रेत माफिया को मिली खुली छूट अवैध घाटों से खुलेआम कर रहे है रेत का परिवहन, जिम्मेदार मौन

*रेत माफिया लठैतों के दम करवा रहे हैं रेत का अवैध उत्खनन, नदियो का अस्तित्व खतरे में*


अनूपपुर

अनूपपुर जिले में खनिज माफिया द्वारा सोन, तिपान, केवई, गोडरू, बकान, अलान सहित अन्य नदियों से रोजाना रात के समय रेत का अवैध उत्खन्न कर दर्जनों डंफर वा ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से परिवहन किया जा रहा है। जिले भर में हो रही रेत की इस चोरी पर खनिज विभाग सहित जिला प्रशासन व पुलिस विभाग पूरी तरह से मौन है। जिसके चलते खनिज माफिया सक्रिेय होकर अपना गिरोह बनाकर रेत चोरी की घटना को अंजमा देते हुए विवाद की स्थिति निर्मित करते है। जिस कारण से रेत ठेकेदार जो पूरे ज़िले का करोड़ो का रेत का ठेका लिए है उनको प्रतिदिन लाखो का नुकसान उठाना पड़ रहा है, रेत माफिया रेत ठेकेदार बस को चूना नही लगा रहे है बल्कि सरकार को भी लाखों की राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है।रेत माफिया इतने शातिर हैं कि इनकी सेटिंग पूरे जिले में रहती हैं। इनको अगर रेत का परिवहन करने से रोकने की कोशिश करते हैं तो हमला करने से चूकते। जिले के कोतवाली अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, बिजुरी एवं भालूमाड़ा थाना क्षेत्र की पुलिस इन रेत माफिया चोरो पर कार्यवाही करने से परहेज कर रही है। बस खानापूर्ति के लिए माह में एक से दो कार्यवाही करके अपनी खुद पीठ थपथपा कर अपना कोरम पूरा कर लेती हैं। खनिज विभाग व प्रशासन से रेत ठेकेदार व सरकार की क्षति से कोई मतलब नही है।

दर्जनों घाटों से रेत माफिया का काला कारोबार*

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के पांच थाना क्षेत्र में दर्जनों अवैध घाट जिनमें कोतवाली अनूपपुर अंतर्गत सीतापुर घाट, मानपुर घाट, कन्या शिक्षा परिसर के पास स्थित कचरा घाट, जेल बिल्डिंग के आगे चिल्हारी घाट, कोतमा थाना अंतर्गत निगवानी घाट, बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कोठी घाट एवं कटकोना घाट, भालूमाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत सोन नदी के भालूमाड़ा घाट, जैतहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलिया फाटक के अंदर से एवं तिपान नदी स्थित बलबहरा खदान जैतहरी से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में रेत चोरी की जा रही है। लेकिन इन थाना क्षेत्रों के थाना प्रभारी द्वारा इन अवैध रेत चोरी करने वालो पर लगाम कस पाने में अपनी असमर्थता व्यक्त करते नजर आ रहे है।

*रेत स्टॉक से रात में होता हैं परिवहन*

जिले में पसला में पिछले वर्ष रेत का स्टॉक बनाया गया था जहाँ पर अभी भी लगभग 2 हजार डंफर रेत का स्टॉक पड़ा हुआ है। इसके अलावा जिला मुख्यालय के नजदीक जेल बिल्डिंग के पास व नगदहा छुलहा के पास बड़ी मात्रा में रेत का पुराना स्टॉक मौजूद हैं। वहाँ से रात के अंधेरे में कई डंफर रेत प्रतिदिन चोरी करके बेची जाती है। इन स्टॉक से बिजुरी, कोतमा, राजनगर, अनूपपुर, जैतहरी, राजेन्द्रग्राम, चचाई के क्षेत्र के अलावा अन्य जिलों में भी अवैध रेत की सप्लाई खुलेआम की जा रही है। पसला स्टॉक में खड़ी पोकलेन खराब बताई जा रही हैं मगर रात में खराब पोकलेन चालू होकर ट्रकों में रेत लोड करती हैं। इन  रेत स्टॉक में खनिज विभाग का कोई अंकुश नही दिख रहा है।

*रेत माफिया के गुर्गे करते हैं निगरानी*

जिले में सभी जगह रेत माफिया बेरोजगार युवकों से अवैध रेत के कारोबार का काम करवाते हैं लगभग पूरे से जिले में दर्जनों युवकों को इस अवैध कार्य के लिए रखा गया हैं सभी युवक पूरे दिन घर पर सोते हैं और रात में अस्त्र, शस्त्र से लैस होकर अवैध खदानों व शहर के तिराहा, चौराहा में निगरानी व गश्त करते रहते हैं। ये युवक गस्त व निगरानी करते हुए हर मामले से निपटने को तैयार रहते हैं अभी कुछ दिनों पहले रेत ठेकेदार के लोगो पर हमला हुआ था। रेत माफिया चंद रुपया देकर लाखो कमाकर बेरोजगार युवकों से अपराध करवाने का काम करवाकर उनको अपराधी बना रहे हैं।

*नदियों का अस्तित्व खतरे में*

जिले की जीवनदायनी कही जाने वाले कई प्रमुख नदियों का अस्तित्व खतरे में है, जहां रेत चोरी करने वाले गिरोह अवैध तरीके से घाट बनाकर रात होते ही अपने-अपने वाहन को नदियों में उतार कर रेत का अवैध उत्खनन करते आसानी से देखे जा सकते है। लेकिन इन गिरोह को ना तो पुलिस का भय है और ना ही खनिज विभाग का डर है। जिनके द्वारा चोरी के रेत लोड़ कर सड़को में वाहन फर्राटा मारते नजर आ जाते है। लेकिन इन रेत लोड़ वाहनों की जांच करने जिला प्रशासन वा पुलिस विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा जहमत नही उठाई जा रही है। जिसके कारण रेत के अवैध उत्खनन पर अंकुश नही लग पा रहा है। जिले में रेत माफिया के खिलाफ प्रशासन की कार्यवाही केवल खानापूर्ति व दिखावा साबित हो रही है।

*कृषि कार्य वाले ट्रैक्टर होता है रेत का परिवहन*

जिले के अनूपपुर, कोतमा, भालूमाड़ा, जैतहरी, चचाई, राजेंद्रग्राम, वेंकटनगर सहित बिजुरी थाना क्षेत्र में कृषि कार्य के नाम पर परिवहन विभाग में ट्रैक्टर ट्रॉली पंजीकृत कर उनका उपयोग व्यावसायिक रूप से अवैध रेत के परिवहन में उपयोग करते नजर आ रहे हैं। जबकि नियमानुसार परिवहन विभाग में ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली को कमर्शियल पंजीकृत करने पर ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली की कीमत का 10 प्रतिशत टैक्स शासन को जमा करना अनिवार्य होता है, लेकिन अधिकतर ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली के मालिक द्वारा टैक्स बचाने के चक्कर में वाहन को कृषि कार्य हेतु पंजीकृत कराए हुए है। जिसके कारण परिवहन विभाग को भी लाखों रुपए की क्षति हो रही हैं। कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टर इंजन वा ट्रॉली का रेत चोरी करने में किया जा रहा है। 

*इनका कहना है*

मैं अभी कलेक्टर कार्यालय में मीटिंग में हूँ। रेत वाले मामले में खाली होकर बात करता हूँ।

*शिवकुमार सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर*

नए वर्ष पर पहुंची भारी भीड़, हजारों की संख्या में श्रद्धालु , पर्यटक पहुंचे उद्गम स्थल


अनूपपुर/अमरकंटक

मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में वर्ष 2023 की अंतिम बिदाई और वर्ष 2024 के आगमन अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु , पर्यटक पहुंचे अमरकंटक । स्कूलों की छुट्टियां , पर्व आदि कारणों से देश के अनेक प्रदेशों से तथा अमरकंटक के चारो दिशाओं के गांव , शहर से तीर्थ यात्री , पर्यटक , नर्मदा परिक्रमा वासी , चारो धाम यात्रा टूरिस्ट आदि भारी संख्या में अमरकंटक पहुंच मां नर्मदा जी का दर्शन लाभ लिए । आज हफ्तों से ज्यादा समय से अमरकंटक में लोग पहुंच कर मां नर्मदा उद्गम स्थल , मंदिर और यहां के पर्यटक स्थलों का भ्रमण कर लुफ्त उठा रहे है । खास कर नर्मदा मंदिर के बाद माई की बगिया , सोनमुड़ा, कपिलधारा , ज्वालेश्वर आदि स्थलों में भारी भीड़ देखी गई । कुछ स्थलों पर भीड़ की वजह से वाहनों की आवा जाही में परेशानी व पार्किंग के लिए भी यात्रियों को भारी दिक्कत झेलनी पड़ी । कुछ पर्यटक स्थलों पर प्रशासन की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण भी बाहर से आए वाहनों तथा टूरिस्ट जनो को कई बार पार्किंग स्थलों में तू तू - में में भी होता रहा । कई जगह होटल वाले रोड तक दुकान , कुर्सियां रख कब्जा किए हुए रखे थे , उस वजह से भी विवाद की स्थिति निर्मित हो रही थी । नए वर्ष 2024 के आगमन पर आज परिवार के अनेक सदस्यों सहित लोग जन , स्कूलों के बच्चे , टूरिस्ट , परिक्रमा वासी , पर्यटक आदि भारी संख्या में अमरकंटक पहुंचे और सुबह से श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान पश्चात नर्मदा मंदिर दर्शन किए । इस हेतु आज घंटो कतार में लगकर देवी मां नर्मदा के दर्शन किए , पूजन किए  और मंदिर प्रांगण में बने अनेक मंदिरों का दर्शन पश्चात अमरकंटक के अनेक धार्मिक , पर्यटक स्थलों का भ्रमण कर लुफ्त उठाया । अमरकंटक में आज सुबह धुंध होने के कारण लोग सूर्योदय समय का लुफ्त नही उठा सके जिससे लोगो में मायूसी भी देखी गई । 

बिजुरी से शुक्ला परिवार बेटी आरजू और फुंनगा से पांडेय परिवार सब एक साथ नए वर्ष में पधारे अमरकंटक मां नर्मदा दर्शन समय चर्चा के दौरान बताया की अमरकंटक एक धार्मिक और पर्यटक नगरी है । निश्चित ही यहां लोगो का आना जाना बना रहता है । हम परिवार सहित यहां आए सो बहुत अच्छा लगा । बच्चे भी बहुत उत्साहित है । अमरकंटक में अनेक सुंदर जगह है जहां जाने पर मन रमणीय हो जाता है लोगो को भी आनंद आता है , प्रिय लगता है । मुख्य रूप से मंदिर , माई बगिया , सोनमूड़ा , कपिलधारा , ज्वालेश्वर धाम , कल्याण आश्रम , जैन मंदिर , यंत्र मंदिर आदि जगह देखने में बड़ा आनंद की अनुभूति होती है । अमरकंटक में और भी अनेक जगह यहां पर भ्रमण के लिए स्थल है जो बहुत ही रमणीय है । चिल्हारी ग्राम(बरही) से पधारे रमाकांत तिवारी ने कहा की अमरकंटक पूरा भ्रमण करना हो तो दो तीन दिन रुक कर किया जा सकता है । हम सभी को यंहा आने पर खूब आनंद आया।

गांधीवादी विचारधारा वाली राष्ट्रीय युवा संगठन का तीन दिवसीय युवा शिविर सम्पन्न


अनूपपुर

राष्ट्रीय युवा संगठन के 3 दिवसीय युवा शिविर का आयोजन 31 दिसम्बर से 02 जनवरी 2024 तक  सामुदायिक भवन करपा में हुआ। युवा शिविर के में राष्ट्रीय युवा संगठन के राष्ट्रीय संयोजन समिति के सदस्य प्रेरणा देसाई और ज्ञानेश्वर पूर्व राष्ट्रीय संयोजक अजमत खान के साथ प्रदेश संयोजक शिवकांत त्रिपाठी, सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय युवा सेल के संयोजक भूपेश भूषण और युवा गज़लकार महेश अजनबी उपस्थित रहे। युवा  शिविर को उद्धबोधन देते हुए राष्ट्रीय युवा संगठन की मार्गदर्शक प्रेरणा देसाई ने कहा कि आपातकाल के समय जब नागरिक अधिकारों को स्थगित कर दिया गया था, उस समय जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र बचाने के लिए संघर्ष किया। आजादी की लड़ाई में सामाजिक सद्भावना, सत्याग्रह, अहिंसा जैसे मानवीय मूल्यों के आधार पर देश आजाद हुआ। आज इन मानवीय मूल्यों पर संकट है। राष्ट्रीय संयोजन समिति सदस्य ज्ञानेश्वर ने बताया कि गांधी के युवा का अर्थ है आपसी प्रेम और सत्याग्रह के साथ समाज को आगे ले जाने वाले युवक। अध्यक्ष के रूप में अपने उद्गार प्रकट करते हुए राष्ट्रीय युवा संगठन के संरक्षक भूपेश भूषण ने कहा कि मानवता को धर्म, जाति, क्षेत्र के आधार पर बांटा जा रहा है। गांधी विचार को युवाओं को समझाने के लिए आयोजित इस शिविर में शहडोल संभाग के 50 युवाओं ने भाग लिया। युवा शिविर को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संयोजन समिति के सदस्य ज्ञानेश्वर ने कहा कि सामाजिक सद्भावना, विश्व शांति, स्वदेशी का आग्रह और जाति लिंग या सम्प्रदाय के आधार पर भेदभाव मिटाना हमारे संगठन के मूल्य हैं। संगठन की मार्गदर्शक प्रेरणा देसाई ने नुक्कड़ नाटकों की सामाजिक सरोकार के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने में जो भूमिका है उस पर प्रकाश डालते हुए युवा समूहों को लघु नाटिका का प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी। प्रदेश संयोजक शिवकांत त्रिपाठी ने संगठन के संविधान का परिचय देते हुए बताया कि राष्ट्रीय युवा संगठन 15 से 35 वर्ष के युवाओं का संगठन है। गांधी, विनोबा, जयप्रकाश को अपने आदर्श के रुप में स्वीकार कर हम शिक्षण, संगठन, रचना और संघर्ष की पद्धति से युवाओं को गांधी विचार से जोड़ते हैं। महेश अजनबी ने संगठन के शिविर में प्रकृति प्रार्थना का महत्व बताते हुए कहा कि सूर्य सत्य का चन्द्र प्रेम का और पर्वत दृढ़ता का प्रतीक है। प्रेम सत्य की छाया है इसलिए सत्य के आधार पर दोस्ती बढ़ाकर संगठन मजबूत करना है। अपने उद्बोधन में पूर्व राष्ट्रीय संयोजक अजमत खान ने कहा गांधी के युवा निडर होकर सामाजिक सरोकार को लेकर संघर्ष खड़ा करने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय युवा सेल प्रभारी भूपेश भूषण ने कहा कि राष्ट्रीय युवा संगठन ने जन भागीदारी से समाज की समस्याओं का समाधान करने के अनेक आंदोलन किए हैं। क्षेत्र के गांव गांव के युवाओं की ग्राम इकाई बनाकर शिविर के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित करके संगठन और समाज को तर्कशील, प्रगतिशील और मानवीय बनाने के आयोजन होते रहेंगे। शिविर के समापन सत्र में पूर्व राष्ट्रीय संयोजक अजमत खान, सर्वसेवा संघ के युवा सेल के प्रभारी भूपेश भूषण, करपा की स्थानीय इकाई से पिंकी, संगठन के प्रदेश संयोजक शिवकांत त्रिपाठी उपस्थित रहे। समापन समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साथी चन्द्रशेखर सिंह ने और संचालन महेश अजनबी ने किया। ने वर्ष के संकल्पों के साथ शिविर सम्पन्न हुआ।

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