विधायकों के दबाव से उबर नहीं पा रहा संगठन, मंडल अध्यक्ष और कार्य कारिणी के गठन में उलझा आलाकमान
*चाल चरित्र को लेकर संगठन में तरह तरह के लांछन लग चुके है*
उमरिया
भारतीय जनता पार्टी के संगठन में भले ही जिला अध्यक्ष बने कई महीने बीत गये हो लेकिन अभी भी जिले में भाजपा के शेष बचे मंडल अध्यक्षो का चयन और जिला जिला कार्यकारिणी का गठन न हो पाना संगठन की सक्रियता पर सवाल खड़े कर रहा है । बताया जाता रहा है की प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन मे हुए विलंब के कारण भी जिले के संगठन का सृजन नहीं हो पाया ।इस सबके बीच में पिछले दिनों जिले के शेष पांच मंडल अध्यक्षों के लिए जिले से लेकर प्रदेश कार्यालय तक मंडल अध्यक्ष को लेकर रस्साकसी का खेल चला था। बताया जाता है कि जिले के विधायकों की मनमानी के चलते संगठन सृजन में देरी हो रही है । जिले के मंडल अध्यक्ष को लेकर विधायकों के मन पसंद अनुपयुक्त नेताओं की ताजपोशी कराने के लिए जिला संगठन से लेकर विधायक गणों ने प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल और संगठन मंत्री हितानंद तक अपात्रों की ताज पोशी करने की सिफारिश लेकर पहुंचे विधायकों को संगठन ने सिरे से नकारते हुए जिले में पर्यवेक्षक भेजकर जिला कार्यकारिणी और मंडल अध्यक्ष के पात्रों की नियुक्ति के नाम का पैनल मांगा गया था, जिसके परिणामस्वरूप जिले में दो पर्यवेक्षक आये थे और उन्होंने प्रमुख भाजपा नेताओं से राय सुमारी कर भोपाल कार्यालय में अपनी रिपोर्ट जमा कर दिया है, जिसके आधार पर 18-19 अगस्त तक घोषणा करने की समय बध्दता तय की गयी थी, लेकिन तय समय-सीमा गुजरने के बाद भी प्रदेश भाजपा आलाकमान को घोषणा करने में पसीना आ रहा है ।
उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधान सभा के कोहका और करकेली मंडल अध्यक्ष के चयन के लिए जिन नामों को लेकर विधायक पैरवी कर रहे हैं, उनमें करकेली मंडल से विनोद सिंह और कोहका मंडल से शिवकुमार पर साफ मना कर दिया, तब विधायक ने उसके पत्नी पूनम मैक्स साहू का नाम आगे बढाया है। यद्यपि अगर शिवकुमार मैक्स साहू को नहीं बनाया जा सकता तो उसकी पत्नी को बनाकर अपरोक्ष रूप से शिवकुमार साहू की ताजपोशी करने की जुगत बैठा रहे हैं। बताया जाता है की विधायक ने कोहका मंडल से साहू का नाम बढ़ाकर साहू समाज को साधने का करिश्मा दिखाना चाहते हैं, इसके पीछे वह जातीय समीकरण को साधना चाहते हैं , जबकि इस मंडल में सर्वाधिक आबादी राठौर समुदाय की आती है ।वही करकेली मंडल से विनोद सिंह राठौर को लेकर आगे बढ़ रहे जिसके पीछे राठौर समाज का नेतृत्व मानते हैं ।करकेली मंडल में राठौर अपेक्षा कृत कोहका से कम है ।करकेली मंडल में अगर 20 से 25 प्रतिशत आबादी राठौर समाज की होगी तो कोहका मंडल में 50 से 60 प्रतिशत आबादी राठौर समाज की मानी जाती है , फिर भी कोहका मंडल में सिर्फ साहू समाज के प्रति झुकाव विधायक के कार्य शैली पर तीखे सवाल खड़ी कर रही है । दोनों मंडलों में राठौर समाज की आबादी पायी जाती है , लेकिन कोहका मंडल में राठौर समुदाय की आबादी अधिकतम पायी जाती है , जहां से शिव कुमार साहू की पत्नी पूनम साहू की ताजपोशी के लिए भाजपा विधायक तय मापदण्डो की उपेक्षा करते हुए बनाना चाहते हैं , जबकि साहू समाज की आबादी अन्य समुदाय से कम है । सर्व विदित है की पूनम मैक्स साहू जनपद पंचायत करकेली में भाजपा के दम पर उपाध्यक्ष की कुर्सी सीन है । भाजपा ने पहले भी नियम बना रखा है की एक व्यक्ति एक पद पर रह सकता है फिर पूनम मैक्स साहू के लिए इस नियम से समझौता करना उसके बनाये वसूलों को धता बताते के समान है । कोहका मंडल में बहुसंख्यक राठौर समुदाय की आबादी की उपेक्षा विधायक करते हुए भाजपा के लिए संकट खड़ा कर रहे हैं , ऐसा नहीं है की कोहका मंडल में राठौर नेता नहीं है फिर भी उनकी अनदेखी कर साहू समाज के एक अदने से व्यक्ति के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं जबकि एक के चाल चरित्र को लेकर संगठन में तरह तरह के लांछन लगाए जा चुके हैं। इसी तरह करकेली मंडल के जिस नेता की पैरवी की जा रही है वह तय आयु सीमा को पार कर चुके हैं । आखिर कार बांधवगढ़ विधायक के लिए इन दो नामों के अलावा और कार्यकर्ताओं से लगाव क्यों नहीं है ।यह सवाल भाजपा समर्थित भाजपा नेताओं के मन में घर कर बैठा।इसी तरह मानपुर विधानसभा क्षेत्र के तीन मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति अनावश्यक रूप से अपात्र नेताओं की ताजपोशी के लिए अपनी टांग अडा रखें है । इस तरह से मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में विधायकों की अंडगे बाजी के कारण अधर में लटकी हुई है । भाजपा जैसे विशालकाय संगठन जो की अनुशासन प्रिय और मापदण्डो के लिए जानी जाती हैं उस राष्ट्रीय दल की हालात ऐसी हास्यास्पद स्थिति से गुजर रही है की मंडल अध्यक्ष के लिए विधायक की नियम विरुद्ध पैरवी के चलते आज भी नियुक्तियां अधर में लटकी हुई है । भाजपा आलाकमान नियुक्तियों के मामले को गंभीरता से लेते हुए अविलंब पहल करेंगे ऐसी जनापेक्षा भाजपा के कनिष्ठ -वरिष्ट कार्यकत्ताओं की मांग है ।