पांच दिनों से चार हाथियों को समूह ने राजेंद्रग्राम क्षेंत्र में डाला डेरा, रातों मे तोड रहे ग्रामीणों के मकान, दहशत में ग्रामीण

पांच दिनों से चार हाथियों को समूह ने राजेंद्रग्राम क्षेंत्र में डाला डेरा, रातों मे तोड रहे ग्रामीणों के मकान, दहशत में ग्रामीण


अनूपपुर

विगत पांच दिनों से चार हाथियों का समूह राजेंद्रग्राम क्षेत्र में दिन के समय जंगल में ठहरने हुए रात होते ही जंगल से लगे ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर ग्रामीणों के घरो में तोड़फोड़ कर विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं। 22 जून को पांचवें दिन चारों हाथी राजेंद्रग्राम क्षेत्र के रौषरखार गांव से लगे बेनीबारी बीट के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं, हाथियों के निरंतर विचरण से ग्रामीण परेशान एवं दहशत की स्थिति में रात रात भर जाग कर रात बिताने को बाध्य है।

चार हाथियों का समूह 14 जून की रात छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके से अनूपपुर जिले में प्रवेश जैतहरी एवं अनूपपुर तहसील के ग्रामों में विचरण करते हुए विगत पांच दिनों से राजेंद्रगाम क्षेंत्र में पहुंचकर विचरण कर रहे है, यह हाथियों का समूह दिन में जंगल में रहने के बाद रात होते ही जंगल से लगे ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर ग्रामीणों के मकानों को आहार की तलाश में निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ कर विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं, शुक्रवार की मध्य रात्रि चारों हाथी गुट्टीपारा बीट के जंगल में दिनभर रहने बाद रात होने पर बिजौरा निवासी धन्ना,अजीत,निहाली के तथा शनिवार की रात छींदपानी बीट के जंगल से निकलकर बिजौरा के संचरा के बैगानटोला निवासी रतनी बाई,टिल्लू,अमृत,कान्ता,लामू के मकानो/झोपड़ियो में तोड़फोड़ कर नुकसान करते हुए लमसरई,गर्जनबीजा से रविवार की सुबह बेनीबारी बीट के रौषरखार गांव से लगे जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं,चारों हाथियों को राजेंद्रग्राम क्षेत्र में खेतों मे खाने के अनाज ना मिल पाने के कारण संभवतः घरों में तोडफोड कर रहे है, हाथियों के निरंतर विचरण करने एवं ग्रामीण के संपत्तियों का नुकसान करने के कारण हाथी का विचरण से ग्रामीण अपनी संपत्तियों को बचाने के लिए रात रात भर जाग कर रात बिताने को बाध्य है, वही वनविभाग का गश्ती दल ग्रामीणो एवं अन्य विभागों से समन्वय बनाते हुए हाथियों के विचरण पर निरंतर निगरानी करते हुए ग्रामीणों को दिन के समय हाथियों के विश्राम करने वाले स्थल के जंगलों में नहीं जाने,रात के समय गांव से बाहर एवं जंगल के समीप बने मकानों में नहीं रहते हुए बीच बस्ती में के पक्के मकान में सुरक्षित रहने की अपील की है।

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