अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशन पर चल रहे कार्यों में ठेकेदार कर रहा लीपा पोती

अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशन पर चल रहे कार्यों में ठेकेदार कर रहा लीपा पोती    

*गुणवत्ताविहीन हो रहा कार्य, पूर्णता तिथि समाप्त, कार्य अभी भी अधूरा* 


अनूपपुर

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत मध्यप्रदेश के उमरिया, शहडोल,अनूपपुर एवं बिजुरी रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना से सुसज्जित करना था। भारतीय रेलवे के स्टेशनों के विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई थी।इस योजना का उद्देश्य दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों का विकास करना है। एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से सुसज्जित स्टेशन यात्रियों को एक नई और उन्नत रेल यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर भी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कार्य कार्य प्रारंभ हुए।जिसको दिसंबर 2024 तक पूर्ण करने थे।लेकिन ठेकेदार की लीपापोती के कारण कार्य आज भी आधे अधूरे पड़े हैं।

अनूपपुर प्लेटफार्म के अंदर पैदल पुल लगभग 3 वर्षों से बंद पड़ा था।कार्य प्रारंभ हुआ वह भी आधा अधूरा में बंद पड़ा हुआ है।लोगों को लंबी यात्रा कर लंबे पैदल पुल से आना जाना करना पड़ रहा है।जिससे सभी को परेशानी होती है।रेलवे लाइन पार करने पर रेलवे सुरक्षा बल द्वारा चालानी कार्रवाई की जाती है।जबकि रेलवे के हमाल स्वयं रेलवे लाइन क्रॉस कर पार्सल के सामानों को प्लेटफार्म से यहां से वहां करते हैं।उनके लिए रेलवे में कोई भी चालानी कार्रवाई नहीं होती।उसके लिए उन्हें छूट मिली हुई है। लेकिन यात्रियों को बेवजह परेशान किया जाता है। एक और यात्री सुविधाए धीमी गति से कार्य में परिणीत हो रही है।यात्री को जल्दबाजी में लाइन क्रॉस करना मजबूरी है।मानते हैं कि रेलवे लाइन क्रॉस करना अवैधानिक है,जुर्म है।लेकिन सबसे बड़ी गलती रेलवे की है जो 3 वर्षों से बंद किया पैदल पुल को निर्धारित समयावधि में भी पूरा नहीं कर पाए। 

देखा जा सकता है कि अनूपपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर कार्य करने वाले ठेकेदार ने अपनी फ्लेक्सी लगाई है। जिसमें कार्य पूर्ण होने की तिथि दिसंबर 2024 को लीपा पोती कर केवल 202 कर दिया है।इसका जवाब कार्य कर रहे ठेकेदार कमला कंस्ट्रक्शन, बिलासपुर ही दे सकते हैं कि 202 का मतलब क्या है। यह कौन सा वर्ष आएगा....?

*अमृत भारत योजना में यह कार्य किए जाने थे*

अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अनूपपुर जंक्शन स्टेशन को 16.62 करोड़ रुपए की राशि मिली थी। जिसमें लगता है अधिकांश राशि केवल बाहरी दीवारों को खींचने में साज सज्जा में ही उड़ा दी गई।जबकि वास्तव में पैदल पुल सबसे पहले बनना जरूरी था वह आज भी आधा अधूरा एवं बंद पड़ा हुआ है।अमृत भारत स्टेशन योजना में जो कार्य होने से उसमें कुछ हुए हैं,लेकिन वह भी आधे अधूरे हैं।जिसमें प्रमुख रूप से अग्रभाग का विकास,दो, तीन,चार पहिया वाहनों की पार्किंग,सड़क का विकास,प्रथम और द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय का नवीनीकरण,दिव्यांगजन सुविधाएँ जिसमें रैम्प का निर्माण,जल निकासी,प्रवेश द्वार, स्ट्रीट लाइट,12 मीटर एफओबी,नया प्लेटफार्म शेड,स्टेशन प्रवेश निकास द्वार,कोच और ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड,साइनेज एवं सीसीटीवी कैमरे प्रमुख थे।

*जनप्रतिनिधियों की उदासीनता प्रमुख कारण*

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत चल रहे कार्यों का अवलोकन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए था लेकिन देखा गया कि अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह,स्थानीय विधायक बिसाहूलाल सिंह ने कभी भी आकर अवलोकन नहीं किया। जिसकी वजह से भी 9 दिन चले अढाई कोस की कहावत यहां चरितार्थ होते दिख रही है।रेलवे प्रशासन के उच्च अधिकारी भी इस और ध्यान नहीं दे रहे जिसके कारण अनूपपुर जंक्शन स्टेशन का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है।यात्रियों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देखना है निर्वाचित जनप्रतिनिधि,रेलवे के अधिकारी कब तक अनूपपुर जंक्शन स्टेशन को सुसज्जित करने में अपनी अहम भूमिका निर्वहन करते हैं।

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