रोजगार सहायक को सरपंच व सचिव ने खुलेआम फर्जीवाड़े करने का दिया लाइसेंस, जिम्मेदार मौन
*बिना मास्टर निकाले ही मनरेगा का कार्य हो जाता है शुरू*
अनूपपुर
जिले के कोतमा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत ख़मरौध का जहा पर मनरेगा के सभी कामों मे जैसे बिना पानी निकासी के पुलिया निर्माण कार्य, सीसी रोड निर्माण कार्य व मूला हितग्राहियो के कामों मे भी जो मजदूर कभी काम करने नहीं जाते उनका भी मास्टर जारी कर खुलेआम भृष्टाचार को अंजाम दिया जाता है, जिसमे पंचायत के सरपंच सचिव व खासकर के कोतमा जनपद के इंजिनियर डोंगरवार का विशेष योगदान रहता है ।
रोजगार सहायक के द्वारा बिना मास्टर निकाले ही मनरेगा के कामों को चालू किया जाता है और बाद मे अपने हिसाब सें डिमांड बनाकर जो मजदूर कभी काम करने नहीं जाते व जो घर पर रहते है जिनका इलाज बड़े बड़े हॉस्पिटलो सें चल रहा है जो चलने फिरने के लायक नहीं है यहाँ तक की जिनको मध्य प्रदेश शासन सें वृद्धा पेंसन जारी है, उनका मास्टर लगातार निकाल कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता है। अपने चहेते मेट को मूल हितग्राही के कामों मे दो दो साइड़ो पर एक ही समय वा एक ही दिनांक पर दी जवाबदारी और प्रमाणित भ्रष्टाचार तो तब होता है, जब मूल हितग्राही के चल रहे खेत तलाब निर्माण कार्यों पर अपने चहेते मेट को एक ही टाइम वा एक ही डेट पर दो दो जगह की जवाबदारी दे कर जमकर दिन दहाड़े खुलेआम फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता है, जिसमे सरपच सचिव महोदया की पुररूपेण मौन स्वीकृति प्रदान है।
अभी अभी ही हाल मे एक मामला सामने आया है, जहा पर मास्टर जनरेट कही और का और मजदूरों का पेमेंट कही और का, जब इस विषय मे इनसे जानकारी लिया गया तो बताया गया की जो सीसी रोड प्राथमिक शाला के पास बना था, उसमे ज्यादा मजदूरों को काम करा दिया गया था तो उनका ही वहा पे अर्जेस्ट किया जा रहा है, इससे यहाँ पर स्पष्ट रूप सें कोतमा जनपद के इंजिनियर की भूमिका समझ मे आ रहा है, जबकि इनकी शिकायत कई बार सें सीएम हेल्पलाइन मे ग्रामीणों के द्वारा की गयी, परन्तु इनको न इनके रोजगार सहायक आज तक कुछ फर्क नही पड़ा, समस्त ग्रामवासियो ने मुख्य कार्यापालन अधिकारी जिला पंचायत सें निवेदन किया है की जल्द जल्द सें जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाय।
जिले में चारो ओर ग्राम पंचायतो में जिस कदर शासन जनहित की राशि स्वीकृत करके विकास कार्यों को अंजाम देने में आमादा है, तो वही यहां पर बैठे जिम्मेदार लोग भ्रष्टाचार को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई करेगा? या फिर लाखों रुपये का यह फंड भी अन्य योजनाओं की तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि पूरे निर्माण कार्य की जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
*इस मामले मे सरपंच महोदया के मोबाइल में सम्पर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया*