गंगा दशहरा में भक्त श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी स्नान, पूजन कर नर्मदा माता से आशीर्वाद
अनूपपुर
प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में गंगा दशहरा के पावन अवसर पर दूरस्थ अंचलों से आए भक्त श्रद्धालुओं तीर्थ यात्रियों ने पूरे भक्ति भाव के साथ पतित पावनी पुण्य सलिला मां नर्मदा जी के रामघाट तट आरंडी संगम तथा कोटि तीर्थ घाट कुंड आस्था की डुबकी लगाई स्नान दर्शन कर नर्मदा मंदिर में कतारबद्ध होकर माता नर्मदा जी का दर्शन किया तथा पूजन अर्चन किया ।
उल्लेखनीय है कि गंगा दशहरा के पावन अवसर पर दूर दराज के अंचल से लगभग 24--25 हजार से भी अधिक भक्त श्रद्धालु तीर्थ यात्रीगण स्नान दर्शन पूजन किया है, सुबह से ही भक्त श्रद्धालुओं के द्वारा नर्मदा जी के घाटों में डुबकी लगाई जाने का क्रम शुरू हो गया है । गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आरंडी संगम में सुबह से ही पूजन अर्चन हवन का शुरू हो गया है, साथ ही आश्रम में ब्रह्मलीन संत सीताराम दास महाराज तथा उनके शिष्य ब्रह्मलीन गुरु पूजन अर्चन किया गया तथा आश्रम परिसर में विशाल भोजन प्रसादी भंडारा कराया गया ।
गंगा दशहरा के पावन अवसर का महत्व पुरोहित पंडित धनेश द्विवेदी वंदे महाराज ने कहा कि ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष दशमी हस्त नक्षत्र सर्वार्थ सिद्धि योग में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है इसमें एक साथ पतित पावनी मां गंगा एवं मां नर्मदा जी के स्नान दर्शन पूजन का दोनों का संयुक्त पुण्य लाभ मिल जाता है जो महत्व गंगा में स्नान का है, वही महत्व नर्मदा जी में दर्शन मात्र से मिलता है, दोनों ही मां गंगा एवं नर्मदा का पुण्य फल लाभ मिलता है, दोनों ही पुण्यदायिनी है मनुष्य के पापों को हरने वाली है। पंडित राजेश पाठक ने कहा कि गंगा दशहरा का विशेष पौराणिक एवं पारंपरिक ऐतिहासिक महत्व है मां नर्मदा पुण्यदायिनी पापनाशिनह है।