आचार्य दक्षता परीक्षा 2025 : अनूपपुर में 91 आचार्य दीदियों ने दी सहभागिता
*विद्या भारती महाकौशल प्रांत द्वारा परीक्षा का सफल आयोजन*
अनूपपुर
शिक्षक की गुणवत्ता ही विद्यालय की आत्मा होती है, और इस गुणवत्ता को परखने व निखारने हेतु विद्या भारती महाकौशल प्रांत के तत्वावधान में “आचार्य दक्षता परीक्षा 2025” का सफल आयोजन अनूपपुर जिला केंद्र में किया गया। यह परीक्षा विशेष रूप से शहरी विद्यालयों की आचार्य दीदियों के लिए निर्धारित की गई थी, जिसका उद्देश्य आचार्यों की शैक्षणिक दक्षता एवं विषयवस्तु पर पकड़ का मूल्यांकन करना रहा। परीक्षा प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक शांतिपूर्ण और सुसंगठित वातावरण में संपन्न हुई।
इस परीक्षा में अनूपपुर जिले के 9 विद्यालयों से कुल 91 आचार्य दीदियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता दर्ज की। परीक्षा के सफल संचालन में जिला संगठन की समर्पित भूमिका उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम के सफल संचालन में विभाग समन्वयक राम शिरोमणि शर्मा, विद्या भारती के जिला सचिव प्रदीप सोनी, जिला केंद्र व्यवस्थापक आदर्श दुबे, एवं प्राचार्य सतीश चंद्र सिंह की सक्रिय उपस्थिति और मार्गदर्शन सराहनीय रहा। सभी संबंधित विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाचार्य, आचार्य दीदियों एवं समस्त विद्यालय स्टाफ, परीक्षा समन्वयकों का पूर्ण सहयोग रहा।
शहडोल विभाग के विभाग समन्वयक राम शिरोमणि शर्मा ने कहा, यह परीक्षा आचार्यों के ज्ञान, समर्पण और शिक्षण की गुणवत्ता का प्रतिबिंब है। हमारा प्रयास है कि हर आचार्य निरंतर सीखता रहे और अपने छात्रों को श्रेष्ठतम दे सके। जिला सचिव प्रदीप सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा, "विद्या भारती न केवल शिक्षण बल्कि आचार्य निर्माण की संस्था है। इस प्रकार की परीक्षाएं हमारे उद्देश्य 'संस्कारयुक्त शिक्षा' —की ओर एक महत्वपूर्ण कदम हैं।"
जिला केंद्र व्यवस्थापक आदर्श दुबे ने कहा, "गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का आधार कुशल आचार्य हैं। यह परीक्षा न केवल मूल्यांकन है, बल्कि आत्म विश्लेषण और सुधार की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। विद्या भारती का यह प्रयास यह सिद्ध करता है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि संस्कारों, नैतिकता, और आचार्य के सतत विकास से जुड़ी प्रक्रिया है। यह परीक्षा सिर्फ परीक्षा नहीं एक अनुभव है एक सोचा जी भविष्य में भी शिक्षकों की गुणवत्ता संवर्धन की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।