बड़ी लापरवाही, माइंस से लाखों की मशीनरी चोरी, सुरक्षा तंत्र ध्वस्त, अफसरों की चुप्पी से गहराया शक

बड़ी लापरवाही, माइंस से लाखों की मशीनरी चोरी, सुरक्षा तंत्र ध्वस्त, अफसरों की चुप्पी से गहराया शक


शहडोल

एसईसीएल की राजेंद्र माइंस से 5 से 7 लाख रुपए मूल्य की मशीनरी चोरी ने पूरे जिले की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। बताया जा रहा है कि 72 नग स्टुल स्ट्रक्चर रातों-रात परिसर से गायब हो गए। प्रत्येक स्ट्रक्चर की कीमत 5 से 7 हजार आंकी गई है।

सवाल यह है कि इतनी भारी मात्रा में सामान बिना अंदरूनी मदद के आखिर कैसे बाहर निकाला जा सकता है। थाना खैरहा और सुरक्षा पर सीधे सवाल यह पूरा क्षेत्र थाना खैरहा के अंतर्गत आता है। जब चोरो का गिरोह मशीनरी चोरी हो रही थी, तब पुलिस गश्त और सुरक्षा गार्ड कहां थे। क्या यह संभव है कि इतने बड़े स्तर पर चोरी हो और जिम्मेदारों को भनक तक न लगे, क्या थाना प्रभारी और माइंस प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई,अफसर जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है की माइंस जैसी हाई-सिक्योरिटी जगह से लाखों का सामान चोरी होना केवल चोरों का खेल नहीं, बल्कि जिम्मेदार अफसरों की नाकामी है। अब लोग जिला प्रशासन और पुलिस कप्तान तक को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। डर यह है कि कहीं यह मामला भी सिर्फ ‘एफआईआर जांच फाइल-दफन’ की परंपरा में गुम न हो जाए।

मिलीभगत की बू आ रही है। सूत्रों का दावा है कि चोरी में केवल बाहरी चोर शामिल नहीं थे। बिना अंदरूनी मदद के इतने बड़े पैमाने पर उपकरण बाहर ले जाना नामुमकिन है। सवाल उठ रहा है कि कहीं अफसर और कबाड़ माफिया के बीच मिलीभगत का खेल तो नहीं चल रहा। जनता का सीधा सवाल कर रही है कि क्या माइंस प्रबंधन और पुलिस की लापरवाही को ढकने की कोशिश हो रही है। कबाड़ चोरी की असली कहानी दबाई क्यों जा रही है। क्या जिम्मेदार अफसर इस मामले को भी ‘रूटीन चोरी’ बताकर रफा-दफा करना चाहते हैं।

अब देखना यह है की क्या जिले के कप्तान और प्रशासनिक अधिकारी कबाड़ चोरी के इस खतरनाक खेल का पर्दाफाश करेंगे, या फिर लूट का यह सिलसिला प्रशासन की नाक के नीचे यूं ही बेरोकटोक चलता रहेगा।

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