पेयजल योजना बनी जनता की मुसीबत, एजेंसी की लापरवाही, एमपीयूडीसी की उदासीनता, सच आया सामने
*टूटी सड़कें, खुला गड्ढा, अधूरी पाइपलाइनें बनी जानलेवा*
अनूपपुर
नगर पालिका परिषद पसान में संचालित शहरी पेयजल योजना अब नागरिकों के लिए गंभीर परेशानी बन चुकी है सात वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कार्य की गति अत्यंत धीमी है। योजना का कार्य सेंट्रल इंडिया इंजीनियरिंग, नागपुर को दिया गया, जिसे आगे अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड, भोपाल को पेटी कांट्रैक्ट के रूप में सौंपा गया। दोनों एजेंसियों की लापरवाही और एमपीयूडीसी की उदासीनता के चलते पूरे शहर की सड़कें खुदाई, धंसान और खुले गड्ढों की वजह से बदहाल हो चुकी हैं।
सीसी व बीटी सड़कें बिना योजना के काटकर अधूरी छोड़ दी गई हैं अनेक चेंबर खुले पड़े हैं, ढक्कन गायब हैं, पाइपलाइनें सड़क किनारे पड़ी हैं और नई बनी सड़कें धंस रही हैं। मुख्य सप्लाई लाइन आज तक शुरू नहीं हो सकी। सबसे गंभीर स्थिति केवई नदी पर बनाए गए अस्थायी डैम के पहली बारिश में बह जाने से उजागर हुई न उसकी मरम्मत हुई, न किसी एजेंसी पर कार्रवाई।
1 दिसंबर 2025 को की गई जांच में सामने आया कि नल–जल योजना पूरी तरह विफल हो चुकी है। अधिकांश वार्डों में खुले गड्ढे, टूटी सड़कें और अधूरी पाइपलाइनें लोगों के लिए जानलेवा बन चुकी हैं कई नागरिक गिरकर घायल भी हो चुके हैं।
वार्ड 8 के कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि एक-एक फीट गहरे गड्ढों में गिरकर लोग घायल हो रहे हैं, वहीं वार्ड 16 की शांति बाई ने कहा कि छह महीने से खोदा गड्ढा खुला है—न पानी मिलता है न सुनवाई, बच्चे तक गिरकर चोटिल हो जाते हैं इसी वार्ड की फूल मती ने बताया कि दीपावली से पहले खोदे गए गड्ढे से कई लोग घायल हुए पर देखने वाला कोई नहीं वार्ड 14 के शिवकुमार के अनुसार जेसीबी से सड़क उखाड़कर पुरानी पाइपलाइन तोड़ दी गई है न पानी मिल रहा है न सड़क बनी जबकि दिलीप (वार्ड 14) ने कहा कि पूरा रोड बीच से खोद दिया गया है, नई पाइपलाइन चली नहीं, और वार्डवासियों का जीवन नर्क बन चुका है
जिले के कलेक्टर हर्षल पंचोली ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शहडोल से जांच दल पसान भेजा। जांच टीम ने वार्ड 8 का निरीक्षण किया, जहां पहले गड्ढा खुला था, लेकिन अब भर दिया गया था, हालांकि वार्ड नम्बर 16 जहां आदिवासी महिलाओं ने पीड़ा बताई थी, वहां टीम नहीं पहुंची और लौट गई।
इनका कहना है।
“काम बंद नहीं है कुछ स्थानों पर नपा अध्यक्ष राम अवध सिंह द्वारा कार्य रुकवाया गया था। डैम को दोबारा बनाया जाएगा, लेकिन पानी भरे होने से कार्य संभव नहीं है।
*विजय सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, एमपीयूडीसी, शहडोल*
