ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना के सम्मान में नगर में निकाली तिरंगा यात्रा

अनूपपुर

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर शनिवार शाम 6 बजे को कोतमा नगर बस स्टैंड से तिरंगा यात्रा निकली गई। इस दुरान सफलता पर नागरिकों ने अति उत्साह के साथ जश्न भी मानया गया। यात्रा में  पूर्व सैनिक , कॉलेज स्टूडेंट्स, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि , महिलाएं शामिल हुई। मुख्य मर्गों से करीब साढ़े 6 बजे शुरू हुई यात्रा में तिरंगा ही तिरंगा लेहराने लगे। इससे शहर में देश - भक्तिमय माहौल बन गया।

इसके साथ ही यात्रा में भारत माता की जय के नारों से गुंजायमान रहा। तिरंगा यात्रा में नगर परिषद अध्यक्ष अजय सराफ , उपाध्यक्ष वैशाली बद्री ताम्रकार , राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) दिलीप जायसवाल, कार्यक्रम के जिला प्रभारी हनुमान गर्ग,भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी सहित शहरवासी साथ ही  क्षेत्र के पत्रकार समलित रहे। रेलवे स्टेशन और मार्केट होते हुए गाँधी चौक पर रैली का समापन हुआ।

[25/05, 2:38 pm] V*कोतमा वन परिक्षेत्र के टांकी बीट में हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई, वन विभाग बना मूकदर्शक*


जिले के वन मंडल अनूपपुर वन परिक्षेत्र कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत टांकी बीट के घने जंगलों में इन दिनों हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है। क्षेत्र के स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि कीमती पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई हो रही है, लेकिन वन विभाग इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। यह स्थिति न केवल जंगल की जैव विविधता को खतरे में डाल रही है, बल्कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है।


सरई के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई


सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ सप्ताहों में कोतमा वन परिक्षेत्र के टांकी बीट में घने जंगल में सरई के


कीमती पेड़ों की अवैध कटाई बढ़ गई है। लकड़ी माफिया रात के अंधेरे में पेड़ों को काटते हैं और ट्रैक्टर व अन्य वाहनों की मदद से जंगल से बाहर ले जाते हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार इस गतिविधि की सूचना वन अमले को दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इससे यह संदेह पैदा होता है कि कहीं न कहीं वन विभाग की मिलीभगत भी इस अवैध गतिविधि में हो सकती है।


जहां निकलना होता था मुश्किल, धड़ल्ले से घुस रहे हैवी वाहन


कोतमा वन परिक्षेत्र का यह जंगल क्षेत्र जैविक विविधता के लिहाज से बेहद समृद्ध माना जाता है। यहां पर बाघ, तेंदुआ, हिरण, भालू, जंगली सूअर जैसे कई वन्य प्राणी निवास


करते हैं। लगातार हो रही पेड़ों की कटाई से इनके रहवास क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका भी बढ़ गई है।


वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। साथ ही, जंगल की सुरक्षा के लिए गश्ती दलों की संख्या बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से निगरानी तंत्र मजबूत करने की जनापेक्षा है। यह आवश्यक है कि सरकार और वन विभाग मिलकर इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लें। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में अपनी हरियाली और जैव विविधता खो सकता है, जिसका नुकसान संपूर्ण पर्यावरण को भुगतना पड़ेगा।

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget