खरीद बिक्री की जाती है। इस पशु बाजार में छत्तीसगढ़ के पेंड्रा, मरवाही एवं अन्य जगहों से भी व्यापारी आते हैं। बकरियों को पिकअप में ठूंस कर ले जाते हैं। कोतवाली थाना से महज एक किलोमीटर की दूर बकरियों अन्य जगहों पर ले जाया जाता है। दूसरे राज्य की किसी भी बकरी को खरीदने या बेचने से पहले उसका मेडिकल कराया जाता है। जब मेडिकल में बकरियां फिट रहती हैं, तभी उन्हें खरीदा एवं बेचा जाता है। दरअसल कई तस्कर बकरियों का उपयोग गांजा, हीरा सहित अन्य चीजों की तस्करी के लिए भी उपयोग करते हैं। 

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