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ब्राम्हण महिला को किसने दिलाया न्याय, कितने है ब्राम्हण समाज के ठेकेदार, कथनी करनी बड़ा अंतर
अनूपपुर
जिले के जैतहरी में भाजपा नेता अनिल गुप्ता द्वारा महिला के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग करने पर राजनीतिक पारा जिले से लेकर भोपाल तक गर्म हो गया था। कुछ लोगो ने राजनैतिक तो कुछ ने सामाजिक रंग देने की कोशिश की, कुछ विरोधियों को बैठे बिठाए मौका मिल गया जिससे वो लोग राजनैतिक रोटियां सेंकने लगे। जिले एक ब्राम्हण समाज के अल्टीमेटम के बाद 13वें दिन बाद अनिल गुप्ता ने लिखित रूप में महिला से मांफी मांग ली, जिसके बाद पूरा मामला ही खत्म हो गया। अनिल गुप्ता ने चौतरफा दबाब, पार्टी का दबाब या सिर्फ एक ब्राम्हण समाज के दबाब में आकर मांफी मांगी यह तो अनिल गुप्ता ही बता सकते हैं। मगर जिले के एक ब्राम्हण समाज के अल्टीमेटम के बाद मांफी माँगना जिसका श्रेय तो उसी ब्राम्हण समाज को जाता है। इस मामले में अनिल गुप्ता को सामाजिक क्षति बहुत ज्यादा हुई है, मां प्रतिष्ठा में कमी आयी हैं, महिला समाज व भाजपा पार्टी अब इनको हेय दृष्टि से देख रही है। अनूपपुर जिले में कई ब्राम्हण समाज संगठन कार्यरत हैं, जिनकी कार्यकारिणी बनी हुई है, जब एक ब्राम्हण महिला के ऊपर अनिल गुप्ता ने अभद्र, अशोभनीय,अमर्यादित शब्दो का उपयोग कर अपमानित किया तब एक ब्राम्हण समाज के अलावा अन्य ब्राम्हण समाज जो ब्राम्हणो के ठेकेदार बनकर ठेका लेते हैं, उनके सारे अध्यक्ष, सारी कार्यकारिणी 13 दिन कहां सो रहे थे, किस बिल में डर के मारे छुप गए थे, तब अनिल गुप्ता के खिलाफ किसी ने मोर्चा नही खोला, सभी के जवान पर लकवा मार गया, अनिल गुप्ता के पॉवर और रुतबे के आगे सभी नतमस्तक नजर आए। ब्राम्हण संगठन के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले के कथनी और करनी में बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है। जब ब्राम्हण संगठन एक महिला को न्याय नही दिलवा पाए वो पूरे समाज की रक्षा कैसे करेगा। जैसे ही अनिल गुप्ता ने मांफी माँगी उसके बाद कई ब्राम्हण संगठन के लोग पान, सब्जी व चाय दुकान में बैठकर ज्ञान बांटना शुरू कर दिए हैं और दबी जवान यह कहते हुए नह थक रहे हैं कि ब्राम्हण समाज के बहिष्कार व डर के कारण अनिल गुप्ता ने मांफी मांगी है, जबकि सत्यता कुछ और हैं। विप्र ब्राम्हण समाज ने अपमानित महिला के साथ शुरू से अंतिम समय तक खड़ी रही, धरना , प्रदर्शन, आंदोलन के लिए भी वो पूरी तरह तैयार थी। विप्र ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष रामनारायण द्विवेदी ने कहा की हमने दोनों बैठक में ब्राम्हण समाज के सभी से संगठनों को आमंत्रित किया था मगर बैठक में कोई नहीं आया।
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डॉक्टर सार्वजनिक जगह पर पी रहा था शराब, मना करने पर किया ड्रामा, मामला हुआ दर्ज
शहडोल
अनूपपुर जिले में पदस्थ एक डॉक्टर कार में बैठकर सार्वजनिक स्थान पर लोगों को घर के सामने शराब पी रहा था, लोगों ने जब इसका विरोध किया तो डॉक्टर ने हाई वोल्टेज ड्रामा करते हुए लोगों को बताया कि वह सात पुश्तों का डॉक्टर है। मामले की शिकायत पुलिस के पास पहुंची और कुछ घंटे के बाद ही डॉक्टर के बोल बदल गए, और वह माफी मांगने युवक के पास पहुंचा गया, लेकिन जब तक पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर डॉक्टर एवं उसके साथी के विरुद्ध प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। मामला सोहागपुर थाना क्षेत्र के बस स्टैंड का है।
वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो डॉक्टर के बोल बदल गए,और वह माफी मांगता दिखाई दे रहा है। नरेन्द्र कुमार साकेत सोहागपुर थाना क्षेत्र के बस स्टैंड के रहने वाले हैं। नरेंद्र ने पुलिस से शिकायत कर बताया कि उनके घर के सामने उनकी डेली नीड्स की दुकान है। घर और दुकान के सामने एक सफेद रंग की कार जिसका नंबर बी आर 01 ए यू 8209 था।जिसमें बैठ कर दो युवक शराब पी रहे थे, और काफी तेज तेज आपस में बात कर रहे थे। जिसमें अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया जा रहा था। दुकान में बैठे नरेंद्र ने इसका विरोध किया। और कार में बैठे दोनों युवकों के पास पीड़ित पहुंचा तो उसने देखा कि कार में मौजूद दो लोग अपने हाथो में बियर की केन लिए हुए उसे पी रहे है।
पीड़ित ने बताया कि मैने इस घटनाक्रम का वीडियो बनाया। और थाना सोहागपुर में जा कर इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें कार के नंबर का जिक्र है। थाना प्रभारी सोहागपुर भूपेंद्र मणि पांडेय ने इस संबंध में बताया की युवक नरेंद्र की शिकायत पर कार सवार डॉक्टर के खिलाफ जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार डॉक्टर अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम खमरोद सरई में 1 साल की ट्रेनिंग पीरियड के लिए पदस्थ है।
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हाथी के हमले से घायल युवक की हुई मौत, परिजन को दी सहायता राशि
अनूपपुर
22 दिन पूर्व जैतहरी इलाके के लहरपुर गांव में हाथी द्वारा एक युवक को सूढ से पकड़ कर घायल करने पर गंभीर रूप से घायल युवक के उपचार करा कर घर रहने पर मौत हो गई,घटना की सूचना पर वनविभाग एवं पुलिस विभाग के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं अन्य जनप्रतिनिधि मृतक के घर पहुंच कर बातचीत करते हुए वनविभाग ने प्रारंभिक सहायता राशि प्रदाय की।
इस संबंध में बताया गया कि 22 अगस्त की रात 10 बजे एक अकेला नर हाथी जो दिन के समय धनगवां बीट के जंगल में ठहरने बाद रात होने पर जैतहरी थाना अंतर्गत लहरपुर गांव के गोडानटोला में 41 वर्षीय हेमराज पिता सुखलाल सिंह गोंड जो अपने खेत में बने घर में सो रहा था, तभी हाथी के द्वारा घर को तोड़फोड़ करने की आहट मिलने पर वह घर के बाहर निकाला जिस पर हाथी द्वारा हेमराज को सूढ से पकड़ कर पटक दिया, जिससे हेमराज के पीठ,रीड की हड्डी तथा एक पैर के जांघ में हाथी के दांत गड़ाये जाने पर गम्भीर रुप से घायल हो गया, जिसे वनविभाग एवं परिजनों द्वारा जैतहरी से जिला चिकित्सालय अनूपपुर से शहडोल के बाद बिलासपुर में एक निजी चिकित्सालय में उपचार कराया गया, 3 सितंबर को डॉक्टर ने घर पर बेड रेस्ट करने हेतु छुट्टी दिए जाने पर घर पर ही युवक पडा रहता था, जिसकी मृत्यु हो गई, घटना की सूचना पर वन परिक्षेत्राधिकारी जैतहरी विवेक मिश्रा,परि,सहायक जैतहरी पूरन सिंह मरावी,जिला पंचायत उपाध्यक्ष पार्वती बाल्मीक राठौर,वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल,जैतहरी थाना के प्रधान आरक्षक मनोज सिंह के साथ अन्य जनप्रतिनिधि स्थल पर पहुंचकर परिजनों से बातचीत की इस दौरान वनविभाग द्वारा मृतक की पत्नी शांती बाई को प्रारंभिक सहायता राशि प्रदान की वही पुलिस के द्वारा मौका पंचनामा कर पीएम कराया गया।
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हाई स्कूल निर्माण अनियमितताएं गुणवत्ता विहीन, छात्रों की सुरक्षा पर मंडरा रहा है खतरा, जांच की मांग
अनूपपुर
जिले के खोडरी न. 01 स्थित नवीन हाई स्कूल के भवन निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा मानक मापदंडों की अनदेखी करते हुए गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य किया गया है। विशेष रूप से छत की ढलाई में भारी लापरवाही और अनियमितताएं पाई गई हैं, जिससे सैकड़ों छात्रों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। अभिभावकों और स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से तत्काल जांच कराने और दोषी ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
निर्माण कार्य में अनियमितताओं का विवरण सोशल मीडिया पर उठे आरोपों के मुताबिक, ठेकेदार ने निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में गंभीर समझौता किया है। छत की ढलाई के दौरान मानक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया, जिससे संरचनात्मक सुरक्षा पर सवाल उठे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में सरिए बाहर निकले हुए हैं और दरारें दिखाई दे रही हैं, जो भवन की स्थिरता के लिए खतरनाक हैं
इस स्कूल में सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं, और उनकी सुरक्षा को लेकर अभिभावक गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। एक स्थानीय अभिभावक ने कहा, 8 इंच की दूरी में 8 एम एम के सरिया से छत की ढलाई दुर्भाग्यपूर्ण है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा विभाग इस तरह के निर्माण कार्य पर नजर रखने में विफल रहा। हमें डर है कि कहीं यह भवन किसी बड़े हादसे का कारण न बन जाए।" ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है ।
प्रशासनिक जांच और कार्रवाई की मांग अभिभावकों और स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से इस मामले को गंभीरता से लेने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि ठेकेदार द्वारा मानकों की अनदेखी करने के पीछे भ्रष्टाचार और लापरवाही का रवैया हो सकता है। मांग की गई है कि एक निष्पक्ष जांच टीम गठित की जाए और निर्माण कार्य की तकनीकी जांच कराई जाए।
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उफनती नदी ने छीनी एक जान, स्कूली बच्चों और किसानों की ज़िंदगी दांव पर, प्रशासन मौन
उमरिया
ज़िला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर स्थित कच्छरवार गांव इन दिनों प्रकृति और प्रशासनिक उपेक्षा के दोहरे संकट से जूझ रहा है। बरसात के चलते उफनती नदी गांव का बाकी दुनिया से संपर्क लगभग काट चुकी है। हाल ही में एक युवक की नदी पार करते वक्त मौत हो चुकी है, इसके बावजूद कोई स्थायी समाधान अब तक सामने नहीं आया है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले अस्थायी रपटा मार्ग से आना-जाना किसी तरह संभव था, लेकिन तेज बहाव में वह भी बह चुका है। अब हालात यह हैं कि छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल भेजना हो या किसी बीमार को अस्पताल ले जाना हर बार परिजनों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। आपातकाल में भी गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुँच पा रही। मरीजों को चारपाई या बांस की सहायता से नदी पार कराना पड़ता है, जो खुद एक खतरा बन चुका है।
फसल में खाद डालने का समय है, लेकिन रपटा न होने के कारण किसानों को खेतों तक पहुँचने के लिए दुर्गम पहाड़ियों और जंगलों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे उनकी जान को हर दिन खतरा बना हुआ है। मांग है कि जब तक पक्के पुलिया का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक प्रशासन कोई वैकल्पिक सुरक्षित मार्ग या मजबूत रपटा बनाए, जिससे जनजीवन फिर से सामान्य हो सके। उनका कहना है कि एक और जान गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लेता है। क्या एक और हादसे का इंतजार किया जा रहा है।
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आंगनबाड़ी केंद्र के सामने कीचड़ और पानी, मासूम बच्चो के लिए बहुत ही खतरनाक, कहां है प्रशासन
शहडोल
जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में समस्या बढ़ती जा रही है, अधिकारी इसे नजर अंदाज कर रहे हैं। अब एक आंगनबाड़ी की तस्वीर सामने आई है। जिसमें गंदगी का अंबार बाहरी हिस्से में दिख रहा है। जो फर्श है वह कीचड़ और पानी से सनी हुई है। जिससे बच्चे गिरकर घायल भी हो रहे हैं। लोगों की शिकायत के बाद भी हालत जस के तस है। यह तस्वीर जैतपुर के साखी गांव के आंगनवाड़ी क्रमांक 3 की है। अब इस समस्या से परेशान एक युवक ने आंगनबाड़ी के बाहर से वीडियो बना दिया ,और सोशल मीडिया में वायरल कर कारवाही की मांग की है।
ग्रामीण आकाश कुमार पटेल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र तीन ,साखी में केंद्र के बाहर चारों तरफ बड़ी-बड़ी झाड़ी झंकारी लगी हुई है। आए दिन जहरीले जीव जंतु यहां घूमते नजर आते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर जो फर्श है, उसमें कीचड़ और काई जमी हुई है। बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचने के लिए परिजन खुद कई बार इस कीचड़ भरी फर्श में गिरकर घायल हो चुके हैं। जिसकी शिकायत आंगनबाड़ी के अधिकारियों के साथ-साथ पंचायत के सचिव सरपंच से भी की गई है। लेकिन जवाबदार इस अनदेखी कर रहे हैं। जिससे नौनिहाल की जिंदगी खतरे में है। उमश भरा मौसम है। जहरीले सांप भी आस पास रेंगते रहते है। जिससे हमें अब बच्चों को आंगनबाड़ी भेजने में डर लगने लगा है।
पंचायत साखी की सरपंच निर्मला सिंह से बात की तो उन्हों ने कहां की दिक्कतें हैं, आंगनबाड़ी के आसपास काफी गंदगी है, सामने का हिस्सा पानी और कीचड़ में सना हुआ है। पंचायत को आंगनबाड़ी के बाहरी हिस्से में मुरूम गिरवाना है।हमने कई बार ट्रैक्टर मालिको और चालकों से बात की है। लेकिन वह बारिश खत्म होने के बाद मुरूम गिराने को कह रहे है। अधिकारी भी इसे देखकर चले गए हैं,हम काम कर रहे हैं।जल्द इस समस्या से लोगों को निजात मिलेगा।
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अज्ञात वाहन ने मवेशियों को कुचला, दो की हुई मौत, तीन घायल
शहडोल
बुढ़ार रोड बाईपास पर एक भीषण सड़क हादसे में अज्ञात वाहन ने सड़क पर बैठे मवेशियों को कुचल दिया। इस हादसे में दो मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब मवेशियों का एक झुंड सड़क पर बैठा था। हादसा इतना भयानक था कि एक मवेशी का सिर धड़ से अलग हो गया। यह दृश्य उपस्थित लोगों के लिए अत्यंत चौंकाने वाला था।
अटल कामधेनु गौ सेवा संस्थान ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर घायल मवेशियों का उपचार शुरू किया है। संस्थान के सदस्य ने कहा हमें घटना की जानकारी मिलते ही हमने मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर चिकित्सा सुविधा प्रदान की। हम सभी संभव प्रयास कर रहे हैं कि घायलों को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।
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अवैध अतिक्रमण व निर्माण के खिलाफ प्रशासन ने की कार्यवाही
अनूपपुर
मां नर्मदा के उद्गम क्षेत्र पवित्र नगरी अमरकंटक में अवैध अतिक्रमण व निर्माण के विरुद्ध प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाए गए है। कलेक्टर हर्षल पंचोली के दिशानिर्देशन में स्थानीय प्रशासन राजस्व की टीम द्वारा जिले भर में कार्यवाही की जा रही है।
इसी तारतम्य में अमरकंटक के वार्ड क्रमांक 11 में अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने के लिए व्यापक पैमाने पर कार्यवाही की गई। प्रशासन की इस मुहिम से लगभग दो दर्जन से अधिक अवैध अतिक्रमणकारियों के निर्माण को हटाया गया है। नैसर्गिक सौम्यता से परिपूर्ण अमरकंटक की सुंदरता तथा पवित्रता को ध्यान में रखते हुए अतिक्रमण हटाए जाने की कार्यवाही कर शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।
अतिक्रमण हटाए जाने की कार्यवाही के दौरान नायब तहसीलदार अमरकंटक कौशलेंद्र मिश्रा मुख्य नगरपालिका अधिकारी अमरकंटक चैन सिंह परस्ते सहित पुलिस, वन विभाग व नगर परिषद एवं विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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अवैध रेत के ट्रैक्टर को पुलिस ने किया जप्त, चालक हुआ फरार, पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
शहडोल
शहडोल। जिले में रेत का काला कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है, दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन माफिया कर रहे हैं।स्थानीय लोगों की शिकायत पर पुलिस कुछ कार्यवाहीया कर अपनी पीठ थप थापने की कोशिश कर रही है। बुढार पुलिस ने रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करते एक ट्रैक्टर को जप्त किया है। लेकिन पुलिस को देख चालक फरार हो गया।
पुलिस ने बताया कि बुढार थाना क्षेत्र के सोन नदी नौखड़िया घाट से रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करने की जानकारी पुलिस को मुखबिर के दौरा मिली थी, जिस पर पुलिस ने करवाही करते हुए एक ट्रैक्टर को जप्त किया है। जिसमें रेत लोड है। पुलिस को देखते ही चालक मौके से भागने में सफल रहा। पुलिस ने बताया कि एक लाल रंग का आयशर 312 ट्रैक्टर जिसका नंबर क्रमांक MP-18-AA- 7861 ट्रॉली सहित अवैध रेत से लोड पाया गया। जिसे जप्त किया गया है।
वही जिले में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन को लेकर युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अनुपम गौतम ने कहा कि पुलिस की मिली भगत से यह काला कारोबार फल फूल रहा है। जब मामले में ग्रामीण पुलिस को सूचना देते हैं तो पुलिस तैयारी से क्यों नहीं जाती, और केवल एक या दो वाहनो को पकड़ कर झूठी वाह वाही लूटती है।