कोयला खदान में रोड सेल पर भाड़े को लेकर आए दिन होता हैं विवाद, हो सकती है अप्रिय घटना
*ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के दर्जनों ट्रक मालिकों ने कलेक्टर व एसपी के नाम सौपा ज्ञापन*
शहड़ोल
शहडोल। साउथ ईस्टर्न कोल्ड फील्ड्स लिमिटेड के सोहागपुर एरिया अंतर्गत विभिन्न कोयला खदानों में रोड सेल से कोयला उठाने और भेजना के मामले में भाड़े को लेकर राजस्थान की कंपनी और उसके कुछ कारण दे बीते कुछ दिनों से नए विवादों को जन्म दे रहे हैं, दो दिन पूर्व ही इस बात को लेकर काफी विवाद हुआ और स्थानीय लगभग 500 से अधिक ट्रकों के मालिक अपनी मांग को लेकर खैरहा थाने पहुंच गए, ट्रक ऑनर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले खैरहा थाने पहुंचे दर्जनों ट्रक मालिकों ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर के नाम पर खैरहा थाना प्रभारी को आवेदन दिया था और यह आरोप लगाए थे कि बीएमआर नामक कंपनी के कुछ कारिंदे अनावश्यक दबाव डाल रहे हैं और स्थानीय ट्रक मालिकों से विवाद कर रहे हैं, जिससे किसी भी दिन अप्रिय घटना कारित हो सकती है, इस मामले में स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के हस्ताक्षेप की मांग की गई और उन्हें समस्याओं से अवगत कराया गया, यह भी बताया गया कि बाहर की कंपनी के कुछ कारिंदे जो ना तो कोई ट्रक मालिक है और नहीं अधिकृत तौर पर कंपनी के कर्मचारी ही हैं, उनके द्वारा यहां लॉयन ऑर्डर की स्थिति निर्मित करने का प्रयास किया जा रहा है।
अमलाई थाना पहुंचे ट्रक मालिक
तीन दर्जन से अधिक ट्रक मालिक अपनी मांग को लेकर अमलाई थाना पहुंचे, उनका आरोप था कि जिस तरह खैरहा थाना क्षेत्र अंतर्गत बीएमआर कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि यशपाल के द्वारा यहां स्थानीय यूनियन क्षेत्रीय ट्रक आनर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के तय मानकों के खिलाफ जाकर लिफ्टिंग का काम करवाते हुए विवाद की स्थिति निर्मित की जा रही है, वैसे ही अमलाई थाना अंतर्गत रामपुर खुली खदान में भी स्थिति निर्मित कर विवाद करने की मंशा से ट्रांसपोर्टर की नजर आ रही है। पुलिस अधीक्षक के नाम दिए गए शिकायत पत्र में यह उल्लेख किया गया कि क्षेत्रीय ट्रक आनर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन एक स्थानीय और रजिस्टर्ड यूनियन है, आस-पास की समस्त कोयला खदानों से को लिफ्टिंग के लिए उक्त यूनियन के द्वारा दिशा निर्देश इसलिए तय किए जाते हैं कि कोई भी विवाद की स्थिति आपस में निर्मित ना हो और छोटे-छोटे ट्रक मालिकों के हकों को भी ध्यान में रखा जा सके। पत्र में आगे या उल्लेख किया गया कि यूनियन के द्वारा निर्धारित भाड़े जो प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित किया गया है, समस्त ट्रांसपोर्टर को लिफ्टिंग के लिए इस भाड़े को मानने की बाध्यता सभी के द्वारा आपसी सहमति से तय की गई है। जिसमें स्थानीय को निकासी के लिए 70 प्रतिशत स्थानीय गाडिय़ों को प्राथमिकता दिए जाने तथा 30 प्रतिशत अन्य ट्रांसपोर्टर जो कि स्थानीय क्षेत्र के बाहर की होगी। कोयला सप्लाई के लिए यूनियन के तय मापदंडों के अनुसार कार्य कर सकेंगे, लेकिन राजस्थान की तथाकथित बी.एम.आर कम्पनी राजस्थान की है , जिसे स्थानीय कोयला खदानों से कोयला सप्लाई के लिए ए.सी.सी केमोर के लिए डी.ओ. प्राप्त हुआ है तथा उसके द्वारा पूर्व में यूनियन के मातहत एवं यूनियन के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करने का वचन दिया था । परन्तु वर्तमान में उनके द्वारा मनमानी दिखाते हुये असामाजिक तत्वों को इकट्ठा कर गाली-गलौज कर हाथ में हथियार रखे हुए हथियार बन्द व्यक्तियों के साथ यूनियन के सदस्यों को धमकाते हुये जान से मारने की धमकी देते हुये कहते है कि हम मनमाने ढंग से कार्य करेगें। अगर हमें यूनियन के तहत काम करने के लिए बोलोगे तो खून खराबा हो जायेगा। तथा कहते है कि ये बड़े बड़े अधिकारियों का काम है, इसमें किसी भी प्रकार से यहां के लोगो को कोई रोजगार नही दिया जायेगा। जितने बड़े-बड़े अधिकारियों का काम है कि वह तुम सब यूनियन वालो को झूठे मुकदमें में दो मिनट में फंसा देगें।
उक्त यूनियन द्वारा स्थापित विधि विरूद्ध कार्य करने में भानू दीक्षित, ओम दीक्षित, रमेश प्रताप सिंह उर्फ दादू, सुजीत चतुर्वेदी एवं उनके साथ अन्य सैकड़ो गुन्डा प्रवृत्ति के व्यक्ति यह धमकी देते है कि, यदि हमें हमारे हिसाब से काम नही करने दोगे। तो हम यहां पर खून खराब कर देंगें तथा वहां उपस्थित सभी व्यक्ति गुण्डा प्रवृत्ति के नशे में रहते है तथा कोई भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है। स्थानीय यूनियन द्वारा जो दिशा निर्देश बनाये गये है, उसके तहत लगभग 500 परिवार की रोजी-रोटी चलती है तथा सभी 500 परिवार के व्यक्तियों द्वारा फाइनेंस में गाड़ी उठायी गई है। जिसका कर्जा फाइनेंस कम्पनी को किस्त के रूप में उक्त परिवार के लोगो को चुकाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में बाहर से आये कम्पनी द्वारा यदि स्थानीय यूनियन के विपरीत कार्य किया जाता है तो, यूनियन से जुड़े लगभग 500 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का भारी संकट खड़ा हो जायेगा। तथा वह अपने वाहनों को खड़ा कर चक्का जाम करते हुये उग्र आंदोलन करने के लिए विवश हो जायेगे।