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बढ़े हुए न्यूनतम वेतन का दस करोड़ रु. एरियर नहीं देने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करें- भार्गव
अनूपपुर
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहडोल रीजन के अधिकांश वितरण केन्द्रों, अनूपपुर सर्किल के कोतमा एवं बिजुरी डिवीजन सहित अमरकंटक ताप विद्युत गृह के ग्यारह ठेकेदारों ने बॉयलर संचा - संधा व कोल हैंडलिंग प्लांट सहित सभी जनरेशन कार्यालयों एवं बिरसिंहपुर जनरेशन में कार्यरत करीब 5 हज़ार बिजली आउटसोर्स ठेका कर्मियों को न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण पश्चात बड़े हुए न्यूनतम वेतन की करीब दस करोड़ रुपए की बकाया राशि हाइकोर्ट बेंच इंदौर के आदेश एवं श्रम आयुक्त इंदौर के निर्देश के बाद पांच माह बीतने पर भी नहीं मिली है। कुछ जगह एकमुश्त की जगह आधा अधूरा ही एरियर बंटा है। इस बात से आक्रोशित बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने कमिश्नर, कलेक्टर एवं सहायक श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर सभी मानव बल ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर उन पर पेनाल्टी लगाने की मांग की है।
बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है कि इस मामले में बिजली कंपनी के इंजीनियर अपने चहेते ठेकेदारों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई कर पेनाल्टी नहीं लगा रहे हैं और ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट नहीं कर केवल खानापूर्ति वाले पत्र लिख कर अपने हाथ बचा रहे हैं, जबकि ठेकेदार बजट नहीं होने का बहाना पांच माह से बना रहा है।
मनोज भार्गव का कहना है कि प्रिंसिपल नियोक्ता बिजली कंपनी है, यदि ठेकेदार बकाया एरियर ग्यारह माह के बोनस अंतर सहित भुगतान नहीं करता है तो बिजली कंपनी को स्वयं अपनी ओर से इस एरियर राशि का भुगतान करना चाहिए। टेंडर की शर्त के अनुसार पहले ठेकेदारों को एरियर राशि स्वयं अपनी ओर से भुगतान करना पड़ती है, फिर इस भुगतान राशि का बिल ठेकेदार बिजली कंपनी को देता है तब जाकर यह प्रक्रिया पूरी होती है। चूंकि इस मामले में एक से दो माह का समय लगता है इसलिए ठेकेदार अपना पैसा एडवांस में नहीं फंसाना चाहता है।