[20/07, 12:52 pm] Anand Pandey: *जमुना कोतमा क्षेत्र  की खदानों में श्रमिकों का हो रहा शोषण, ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से मजदूरों को नहीं मिल रहा उनका हक*


अनूपपुर / कोतमा 


कोतमा - कोल इंडिया की सह कंपनी एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की खदानों में कार्यरत ठेकेदारी मजदूरों के शोषण का मामला लगातार सामने आ रहा है। खदानों के भीतर काम कर रहे श्रमिकों को न केवल निर्धारित वेतन से वंचित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें समय पर मजदूरी भी नहीं दी जाती। यदि कोई श्रमिक कार्य के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होता है या घायल होता है, तो उसे किसी प्रकार का मुआवजा भी नहीं मिलता।


मजदूरों को जितना वेतन तय होता है, उनमें से केवल आधा भुगतान किया जाता है और शेष राशि अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ में बंदरबांट कर ली जाती है। बिलिंग में गड़बड़ी कर, मजदूरों के नाम पर फर्जी उपस्थिति दिखाकर लाभ कमाया जा रहा है।


यह स्थिति वर्षों से जारी है लेकिन मजदूरों के पास आवाज उठाने का साहस नहीं होता, क्योंकि उन्हें डर होता है कि यदि वे विरोध करेंगे तो उन्हें काम से निकाल दिया जाएगा। इस भय के कारण मजदूर चुपचाप शोषण सहन करते हैं और कभी भी अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठा पाते।


सामाजिक संगठनों और श्रमिक संघों ने प्रशासन से मांग की है कि जमुना कोतमा क्षेत्र की खदानों में हो रहे इस शोषण की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि मजदूरों को उनका वाजिब हक मिल सके।

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