अवैध निर्माणों पर उठे सवाल, आश्रमो में अवैध कब्जाधारी, मां नर्मदा के अस्तित्व पर संकट

अवैध निर्माणों पर उठे सवाल, आश्रमो में अवैध कब्जाधारी, मां नर्मदा के अस्तित्व पर संकट


अनूपपुर

अमरकंटक क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं एनजीटी याचिकाकर्ता संजीव कुमार तिवारी, ग्राम पंचायत बोडरी (शहडोल) ने शहडोल संभाग आयुक्त की जनसुनवाई में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए अवैध निर्माण रोकने और नर्मदा को प्रदूषणमुक्त बनाने संबंधी आदेशों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के निर्देशानुसार मां नर्मदा से 100 मीटर की दूरी तक किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध है, इसके बावजूद माई बगिया रोड और नर्मदा उद्गम के सहायक स्रोतों—सरोवरों के तट पर भू-माफियाओं द्वारा होटल, रेस्टोरेंट और भवन खड़े कर दिए गए हैं।

शिकायतकर्ता ने बताया कि नगर पंचायत के एक वरिष्ठ कर्मचारी के साझेदार द्वारा स्टेट बैंक के पास अवैध होटल निर्माण, वहीं वेदमाता गायत्री मंदिर के लिए मिली 50 डिसमिल जमीन पर होटल-रेस्टोरेंट संचालन, तथा कल्याण सेवा आश्रम की भूमि पर अस्पताल की जगह कॉम्प्लेक्स और बीएंड कॉलेज का निर्माण जैसे कई उदाहरण सामने हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि अमरकंटक क्षेत्र में लगभग 300 आश्रमों में से 90 प्रतिशत अवैध कब्जाधारी हैं, जिनकी जमीनें पूर्व पटवारियों और राजस्व अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर फर्जी नामांतरण के जरिए उपलब्ध कराई। रिकॉर्ड में हेरफेर कर भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाया गया।

संजीव तिवारी ने यह भी कहा कि मां नर्मदा के पवित्र तट पर प्रतिबंध क्षेत्र में अवैध शौचालयों तक का निर्माण हुआ है। उन्होंने मांग की कि शासन द्वारा आश्रमों को किन शर्तों पर कितनी भूमि दी गई, इसकी उच्चस्तरीय जांच हो और जिन भूमियों का दुरुपयोग हो रहा है, उन पर कड़ी कार्यवाही की जाए। उनका कहना है कि समय रहते कड़ा कदम उठाना ही धर्महित और मानवहित दोनों के लिए आवश्यक है, अन्यथा भविष्य में मां नर्मदा के जलस्रोतों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा।

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