पवित्र नगरी में गुंडागर्दी, पर्यटकों के साथ लात, घूंसों से जमकर की मारपीट, कानून व्यवस्था पर सवाल, देखे वीडियो

पवित्र नगरी में गुंडागर्दी, पर्यटकों के साथ लात, घूंसों से जमकर की मारपीट, कानून व्यवस्था पर सवाल, देखे मारपीट का वायरल वीडियो

*पीड़ित की बहन मांगती रही दया की भीख*


अनूपपुर/अमरकंटक

अमरकंटक, देश-विदेश से प्रतिदिन आने वाले तीर्थ-यात्रियों और पर्यटकों की अतिथि-परंपरा के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन सावन में एक घटित एक घटना ने इस छवि पर प्रश्न-चिन्ह लगा दिया। छत्तीसगढ़ से आए श्रद्धालुओं के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला-प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर परिषद अमरकंटक के 2 शासकीय कर्मचारी आनंद चौधरी, और शैलेन्द्र तिवारी व नगर परिषद अमरकंटक के पाले हुए गुंडे आंनद माझी, छोटा वर्मन व अन्य लोगो के साथ अमरकंटक दर्शन करने आए श्रद्धालु को लात, घूसों से कपिल धारा तिराहा मे जमकर मारपीट किए, पीड़ित की बहन दया की भीख मांगती रही, लेकिन मारपीट करने वाले एक भी नही सुने, इनके कारनामें से पूरा अमरकंटक शर्मसार हैँ। अमरकंटक में इस तरह की घटना हमेशा होती रहती है, पुलिस हाथ मे हाथ धरकर बैठी और गुंडे मवाली लोग अपना काम बखूबी निभा रहे हैं।

*देखे मारपीट का वायरल वीडियो*👇


*तत्काल कार्रवाई के आदेश*

जिला पुलिस कप्तान ने अमरकंटक थाना प्रभारी को निर्देश दिया है कि दोषियों की पहचान कर शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। घटना-स्थल के CCTV फुटेज तथा वायरल वीडियो की फॉरेंसिक जाँच के आदेश दिए गए हैं। क्षेत्र में शांति-व्यवस्था बनाए रखने हेतु अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और गश्त बढ़ाई गई है।

*स्थानीय निवासियों व समाजसेवियों की प्रतिक्रिया*

अमरकंटक के समाजसेवी संगठनों और व्यापार-मंडलों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अमरकंटक की पहचान अतिथि-देवो भवः की संस्कृति से है। यदि ऐसे असामाजिक तत्वों पर रोक नहीं लगी तो धार्मिक पर्यटन को गहरी चोट पहुँच सकती है। स्थानीय लोगों ने आरोपितों पर कड़ी धारा लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराने के लिए स्थायी पुलिस-चौकी एवं हेल्प-लाइन जैसी व्यवस्थाएँ माँगी हैं।

*पिछले घटनाक्रम व चिंताएँ*

बीते एक वर्ष में तीन से अधिक घटनाएँ रिपोर्ट हुई हैं, जिनमें बाहर से आए पर्यटकों के साथ बदसलूकी या वसूली की शिकायतें दर्ज हुई थीं। लगातार घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि कुछ संगठित गिरोह या स्थानीय बदमाश पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं। शिकायतें दर्ज होने के बावजूद अभियोजन और सज़ा की दर कम रहने से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।

*माँगें एवं अपेक्षित कदम*

त्वरित न्याय सुनिश्चित करते हुए फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मामला चलाया जाए। पर्यटन-स्थलों पर समर्पित पुलिस सहायता केंद्र और हेल्प-डेस्क स्थापित हों। होटल-धर्मशालाओं एवं टूर-ऑपरेटरों को अनिवार्य आई-कार्ड सत्यापन की व्यवस्था लागू करनी चाहिए। स्थानीय युवाओं को पर्यटक मित्र कार्यक्रम से जोड़कर रोज़गार व जागरूकता दोनों को बढ़ावा दिया जाए।

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