तीन रातो के मध्य सात मकान तोड़ते, खेतों मे लगी फसल खाते तीनों हाथी पहुचे पिपरहा के जंगल
अनूपपुर
तीन हाथियों का समूह विगत तीन रातो के मध्य सात मकानो एवं ग्रामीणों के खेतों में लगी विभिन्न तरह के फसलो को अपना आहार बनाते हुए सोमवार की सुबह राजेंद्रग्राम के पिपरहा के जंगल में पहुंचकर दिन मे विश्राम कर रहे हैं।
एक माह से अधिक समय से तीन नर हाथी अनूपपुर जिले के अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील के ग्रामीण अंचलों में विचरण करने बाद सोमवार की सुबह राजेंद्रग्राम वन परिक्षेत्र एवं थाना के पिपरहा गांव से लगे जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं, हाथियों द्वारा तीन रातो के मध्य सात ग्रामीणों के मकान में तोड़फोड़ कर ग्रामीणों के खेतों में लगे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया है तीनों हाथी वन परिक्षेत्र,थाना एवं तहसील अनूपपुर के ग्राम पंचायत औढेरा अंतर्गत किरर के जंगल में दिन में ठहर कर रात होने पर शहडोल -अमरकंटक मुख्य मार्ग को किरर गांव मे दो-तीन बार पार करते हुए किरर गांव में मंगल पिता रूप सिंह,सोहन पिता चिप्पू यादव,मुन्ना पिता कुंवर सिंह,गनपत पिता संभ्हर सिंह के घरों में अचानक पहुंचकर हमला बोलते हुए तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे विभिन्न तरह के अनाजों को तथा मोहन यादव एवं गनपत सिंह के बांड़ी में लगे केला को खाते हुए किरर एवं बडहर के मध्य स्थित जंगल में विश्राम करते रहे, जो देर शाम जंगल से निकल कर बडहर गांव के विभिन्न टोला,मोहल्ला में विचरण करते हुए राकेश्वर पिता कुन्नू सिंह के खेत में लगे विभिन्न तरह की फसल एवं सब्जी को आहार बनाकर देर रात बड़हर के जंगल पहाड़ से चढ़ कर राजेंद्रग्राम वन परिक्षेत्र एवं थाना,तहसील की सीमा के ग्राम दुधमनिया के महुआटोला में पहुंचकर तिनरिहा पिता बुद्धू सिंह,बिहारी पिता बुद्धू सिंह एवं मैकू पिता लामू सिंह के घरों मे पहुंचकर घरों को तोड़ते हुए घर के अंदर रखे एवं बांड़ी में लगे विभिन्न तरह की फसलों को आहार बनाते हुए सोमवार की सुबह वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के लेढरा बीट अंतर्गत जंगल जो ग्राम पिपरहा से लगा हुआ है पहुंचकर दिन में विश्राम कर रहे हैं, रात ग्राम किरर निवासी गनपत सिंह के घर में अचानक पहुंचे तीनों हाथियों के घर को घेर लेने पर घर के अंदर तीन सदस्य फंसे रहे जिन्हें वनविभाग के गश्ती दल द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया वही ग्राम दुधमनिया के महुआटोला निवासी बिहारी सिंह के घर में अचानक तीनों हाथियों के पहुंच जाने पर परिवार के सदस्य भाग कर अपनी जान बचा सके, जिला प्रशासन एवं वनविभाग के पटवारी एवं वनरक्षक हाथियों द्वारा किए गए ग्रामीणों के विभिन्न तरह के नुकसान पर स्थल पर पहुंचकर तत्काल मुआवजा प्रकरण तैयार कर रहे हैं।