जनसंपर्क आयुक्त व पोस्ट आफिस के मुखिया पर प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी- राधावल्लभ शारदा
*राज्य व केंद्र सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ*
भोपाल
आई पी सी की धारा 420 ,120 बी सहित अन्य धाराओं में अपराधी शलभ के विकलांगता के आवेदन पर 3 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना पाने वाले अभी हाईकोर्ट की मेहरबानी से जमानत पर हैं।
420 व्यक्ति ने श्रमजीवी पत्रकार समाचार पत्र का फर्जी आर एन आई प्रमाण पत्र बना कर डाक विभाग से भी 420 की और लगभग 5000 प्रतियों पर डाक टिकट में लाभ लिया छान बीन के बाद प्रकरण की जांच राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने जितनी राशि बताई उतनी वसूल कर ली। क्या जुर्म की सजा किये गये आर्थिक धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होना चाहिए या नहीं परंतु डाक विभाग के अधिकारियों ने किस लालच में एफआईआर दर्ज नहीं कराई यह तो विभाग के मुखिया ही अच्छी तरह से बता सकते हैं।
दूसरा मामला जनसंपर्क विभाग का है जांच में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 9 लाख रुपए के विज्ञापन फर्जी दस्तावेज के आधार पर लिए। जनसंपर्क विभाग के संचालक आशुतोष सिंह सहित पूरे विभाग के अधिकारियों को मालूम है कि राशि की वसूली करना है।
राधावल्लभ शारदा द्वारा पत्र लिखे विभाग के अधिकारियों ने उनके द्वारा भेजे गए पत्र के माध्यम से सूचना दी कि विभाग में राधावल्लभ शारदा द्वारा भेजे गए पत्र उपलब्ध नहीं है जबकि सभी दस्तावेज जन सम्पर्क विभाग के जबावदार अधिकारी वाधवा को जाकर दिये। अभी तक इन दोनों मामलों में चुप था क्योंकि बुरा काम करने वाले का बुरा होता है।
जिस तरह कोबरा सांप को कोई छेड़ देता है तो वह उस व्यक्ति को छोड़ता नहीं है, इस 420 धोखे बाज ने मुझे छेड़ा है तो छोड़ूंगा नहीं, एक हाथ कटा हुआ है क्या पत्रकारों को इस पर रिसर्च करना चाहिए।
दो दिन बाद पुनः सूचना के अधिकार में 9 लाख रुपए की वसूली की जानकारी लूंगा, उसके जबाब के बाद दोनों विभागों के मुखिया के खिलाफ याने जनसंपर्क आयुक्त और पोस्ट आफिस के मुखिया के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवाया जाना है, क्योंकि यह आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है, मतलब राज्य सरकार और केंद्र सरकार को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया और नुकसान की भरपाई के साथ पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं कराई।