मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी, तेरी महिमा सबसे न्यारी तू ही करौली वारी
*नवरात्रि*
दुर्गे मां की महिमा
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
तेरी महिमा सबसे न्यारी तू ही करौली वारी।
नवरात्रि जब जब आती,
तेरी शिला मूर्ति बढ़ जाती।
भक्तों को दर्शन देने,
तू देहरी तक आ जाती।
मैया छोटी सी किवड़िया बंद न हो पाती तुम्हारी।
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
जितना भी जल चढ़ता है,
इक कुंड में समाता है,
ये इक बिलस्त भर का है,
जो कभी नहीं भरता है।
मैया हम तेरे पुजारी तू है कुलदेवी हमारी।
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
इस शिला रूप में माते,
तेरे नौ रूप समाते,
मनवान्छित फल तू देती,
जब करूं तेरे जगराते।
मैया छवि तेरी प्यारी तू ही राखे लाज हमारी।
मैया बहरारे वारी तेरी महिमा सबसे न्यारी।
गीतकार- अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट
ग्वालियर म.प्र.