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शासकीय राजस्व भूमि से लगातार हो रही हरे वृक्षों की कटाई, जिम्मेदार मौन

*उक्त मामले से वन विभाग ने कार्यवाही हेतु राजस्व विभाग को लिखा पत्र*

अनूपपुर

जिले के कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पकरिया में अवैध कटे सरई के पेड़ के संबंध में वन परिक्षेत्राधिकारी कोतमा के घटना संज्ञान में आने पर तत्काल बन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा प्रस.कोतमा जे.डी.धावे डिप्टी रेंजर एवं बीटगार्ड उत्तम सिंह को घटना स्थल का निरीक्षण कर अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।उक्त निर्देश के पालन में पस.कोतमा द्वारा पटवारी हल्का छुल्हा टोला,सरपंच ग्राम पंचायत एवं ग्रामीणों को बुलाकर मौका स्थल निरीक्षण व सत्यापन किया गया।सत्यापन मे कटाई स्थल वनक्षेत्र न होना पाया गया बल्कि शासकीय राजस्व भूमि खसरा नं.34/1 होना पाया गया।कटाई स्थल राजस्व क्षेत्र होने पर राजस्व कोतमा एवं बीटगार्ड के प्रतिवेदन के अनुसार वन परिक्षेत्राधिकारी कोतमा द्वारा उक्त घटना की जानकारी तहसीलदार कोतमा,अनुविभागीय अधिकारी कोतमा एवं कलेक्टर अनूपपुर को पत्राचार के माध्यम से प्रेषित कर अवगत कराया गया,जिसमें राजस्व विभाग के द्वारा कार्यवाही की गई है। ग्राम पकरिहा में अवैध रूप से काटे गये सरई पेड़ स्थल शासकीय राजस्व भूमि होने पर म.प्र.भू राजस्व संहिता के अनुसार अवैध कटाई के रोकथाम हेतु कार्यवाही करने का अधिकार राजस्व विभाग को है क्योंकि उक्त स्थल वन क्षेत्र नही है जिस कारण वन विभाग के द्वारा कार्यवाही नहीं की जा सकती है।वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश अनुसार सूचना मिलने से अवैध परिवहन को रोकने हेतु समय-समय पर वन परिक्षेत्र कोतमा एवं वन परिक्षेत्र केशबाही के अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा सतत गश्ती रात्रि वा दिन में की जाती है।इस प्रकार वन विभाग के द्वारा कटाई रोकने के लिये राजस्व विभाग को पत्राचार प्रेषित कर एवं अवैध परिवहन रोकने हेतु स्वयं प्रयास किया जा रहा है।

*इनका कहना है*

 उक्त कटाई स्थल राजस्व विभाग की शासकीय भूमि है,जिस पर राजस्व विभाग ही कार्यवाही करेगी।जिसकी जानकारी हमने राजस्व विभाग के अधिकारियों को प्रदान कर दी है।

*हरीश तिवारी, वन परिक्षेत्र अधिकारी, कोतमा*

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ठेका मजदूरों में छाई मायूसी, शासन के आदेश के बावजूद दिवाली पर्व पर मजदूरों को नहीं मिला वेतन

*मामला अरकंटक ताप विद्युत् गृह चचाई का*

अनूपपुर

मध्यप्रदेश शासन का उपक्रम अमरकंटक ताप विद्युत् गृह,चचाई जो प्रत्येक वर्ष बिजली उत्पादन में देश में नए-नए कीर्तिमान रचता हैं,बिजली उत्पादन में एक नंबर पर रहता हैं,यहाँ पर नियमित अधिकारीयों- कर्मचारीयों की संख्या से चार गुना मजदूर ठेका पर न्यूनतम पगार में कार्य करते हैं,जो नियमित कार्मिकों के वेतन की दस से बीस प्रतिशत ही होती हैं,मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री एवं शासन के आदेश के बावजूद प्रबंधन द्वारा मजदूरों को दीपावली पर्व के पूर्व अक्टूबर माह का वेतन,बोनस एवं कई विभागों में पूर्व के महीनों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया। जिससे यहाँ पर कार्यरत मजदूरों में मायूसी छा गयी हैं, मजदूरों का कहना हैं कि मुख्यमंत्री एवं शासन के दिवाली पूर्व वेतन,बोनस देने के आदेश पर मजदूरों में ख़ुशी का माहौल था कि वेतन-बोनस की राशी मिलने पर वह भी इस वर्ष दीवाली पर्व अपने परिवार के साथ हसीं-ख़ुशी मनाएंगे, लेकिन यहाँ के मुखिया श्री एम.एल. पटेल की मजदूर विरोधी शैली के चलते प्रबंधन मजदूरों को वेतन-बोनस का भुगतान नहीं करा सका, जिससे यहाँ कार्यरत मजदूरों में मायूसी छा गयी हैं।श्रम क़ानून के अनुसार नियम तो यह भी हैं कि ठेकेदार यदि बोनस,मजदूरी का भुगतान नहीं करता तो प्रथम नियोक्ता के नाते प्रबंधन द्वारा मजदूरों का भुगतान कर ठेकेदार के बिल से उक्त राशी का कटोत्रा किया जाये, लेकिन यहाँ के प्रबंधन द्वारा ऐसा नहीं कर मजदूरों को शासन के आदेश के बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। नाम न बताने की शर्त पर एक मजदूर ने कहा कि वर्तमान मुख्य अभियंता मजदूर विरोधी हैं, उनको फर्क नहीं पड़ता मजदूरों को मजदूरी मिले या न मिले यदि मजदूर उनसे वेतन बोनस न मिलने की समस्या बताते हैं तो उनका साफ कहना रहता हैं कि तुम जानो और तुम्हारा ठेकेदार जाने हमारे पास मत आओ हम कुछ नहीं करेंगे, जिससे मजदूर वर्ग हताश हैं एवं मध्यप्रदेश शासन से उचित कार्यवाही की मांग करता हैं।

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तेज रफ्तार डंपर ने मारी टक्कर, मौके पर दो की मौत, 1 घायल

 अनूपपुर 

जिले में बड़ा हादसा हुआ है। जिसमें डंपर की टक्कर से दो लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ है। घायल को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया है। बताया जा रहा है कि तीन युवक बाइक से राजेंद्रग्राम बाजार की ओर जा रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार डंपर ने टक्कर मार दी। हादसा बसनिहा तिराहा के पास मोड़ पर हुआ है।

*मौके पर दो युवकों की मौत*

डंपर की चपेट में आने से दो पप्पू और करण की मौके पर ही मौत हो गई है। वहीं लोचन की कमर में गंभीर चोट आई। उसे अनूपपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि डंपर में पत्थर लोड था और उसकी स्पीड तेज थी। जिस वजह से ट्रक चालक डंपर को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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प्रशासन व प्रबंधन की जुगलबंदी से पुनः छला गया किसान, मजदूर व महिलाओं का आन्दोलन

अनूपपुर

जिले के जैतहरी में स्थित मोजर बेयर पावर प्लांट जैतहरी प्रबंधन के लूट खसोट एवं शोषण के खिलाफ संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के आह्वान पर दिनांक 16 अक्टूबर से बैराज पहुंच मार्ग महुदा एवं क्योंटार में शांतिपूर्वक तरीके से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं आम सभा  किया जा रहा था । शासन प्रशासन का सोई हुई संवेदना को जागने के लिए किसान मजदूर एवं महिलाएं 22 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन स्थल से 35-40 किलोमीटर पदयात्रा कर जिला मुख्यालय अनूपपुर में रात्रि विश्राम करते हुए दिनांक 23 अक्टूबर को कलेक्टर जिला अनूपपुर के द्वारा मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपकर  10 दिवस के अंदर श्रमिकों एवं किसानों के जायज एवं कानूनी मांगों को पूरा किए जाने का मांग किया गया था।

जिला प्रशासन की ओर से डीएसपी आर एन ठाकुर एवं जैतहरी थाना के थाना प्रभारी प्रकाश चन्द कोल  पहुंचे और आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जैतहरी के कार्यालय में प्रबंधन प्रशासन एवं सीटू  के प्रतिनिधिमंडल का त्रिपक्षी वार्ता आयोजित कर मांगों का निराकरण करवाया जाएगा। उक्त अधिकारियों के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित कर दिया गया और आज सैकड़ो के तादाद में किसान ,मजदूर एवं महिलाएं अपनी जायज एवं कानूनी मांगों को लेकर भूखे प्यासे डटे रहे किंतु प्रशासन एवं प्रबंधन की सोई हुई संवेदना जागृत नहीं हुई और न ही चर्चा वार्ता के लिए प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया,जिससे क्षेत्र के किसान, मजदूर एवं महिलाओं में व्यापक आक्रोश देखने को मिल रहा है।

 उक्त आशय की जानकारी संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के महासचिव कामरेड सहसराम चौधरी ने देते हुए बताया कि आखिर प्रशासन इस शांतिपूर्ण जिला को अशांत एवं चतुर चालाक प्रबंधन को लूटने की खुली छूट क्यों दिया जा रहा है, यह कानून की धज्जियां उड़ानें की गुप्त समझौता तो नहीं है, जिसे जिला के मेहनतकश जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इसका असर आने वाले दिनों में दिखाई देंगी,। अब आर या पार की संघर्ष की ओर आगे बढ़ता हुआ स्थिति साफ दिखाई दे रहा है।

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कलेक्टर ने सपत्नीक बाल गृह व जिला चिकित्सालय पहुंच साझा की दीपावली की खुशियां

अनूपपुर

कलेक्टर हर्षल पंचोली ने बच्चों के विकास, सुरक्षा, न्याय एवं संरक्षण को लेकर कार्यरत ममता बाल गृह तथा जिला चिकित्सालय के बच्चा वार्ड (एएनसी) पहुंचकर दीपावली की खुशियां साझा की। इस अवसर पर कलेक्टर की धर्म पत्नी तथा महिला बाल विकास विभाग की सहायक संचालक मंजूषा शर्मा, डॉ. एस.सी. राय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

कलेक्टर ने सपत्नीक दीपावली की खुशियां साझा करते हुए उपहार स्वरूप बच्चों को कपड़े, मिठाई, खिलौने तथा उनकी जरूरत की सामग्री दीपावली की शुभकामनाओं के साथ प्रदान की। उन्होंने बच्चों को प्रदान की जा रही सुविधाओं के संबंध में स्टॉफ से जानकारी प्राप्त की तथा बेहतर सुविधाओं और व्यवस्थाओं के संबंध में दिशानिर्देश दिए। कलेक्टर ने बाल गृह के अधीक्षक को बच्चों की पढ़ाई तथा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने को कहा व बाल गृह तथा जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन करते हुए स्टॉफ को मानक गाईडलाईन के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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टाइगर रिजर्व में जहरीले पदार्थ के सेवन से 5 हाथियों की हुई मौत, 8 हुए बीमार

उमरिया

विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी घटना सामने आई है जहां चार जंगली हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई है वहीं सात अन्य हाथी गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं घटना के बाद से प्रबंधन में हड़कंप की स्थित है और वरिष्ठ से लेकर नीचे तक का अमला मौके पर पहुंच चुका है बीमार हाथियों का उपचार किया जा रहा है,संयुक्त संचालक पीके वर्मा ने बताया है हाथियों को जहर दिए जाने की संभावना लग रही है लेकिन असली वजह जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।घटना पार्क के खितौली और पतौर कोर क्षेत्र के मध्य स्थित सलखनिया बीट के चरक वाह इलाके के जंगल की है।

13 हाथियों का झुंड पांच की मौत।

टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ में बीते वर्ष 2018 से कर्नाटक झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते पहुंचे जंगली हाथियों ने अपना रहवास बना लिया वर्तमान अलग अलग झुण्ड में तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी बांधवगढ़ के अलग अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं,प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है लेकिन जंगली हाथी गाहेबगाहे गांवों में नुकसान करने पहुंच जाते हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत गांवों में धान की फसल को कीटों से बचाने रासायनिक दवा का किसानों ने छिड़काव किया था जिसे जंगली हाथियों ने खा लिया और उनकी मौत हो गई है।

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पंचायत में भवन के लिए आरक्षित भूमि पर रसूखदारों का कब्जा, कब चलेगा प्रशासन का बुलडोजर

*अतिक्रमण कर्ता शासकीय भूमि से वसूला लाखों का किराया*

शहड़ोल

जिले के बुढार तहसील अंर्तगत ग्राम पंचायत पकरिया द्वारा करते हुये अतिक्रमण क्षेत्र को मुक्त करानें कि मांग की गई है। लिखित शिकायत में पंचायत द्वारा बताया गया है कि पंचायत क्षेत्र के ग्राम जल्दीटोला अंर्तगत खसरा क्रमांक 159/1 रकवा – 1.1930 एवं 161 रकवा – 1.3290 के अंश भागों में साउथ वेस्ट पिनायकल एक्सप्लोरेशन लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा अतिक्रमण कर वेयर हाउस यार्ड बनाया गया है। पंचायत द्वारा लेख किया गया है कि उक्त भूमि पंचायत के भवन आदि उपयोग के लिये आरक्षित हैं, और उक्त कंपनी द्वारा अतिक्रमण किये जानें से विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। पंचायत द्वारा तहसील कार्यालय में शिकायत कर उक्त भूमियों के अतिक्रमित क्षेत्र से अतिक्रमण हटाये जानें की मांग की है। जिसकी सूचना पंचायत द्वारा कलेक्टर शहडोल को भी की है।

*शासकीय भूमि से वसूला लाखों का किराया*

जानकारी के मुताबिक ग्राम पकरिया के जल्दीटोला स्थित जिस भूमि पर अतिक्रमण किया गया है उक्त भूमि पर एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण कर इसे एक निजी कंपनी को किराये पर दे दिया गया है। सूत्रों नें बताया कि किराये के रुप में उक्त कंपनी इसका हजारों रुपये किराया संबंधित व्यक्ति को प्रति माह प्रदान करती है। जबकि पंचायत स्तर पर होनें वाले कई विकास कार्य उक्त भूमि पर प्रस्तावित किये जा सकते हैं,लेकिन पंचायत के कब्जे में भूमि न होनें से इन विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है।

*अतिक्रमण बना विकास में बाधक*

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत पकरिया देश के उन चुनिंदा ग्रामों में शामिल हैं जहां देश के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शिरकत कर चुके हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज का सी बी एम प्रोजेक्ट होनें के साथ ही यह ग्राम एनएच व नगरीय निकाय की सीमा से भी लगा हुआ है। ऐसे में एकतरफ इस क्षेत्र की भूमि के दाम नगरीय ईलाकों के समतुल्य है वहीं इस ग्राम के विकास में रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा कई कार्य किये जा चुके हैं। पंचायत से जुडे जानकार बताते हैं कि रिलायंस सीबीएम इंडस्ट्रीज द्वारा पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर मांग की जाती है, जिन कार्यों के लिये पंचायत स्तर पर शासकीय भूमि कि उपलब्धता पंचायत की जवाबदेही होती है, लेकिन पंचायत अंर्तगत आनें वाली भूमि पर अतिक्रमण होनें से इस तरह के विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है,जिसके लिये शासकीय भूमि चिन्हांकित कर उससे अतिक्रमण मुक्त कराना आवश्यक है।

*कार्रवाई के है निर्देश*

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फ़ैसला किया है कि प्रदेश की सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वालों को बेदखल किया जाएगा,सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण करने वालों पर भू-राजस्व अधिनियम की धारा 91 के तहत कार्रवाई की जाती है।पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर, पहली बार अतिक्रमण करने पर अतिक्रमी को बेदखल किया जाता है। वहीं अगर तीसरी बार अतिक्रमण करने की पुष्टि होती है, तो अतिक्रमी को तीन महीने की जेल हो सकती है। सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण करने पर जुर्माना भी लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश के उमरिया ज़िले में एक व्यक्ति पर सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण करने के जुर्म में करीब एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण को रोकने के लिए, राजस्व अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने और अतिक्रमण को रोकने के लिए निर्देश दिए जाते हैं। गौरतलब है कि सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करना एक अपराध है, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 447 के तहत सरकारी ज़मीन पर कब्जा किये जानें पर कार्यवाही हो सकती है।

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बूंद-बूंद के लिए तरस रहे आदिवासी बैगा, नाले के गन्दा पानी से बुझाई जा रही प्यास

*15 से 20 घर के है आदिवासी मगर मोहल्ले में नही है पेयजल व्यवस्था*

शहडोल

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले आदिवासी बैगाओं के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है, लेकिन शहडोल जिले के रहने वाले आदिवासी बैगा समाज के लोग दशकों से अपनी प्यास बुझाने के लिए नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। कठिन परिश्रम के बाद गड्ढा खोदकर के झिरिया बना पानी पीने को मजबूर है। सरकार की नल जल योजना के तहत घर घर नल से जल पहुंचने की इस योजना को आइना दिखाती यह तस्वीर आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत खन्नाथ अंतर्गत सेमरिया टोला की है। मामले को लेकर जब की टीम ने इस इलाके में जाकर लोगों का हाल जानने की कोशिश की। इस जिले में रहने वाले लोगों की तकलीफें जानकर रूह कांप जाएगी।

गंदा पानी पीने को मजबूर

आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत खन्नाथ अंतर्गत सेमरिया टोला के रहने वाले 15-20 घरों में बैगा कई दशकों से आदिवासी निवासरत हैं। सरकार के द्वारा चलाई जा रही यह योजना का लाभ खन्नाथ गांव के बैगा परिवार को नहीं मिल पा रहा है। यहां पर बैगा आदिवासी परिवार को बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। खन्नाथ गांव में हालात ज्यादा खराब है यह पर नाले का गंदा पानी पीने को यह आदिवासी मजबूर हैं और नाले के बीच में झिरिया बनाकर अपना गुजर बसर कर रहे हैं। मामला जिले के अधिकारियों तक पहुंचा, लेकिन सालों गुजर गए पर उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से हैंडपंप के लिए कई बार गुहार लगाने के बावजूद भी उनकी एक भी सुनवाई नहीं हुई। लिहाजा, बैगा समाज के रहवासी इस गंदे पानी को पीकर मजबूरी में अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। और इलाके के रहवासी कई बीमारियों की चपेट में है।

*नहीं है पेयजल की सुविधा*

गांव में पेयजल की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई, एक भी हैंडपंप बस्ती में नहीं है, कुछ समय पहले नल-जल योजना के तहत विशाल टंकी का निर्माण कराया गया। पाइप लाइन बिछाई गई, परंतु उसमें से पानी की सप्लाई आज तक चालू नहीं हुई है। जिसके चलते कई दशकों से बैगा समाज के लोग नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर है। गंदा पानी पीने से लोग बीमार हो जाते हैं।

*काले हीरे का होता है खनन*

जिले में कई काले हीरे की कोयला खदाने पिछले कई सालों से इलाके से कोल खनन कर रही है। एसईसीएल के साथ-साथ सरकार को भी अच्छी-खासी आमदनी हो रही है, लेकिन इस इलाके के आदिवासी बैगा समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले कई सालों से जूझ रहे हैं और इनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। कोयले की काली राख व प्रदूषण के दंश से जहां लोग परेशान हैं।

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प्राकृतिक आपदा से हुई फसल नुकसान, किसान मोर्चा पहुंचे एसडीएम कार्यालय

उमरिया 

जिले के सभी किसान हुए परेशान आज देखा जाए की किसान के पास सिर्फ एक आए रहती है, कृषि कार्य से दो पैसा कमा कर पूरे साल भर जीवकोपार्जन चलाती हैं, आज किसान के पास ऐसी प्राकृतिक आपदा की पहाड़ टूट गई है, बरसात तो अच्छी हई किसान के चेहरे में अच्छी चमक थी, कई सालों से परेशान रहते थे पर इस वर्ष वर्षा बहुत अच्छी हुई बाद में मौसम खराब के कारण धान में इतनी नुकसानी आई है कि कीटनाशक से दवा डालते डालते किसान हुए परेशान इसके बाद भी फसल नहीं बच पाया, किसानों का कहना है अब हम अपने बाल बच्चों को पढ़ाना लिखना मुश्किल पड़ गया, हम साल भर में जो धान और गेहूं से पैसा पाते हैं तो अपने बाल बच्चों को पढ़ाते हैं, उसी से जीवकोपार्जन चलती हैं, आज के समय में देखा जाए तो खाद और बीज का पैसा पटाना मुश्किल है इसी बात को लेकर के मुख्यमंत्री के नाम पर एसडीएम कार्यालय मानपुर एसडीएम की अनुपस्थिति पर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट कन्हैया दास पनिका को लिखित ज्ञापन सौपे हैं। किसान ने कहा है कि गरीबों का फसल नुकसान पर उचित मुआवजा दिलाया जाए क्योंकि हम अपने बाल बच्चों को भरण पोषण कर सकें। ज्ञापन सौपते समय किसान मोर्चा के भारतीय जनता पार्टी के मानपुर मंडल अध्यक्ष नागेंद्र पटेल, छोटे लाल सिंह, अनुराग पटेल व ग्रामीण अंचलों से आदिवासी भाई एवं सैकड़ो किसानो की मौजूदगी रही।

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