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महिला को घर से निकाला, किया शारीरिक, मानसिक व दहेज प्रताड़ना पति, सास व ननद पर मामला दर्ज
*पंप रिपेयर पति आरिफ देख रहा है मुंगेरी लाल के हसीन सपने*
शहडोल
आज के इस विकसित तथा शिक्षित समाज में पुरानी रूढ़िवादी परंपराओं एवं सामाजिक कुरीतियों का भले ही कोई स्थान ना हो , हमने भले ही अपनी स्वच्छ मानसिकता का परिचय देते हुए एक स्वच्छ समाज की संरचना के लिए अपने कदम आगे बढ़ाएं हो, दगना, दहेज प्रथा, टोना, टोटका ,सती प्रथा एवं तमाम ऐसी सामाजिक कुरीतियो का बहिष्कार कर इसे पूरी तरह से नकार दिया हो, लेकिन फिर भी समाज में घट रही ऐसी नकारात्मक घटनाओं को क्या माना जाए, क्या लोगों में जागरूकता की कमी या फिर उनकी कुंठित मानसिकता के साथ उनका लोभी स्वभाव उनके आड़े आ रहा है, ऐसा ही एक मामला बुढार नगर में ब्याह कर आई सगूफी खान का प्रकाश में आया है, जहां पर पति आरिफ खान, सास शकीला बेगम ,ननद शमा परवीन, के द्वारा पीड़ित सगूफी के परिवार से परिवार से दहेज की मांग करते हुए न सिर्फ प्रताड़ित कर रहे हैं, बल्कि मौका पाकर दहेज के हवन कुंड में सगूफी की आहुति देने की फिराक में भी थे, दहेज प्रताड़ना का दंश झेल रही बिलासपुर निवासी विवाहित सुगूफी ने महिला थाने में शिकायत कर सोहर आरिफ सहित, सास एवं नंनद पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए है, 2022 में शादी होकर अपने ससुराल बुढार आई सगूफी ने बताया कि शादी के बाद से ही दहेज के सामान को लेकर ससुराल के लोगों ने नाक मुंह सिकुड़ना शुरू कर दिया था, समय के साथ पति सांस एवं नंनद की दहेज की मांग के साथ प्रताड़ना भी बढ़ती गई, ससुराल पक्ष के सभी परिवारजन एक राय होकर मानसिक एवं शारीरिक रूप से मुझे प्रताड़ित किया जाने लगा, मेरे साथ कई बार मारपीट की गई एवं मेरी गर्भवती अवस्था में भी इनको मुझ पर तरस नहीं आया और मुझे घर से यह कह कर निकाल दिया गया कि जब तक तुम्हारे परिवार के लोग दहेज की मांग पूरी नहीं करेंगे तब तक हम तुम्हें घर में घुसने नहीं देंगे।
*कौन है आरिफ*
दहेज और प्रताड़ना का आरोपी बुढार निवासी आरिफ खान अनूपपुर और शहडोल में मोटर गाड़ियों के पंप रिपेयर की मामूली सी दुकान चलाता है, जीवन में दहेज के पैसों के दम पर आगे बढ़ने की चाह रखने वाले आरिफ देख रहा है मुंगेरी लाल के हसीन सपने और उन्हें पूरा करने की हसरत लिए बेगम शगूफी को प्रताड़ित कर उसके परिवार पर दबाव बनाकर अधिक से अधिक पैसे एठने के जुगाड़ में था, लेकिन समय रहते सगूफी ने आरिफ की दुषित मानसिकता को भाप लिया और कानून सहारा लेकर अपनी जान बचाई।
*इन धाराओं के तहत पुलिस ने कसा शिकंजा*.
दहेज के लोभी भेड़ियो को पुलिस ने पीड़ित सगूफी की शिकायत के आधार पर दहेज प्रताड़ना का आरोपी बनाते हुए मुलजिम आरिफ खान पिता रफीक खान, शकीला बेगम पति रफीक खान, शमा परवीन पति अकरम अंसारी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत धारा 498 A 294 ,323,506 के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था, फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर बाहर, फिर किसी मासूम को अपना अगला शिकार बनाने की तलाश में है।
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घरेलू विवाद पर पुत्र ने कर दी मां की हत्या, गर्भवती पत्नी के साथ भी की मारपीट, आरोपी गिरफ्तार
*हत्या में प्रयुक्त सामान लकड़ी का पटिया किया जप्त*
अनूपपुर
जिले के जमुड़ी निवासी नरेन्द्र कोल के द्वारा डायल 100 को फोन कर जानकारी दी कि उसकी नानी नान बाई कोल के साथ उनके बेटे श्यामलाल कोल के द्वारा लकड़ी के पटिया से मारपीट कर हत्या कर दी है, और पत्नी के साथ भी मारपीट की है सूचना मिलते ही पुलिस टीम को मौके पर पहुँची जहां ग्राम जमुड़ी के खेरवारटोला में घर की परछी पर नानबाई कोल का रक्त रंजित शव फर्श पर चित अवस्था में पड़ा था और समीप ही पुत्र श्यामलाल कोल भी बैठा पाया गया। पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर से घायल गर्भवती पत्नी सरोज कोल को ईलाज हेतु जिला चिकित्सालय अनूपपुर रवाना किया गया वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, एफ.एस.एल. मोबाइल यूनिट, शहडोल प्रदीप सिहं के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया जाकर साक्ष्य संकलन हेतु निर्देश दिये गये। मौके पर ही पुलिस टीम द्वारा पुत्र श्यामलाल कोल के द्वारा अपनी मां नानबाई कोल की हत्या का प्रकरण जीरो पर कायम कर आरोपी श्यामलाल कोल से हत्या में प्रयुक्त लकड़ी का रक्त रंजित पटिया जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया।
आरोपी श्यामलाल कोल के विरुद्ध थाना कोतवाली अनूपपुर में अपराध क्रमांक 372/25 धारा 103(1) बी.एन.एस. पंजीबद्ध किया गया है। प्रारंभिक विवेचना में पुलिस को मृतिका के परिजनों एवं आसपास रहने वालों द्वारा बताया गया कि आरोपी पुत्र श्यामलाल कोल महाराष्ट्र में रहकर मजदूरी करता था और करीब 05 दिन पहले ही गांव घर लौटकर आया है, जो आये दिन अपनी पत्नी और मां से घरेलू विवाद झगड़ा किया करता था, आरोपी श्यामलाल कोल द्वारा अपनी गर्भवती पत्नी के साथ झगड़ा कर मारपीट की जा रही थी जो मां नानबाई कोल के द्वारा बीच बचाव करने पर बहुत अधिक आवेश और गुस्से में श्यामलाल कोल ने मां के साथ पटिया से इतनी बार मारपीट की गई कि मौके पर ही मां की मृत्यु हो गई और गंभीर स्थिति में घायल पत्नी सरीज कोल को ईलाज हेतु बिरसा मुण्डा मेडिकल कालेज, शहडोल में भर्ती कराया गया है। मौके पर से पुलिस ने मारपीट से घायल पत्नी सरोज कोल के टूटे हुए दांत फर्श पर पड़े एवं अन्य महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य जप्त किए हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी श्याम लाल कोल का पुलिस रिमांड लिया जाकर अन्य साक्ष्य संकलन किया जा रहा है।
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पक्षीराज उड़ा रहा है हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियाँ प्रशासन की अनदेखी कही पड़ न जाये भारी*
अनुपपुर/पुष्पराजगढ़
शासकीय मॉडल सांदीपनि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुष्पराजगढ़ में अध्यनरत विद्यार्थियों के विद्यालय आवागमन की सुविधा की दृष्टि गत निःशुल्क बस परिवहन सेवा में लगी महामाया ट्रेवल्स पक्षीराज बस सर्विस शहडोल के द्वारा अधिकारियों से आपसी साठगांठ कर अपने नाम टेण्डर पास कराकर निः शुल्क बस परिवहन सेवा के नाम छात्र छात्राओं के साथ नई बस की जगह पुरानी घिसीपिटी बसों को डेंटिंग पेंटिंग कराकर संचालित कर रहा है जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घटने की आशंका है और परिवहन विभाग सहित जिला प्रशासन बस आपरेटर के खिलाफ कुछ भी कार्यवाही कर पाने से गुरेज कर जिला प्रशासन बस आपरेटर के आगे नतमस्तक है।
05 जनवरी 2018 को दिल्ली पब्लिक स्कूल निपानिया में एक सड़क हादसा हुआ था उक्त हादसे में बस बायपास पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में चार विद्यार्थियों और बस ड्राइवर की जान चली गई थी तो कही जिला प्रशासन उक्त घटना की पुनावृत्ति का इंतजार तो नहीं कर रहा हादसे के बाद अभिभावकों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमे हाई कोर्ट ने उक्त पूरे मामले को संज्ञान में लेकर 12 वर्ष पुरानी बसो के संबंध में गाइडलाइन जारी कर किसी भी स्थिति में 12 वर्ष पुरानी बसें स्कूल में ना लगाने की शख्त हिदायत दी गई थी। परन्तु शासकीय मॉडल सांदीपनि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुष्पराजगढ़ में नई बसो के नाम टेंडर लेकर उक्त बस संचालक पुरानी 2012-13 की 12 वर्ष पुरानी बसे जिनकी हालत बहुत ही खस्ता है जिन्हें महामाया (पक्षीराज) ट्रेवल्स द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से बच्चों की जान जोखिम में डाल कर उक्त पुरानी बसो को रंग रोहन कराकर बेखौफ सड़को पर दौड़ाकर हाई कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा कर नियम कायदों को ठेंगा दिखा रहा है। लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर को प्रशासन अनदेखी कर बस आपरेटर को अभयदान दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के इंदौर हाईकोर्ट में 07 वर्ष पूर्व डीपीएस में हुये हादसे के बाद दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इंदौर हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने स्कूल बसों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था कोर्ट ने राज्य सरकार को 25 बिंदुओं पर अमल करने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों का मकसद स्कूल बसों का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करना था। जिसमे स्कूलों में लगी सभी बसो का सार्टिफिकेट होना जरूरी बताया इसके साथ ही बस का फिटनेस सर्टिफिकेट, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र और टैक्स के भुगतान का प्रमाण पत्र होना चाहिए। एवं कोर्ट ने फैसला सुनाते हुये शख्त निर्देश दिए गये थे की किसी भी विद्यालय में लगी कोई भी स्कूल बस 12 साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।
स्कूल बसों के लिए कुछ खास नियम बनाए गए हैं। स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए। उस पर स्कूल बस या ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना ज़रूरी है। बस के आगे और पीछे स्कूल का नाम, पता और वाहन प्रभारी का मोबाइल नंबर 09 इंच के बोर्ड पर लिखा होना चाहिए। खिड़कियों पर जालीदार ग्रिल होनी चाहिए। शीशों पर रंगीन फिल्म या पर्दे नहीं लगाए जा सकेंगे। बस ड्राइवर के पास कम से कम 05 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए। स्कूल को शपथ पत्र देना होगा कि बस खतरनाक तरीके से नहीं चलाई जाएगी। बस में स्पीड गवर्नर लगा होना ज़रूरी है। स्कूल-कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में चलने वाले वाहनों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस, कैमरे तथा पैनिक बटन लगाने होंगे। अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड किट भी अनिवार्य रखना होंगे। अगर कोई बस संचालक उक्त नियमों का पालन नहीं करता तो उस पर जुर्माना लगाकर वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है।
*इनका कहना है*
शासन की जो गाइडलाइन थी उसमें जिला शिक्षा अधिकारी को अनुबंध करना था जिला शिक्षा कार्यालय में एक कमेटी बनी है वही तय करेंगी की गाड़ी पुरानी लगाना है या नई।
*उमेश धुर्वे संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संस्थान शहडोल*
बसो का अनुबंध संबंधित विद्यालय के प्राचार्य एवं विभाग के द्वारा कराया गया है एवं उक्त बसो का टेंडर राज्य शासन से हुआ है इसके अलावा मैं फाइल देखकर बता पाऊंगा।
*तुला राम आर्मो जिला शिक्षा अधिकारी अनुपपुर*
विद्यालय में लगी पुरानी बसों की शिकायत पर मैंने बस मालिक को नई बस लगाने के लिये निर्देशित कर दिया हूं और 12 वर्ष पुरानी बसें ना लगाने संबधी हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से स्थगन मिल चुका है।
*सुरेंद्र सिंह गौतम परिवहन अधिकारी अनुपपुर*
विद्यालय में लगी बसें बहुत पुरानी है जगह जगह से टपक रही मेरे द्वारा उक्त बसो को बदलने संयुक्त संचालक एवं परिवहन विभाग को पत्राचार कर दिया गया है।
*आर पी सिंह प्राचार्य शा. मॉडल संदीपनी विद्यालय पुष्पराजगढ़*
मेरे द्वारा मानपुर मऊ एवं पुष्पराजगढ़ में जो भी बसें लगाई गई है उन सभी वाहनों को परिवहन अधिकारी द्वारा पास किया गया है। सभी वाहन फिट है जो ज्यादा खराब होगी उन बसो की मरम्मत करवा दूंगा।
*रूपचंद मंगलानी बस आपरेटर शहडोल*
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6 करोड़ की लागत से बना सड़क मार्ग, दोषपूर्ण निर्माण व तकनीकी खामियां उजागर, भर रहा पानी
*नाका चौराहा, सरस्वती शिशु मंदिर के सामने जलभराव, लोग परेशान*
अनूपपुर/अमरकंटक
पवित्र नगरी अमरकंटक की नगर परिषद सीमा के अंतर्गत आने वाला नाका चौराहा (दीनदयाल चौराहा) एवं सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तथा शिव गोपाल आश्रम के सामने का प्रमुख मार्ग इन दिनों जलभराव और अव्यवस्था का पर्याय बनता जा रहा है। मामूली वर्षा के बाद भी इस मार्ग पर एक फीट तक पानी भर जाता है, जिससे दोपहिया वाहनों, राहगीरों और विशेष रूप से स्कूली छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विद्यालय के पास से गुजरने वाले वाहन जब जलभराव से होकर निकलते हैं तो कई बार उसके छींटे नन्हे छात्र-छात्राओं पर गिरते हैं। स्कूल आते-जाते मासूम बच्चे अक्सर भीगते हैं या फिसलकर गिर जाते हैं। यह स्थिति अभिभावकों और विद्यालय प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
उक्त मार्ग मुख्यमंत्री शहरी अवसंरचना योजना के अंतर्गत हुडको द्वारा वित्तपोषित तथा अरुण कंस्ट्रक्शन कंपनी, रीवा के माध्यम से लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया गया था। मार्ग का निर्माण कार्य पुराने भारतीय स्टेट बैंक शाखा कार्यालय से लेकर पाल बंगला और पुलिस थाना तक किया गया, लेकिन इसके निर्माण के साथ ही तकनीकी खामियां सामने आने लगीं। निर्माण के दौरान मार्ग को न तो समतल किया गया और न ही किनारों पर समुचित ढाल बनाई गई, जिससे वर्षा जल की निकासी हो सके। इसका परिणाम यह है कि बारिश का पानी मेकल पार्क की ओर बहता है तथा मार्ग के विभिन्न हिस्सों पर जलभराव हो जाता है।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के समीप से पुलिस थाना तक जाने वाला दूसरा मार्ग आज भी अधूरा पड़ा है। इस मार्ग के न बनने से यातायात का दबाव मुख्य मार्ग पर बना रहता है, और वर्षा के समय स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। स्थानीय नागरिकों, स्कूल प्रबंधन और तीर्थयात्रियों की मांग है कि इस मार्ग की तकनीकी समीक्षा कर आवश्यक सुधार कार्य तत्काल प्रभाव से किया जाए। पानी निकासी की व्यवस्था, समतलीकरण, और अधूरे मार्ग को पूर्ण कर नागरिकों को राहत पहुंचाई जाए। यह मार्ग न केवल अमरकंटक नगर का प्रमुख संपर्क बिंदु है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी आवश्यक है। प्रशासन को तत्काल कदम उठाकर इस बुनियादी समस्या का समाधान करना चाहिए।
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शराब पीकर आरटीओ उड़न दस्ता खूंटाटोला चेक पोस्ट पर रात में करती हैं वाहनों से अवैध वसूली
अनूपपुर
अनूपपुर जिला सदैव सुर्खियों में बना रहता है। जिले के खूंटाटोला बॉर्डर पर आरटीओ उड़न दस्ता की टीम रोज आए दिन रात में गाड़ियों को रोक कर अवैध वसूली करती हैं। गाड़ियों के सभी दस्तावेज रहते हैं उसके बाद में भी देर रात को यह टीम नशे में खूंटाटोला बॉर्डर पर जबरदस्ती वसूली का अड्डा बनाए हुए हैं। जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने सभी बॉर्डर को हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं। किसी भी बॉर्डर पर कोई भी चेक पोस्ट नहीं है।
लेकिन अनूपपुर जिले के खूंटाटोला मे वसूली का अड्डा बना हुआ है।देखा जाता है कि दिन में यहां लोग गायब रहते हैं और रात होते ही यहां महफिल जम जाती है। गाड़ी वालों को बेवजह परेशान करते हैं, जो गाड़ी वाला पैसा उनके हिसाब से दे देता है उसको छोड़ देते हैं जो पैसा नहीं देता है उसके साथ बदतमीजी करते हैं। गाली गलौज करते हैं,मारपीट करते हैं, गाड़ी में चढ़कर के जांच पड़ताल करते हैं। पैसेंजर वाली गाड़ियों को परेशान करते हैं,ट्रक वालों से अवैध वसूली करते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार से एवं जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों से अपेक्षा है कि रात्रि के समय आकस्मिक निरीक्षण कर ऐसे नशाखोर आरटीओ विभाग के उड़न दस्ता वालों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की इन्हीं लोगों के चलते बदनामी हो रही है कि यह सरकार वसूली बाज हो गई है। मध्यप्रदेश सरकार की छवि खराब कर रहे हैं,खुलेआम बोलते पाए जाते हैं कि आपको जहां कंप्लेंट करना है करिए हमारा कुछ नहीं होने वाला है।यदि सरकार ने उनकी नियुक्ति बॉर्डर पर की है तो बॉर्डर मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्र के बॉर्डर विधिवत चालू होते। परंतु खूंटाटोला बॉर्डर वसूली का अड्डा बन चुका है।जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। ऐसे अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाया जावे एवं बेवजह किसी भी वहान को परेशान नहीं किया जाए।
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निगम मंडल-आयोग के लिए तेज हुई भागदौड़, संभाग से कई नेताओं के नाम चर्चा में
शहडोल
संगठन में प्रदेश स्तर पर हुए बदलाव के बाद अब निगम मंडल, आयोग एवं प्राधिकरणों में नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। नियुक्ति का रास्ता खुलते ही इनमें स्थान पाने के लिए विंध्य के नेताओं ने भी हाथ-पांव मारने शुरू कर दिए हैं। पीछे के रास्ते सत्ता सुख पाने को आतुर नेता अपने अपने जोर जुगाड़ के जरिए संगठन के नए मुखिया व सीएम के पास तक अपनी-अपनी दावेदारी पहुंचाने की जुगत में हैं। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं व नेताओं को उपकृत करने वाली नियुक्तियां पार्टी का प्रदेश नेतृत्व कब तक करेगा यह तो अभी तय नहीं है लेकिन इन नियुक्तियों की आहट पाते ही दावेदारों के नाम सामने आने लगे हैं।
विंध्य के नेताओं को पर्दे के पीछे से सत्तारूढ़ होने का मौका हमेशा ही मिला है। शहडोल संभाग के नेताओं को पार्टी कभी निगम मंडल में तो कभी आयोग या फिर प्राधिकरण में जगह देकर उनकी निष्ठा और समर्पण का सम्मान करती रही है। पिछले कार्यकाल में भी मात्र एक नेता उपकृत थे, जिसमें रामलाल को कोल विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया था ऐसे में माना जा रहा है कि जब आने वाले समय में नियुक्तियां होंगी तो संभाग के अंतर्गत तीन जिले को पर्याप्त महत्व मिलेगा यहां के पार्टी नेताओं को इस बात का भरोसा है, वैसे संभाग ने भी पिछले कुछ चुनावों से भाजपा को दिल खोलकर अपना समर्थन दिया है। ऐसे में यदि पार्टी शहडोल संभाग नेताओं को संगठन व सत्ता में महत्व देती है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
उमरिया जिले से किसी नेता को निगम, पूर्व जिला अध्यक्ष मध्य प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मिथिलेश मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आदिवासी नेत्री सुश्री ज्ञानवती सिंह, प्रदेश के डिप्टी सीएम व विध्य के नेता राजेन्द्र शुक्ल के करीबी मिथिलेश। शहडोल जिले से हर्षवर्धन सिंह, पूर्व विधायक प्रमिला सिंह, भाजपा में महामंत्री रह चुके वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश तिवारी। अनूपपुर जिले से भी निगम मंडल प्राधिकरण एवं आयोग के लिए भाजपा के नेताओं के नाम की चर्चा हो रही है जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा रामदास पुरी, शहडोल संभाग के वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल गुप्ता, पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा बृजेश गौतम, लवकुश शुक्ला चर्चा में हैं।
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कारगिल विजय दिवस पर मेरा युवा भारत ने शहीदों को किया नमन
उमरिया
भारत के माटी की शान है तुम्हें नमन कारगिल के वीर जवान है तुम्हें नमन। युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय भारत सरकार, मेरा युवा भारत उमरिया के जिला युवा अधिकारी आदित्य सिंह व लेखा एवं कार्यक्रम सहायक मनीष कुमार चौहान के मार्गदर्शन पर पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक हिमांशु तिवारी के द्वारा शासकीय कन्या विद्यालय उमरिया में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन कर श्रंद्धाजलि अर्पित की गई।
मौके पर वक्ताओं ने शहीदों की वीरगाथा विद्यार्थियों के बीच बताई गई। विद्यालय प्राचार्य लालन सिंह मरकाम ने कारगिल दिवस के अवसर पर देश के वीर सपूतों को याद किया। कहा कि आज हम कारगिल विजय दिवस मनाकर शहीदों को नमन कर रहे हैं। शहीद देश के गौरव है, युवा पीढ़ी को उनसे सीख लेनी चाहिए।
एक्स नेशनल यूथ वालंटियर हिमांशु तिवारी ने कहा कि हमारी सेना हमारा गौरव है। उन्होंने कहा कि आज का दिन शहीदों पर गर्व करने का है। कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच लगभग 60 दिनों तक चला। 26 जुलाई के ही दिन इसका अंत हुआ था। इसमें भारत ने पाकिस्तान को शिकस्त दी थी। 3 मई 1999 को पाक ने यह युद्ध शुरू किया था। 5000 सैनिकों के साथ कारगिल की चट्टानी पहाड़ी क्षेत्र में ऊंचाई पर घुसपैठ किया गया था।छात्राओं को वीर सैनिकों के बलिदान के बारे में बताया। कहा कि सैनिकों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है।विजय दिवस सिखाता है कि देश सबसे ऊपर है। यह दिन हमें देश के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाता है।भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को अपने अदम्य साहस और शौर्य से विपरीत परिस्थितियों में भी घुसपैठियों से कारगिल को मुक्त कराकर ’ऑपरेशन विजय’ में सफलता प्राप्त की। इस गौरवशाली दिन की याद में हम हर साल कारगिल विजय दिवस मनाते है। यह देश के वीर सपूतों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रगट करने का दिन है।
समाचार 08
पुलिया निर्माण में गड़बड़ी, सरपंच, सचिव व एपीओ पर 5.44 लाख का वसूली आदेश जारी
अनूपपुर
जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत कांसा में छट्टनटोला स्टापडैम हाथी पाथर के पास, चेक डेम निर्माण कार्य तथा आर.सी.सी. पुलिया निर्माण कार्य शिवचरण कोल के खेत के पास के कार्य में कुल 5 लाख 44 हजार 651 रुपये के शासन के राशि का दुरूपयोग करने पर तत्कालीन अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) जैतहरी अरविंद सिंह से 1 लाख 26 हजार 872 रुपये, तत्कालीन सरपंच कांसा तिहारू कोल से राशि 2 लाख 8 हजार 890 रुपये एवं तत्कालीन सचिव शिवचरण पटेल से राशि 2 लाख 8 हजार 890 रुपये की वसूली के आदेश अपर कलेक्टर (विकास) एवं विहित प्राधिकारी पंचायत जिला पंचायत अनूपपुर तन्मय वशिष्ठ शर्मा द्वारा जारी किए गए हैं। संबंधितों को जिला पंचायत अनूपपुर के खाते में वसूली राशि पन्द्रह दिवस के अन्दर जमा करने हेतु आदेशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि छट्टनटोला स्टापडेम हाथी पाथर के पास चेकडेम निर्माण कार्य तथा शिवचरण कोल के खेत के पास आर.सी.सी. पुलिया निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमितता किए जाने पर दोषी संबंधित जनों के विरूद्ध जिला पंचायत द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। इसके पश्चात् भी अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) द्वारा कोई जवाब पेश नही किया गया तथा सरपंच व सचिव अनुपस्थित रहे। जिस पर अपर कलेक्टर (विकास) एवं विहित प्राधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर द्वारा राशि वसूली के आदेश जारी किए गए हैं।