देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करना पड़ा भारी, जिला पंचायत अध्यक्ष के ससुर पर मामला हुआ दर्ज
*हिन्दू संगठनो की शिकायत पर हुई कार्यवाही, संयोजक और कथा वाचक पर भी कार्यवाही*
उमरिया
जिले के मानपुर में स्थानीय पुलिस ने कथित रूप से हिन्दू देवी देवताओं के विरूद्ध अभद्र टिप्पणी करने पर जिला पंचायत अध्यक्ष अनुजा पटेल के ससुर सहित तीन लोगों के विरूद्ध अपराध दर्ज कर लिया है। इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार इन दिनो नगर परिषद मानपुर के वार्ड नंबर 1 मे बौद्ध धर्मियों का एक कार्यक्रम चल रहा है। बताया गया है कि इस दौरान कथा वाचक द्वारा लगातार हिन्दू धर्म तथा देवी-देवतओं पर छीटाकशी करते हुए आपत्तिजनक उदाहरण दिये जा रहे थे। जिसकी शिकायत कर पुलिस ने कार्यक्रम के संयोजक दुर्गेश बौद्ध (कुशवाहा), आयोजक बालक दास पटेल तथा कथावाचक आरएल बौद्ध के विरूद्ध धारा 196, 299, 353 तथा 3/5 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर प्रकरण को विवेचना मे लिया है। बताया गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के ससुर बालक दास पटेल तथा अन्य लोगों द्वारा 31 जनवरी से नगर के वार्ड क्रमांक 1, सेमरा मे ठाकुरबाबा तिराहा के पास बुद्ध कथा एवं धम्म देशना कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जोकि 5 फरवरी को संपन्न होगा। कथा के निमंत्रण पत्र तथा बैनर मे संयोजक दुर्गेश बौद्ध सहित अन्य आयोजकों के नाम का उल्लेख है।
वीडियो वायरल होने से मचा विवाद
सूत्रों के मुताबिक बुद्ध कथा का प्रवचन किसी आरएल बौद्ध नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। जिनके द्वारा हिन्दू धर्म के खिलाफ बेहद खराब भाषा का प्रयोग करते हुए उदाहरण दिये जाने का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो बवाल मच गया। इसे लेकर नगर के हिन्दू संगठनो द्वारा एक लिखित ज्ञापन पुलिस को सौंपा गया। जानकारी के अनुसार फरियादी प्रयाग तिवारी की सूचना पर पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
*आयोजकों ने लगाया कथा मे अवरोध का आरोप*
उधर बालकदास पटेल का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है। जिसमे कुछ असामाजिक तत्व अवरोध उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट मे पटेल ने बताया कि कार्यक्रम मे कथावाचक द्वारा भगवान बुद्ध का उपदेश पर चर्चा की जाती है, परंतु इस संबंध मे दुष्प्रचार के लिये एक वीडियो क्लिप काट छांट कर चलाई जा रही है, जोकि पूर्णत: गलत है। उन्होने नागरिकों से कार्यक्रम मे आकर सच्चाई जानने की अपील की है।
*शांति के आड़ मे अशांति का खेल*
गौरतलब है कि गौतम बुद्ध शांति और अहिंसा के प्रतीक हैं। जिन्होने एक क्षत्रिय राजकुमार होते हुए समाज को दुखों से मुक्ति दिलाने के लिये सन्यास धारण कर लिया। इतना ही नहीं एक झटके मे महल और एश्वर्य का त्याग कर ज्ञान की खोज मे निकल पड़े। जिस महापुरूष का जीवन ही संपूर्ण मानवजाति को समर्पित है, उनके नाम पर आयोजित कार्यक्रम मे इस तरह की भाषा का प्रयोग कितना उचित है। जिले के प्रबुद्ध जनो का मानना है कि शांति का टापू कहे जाते उमरिया जिले मे इस तरह के लोगों की आमद और गतिविधियां निश्चित तौर पर चिंता और आपत्ति का विषय है।