कर्मचारी व्यापारी के साथ साठ गांठ कर अनुज्ञा पत्र को निरस्त कर करते हैं राजस्व की चोरी
*संयुक्त संचालक के आदेश को नहीं मान रहे मंडी सचिव*
शहडोल
कृषि उपज मंडी समिति शहडोल में एक लंबे अरसे से जमे हुए मंडी उप निरीक्षक और व्यापारी के बीच साठ गांठ कर अनुज्ञा पत्र जारी किए जाते हैं तथा व्यापारी द्वारा भेजी गई गाड़ी में रखा हुआ कृषि उत्पादन अनाज एवं अन्य सामग्री के परिवहन में बॉर्डर पर होते ही अनुज्ञा पत्र को निरस्त कर दिया जाकर मध्य प्रदेश शासन के राजस्व की चोरी का खेल व्यापारी एवं मंडी कर्मचारियों के बीच बदस्तूर जारी है। विश्व सूत्रों की माने तो छोटी-मोटी शिकायत को यूं ही दबा दिया जाता है तथा शिकायतकर्ता को देख लेने लेने मंडी उपनिरीक्षक के द्वारा की जाती है इतना ही नहीं अपनी लंबी पहुंचे स्थानीय जान पहचान तथा राजनीतिक पकड़ की धमकी भी शिकायतकर्ता को दी जाती है।
ज्ञात हो कि कृषि उपज मंडी सचिव शहडोल से एक सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार 24मई 2024 के अनुसार अप्रैल 23 से मार्च 24 के बीच कार्यालय द्वारा महावर क्रमशः 1594ई अनुज्ञा पत्र जारी किए गए जिसमें 14 अनुज्ञा पत्र निरस्त किए गए हैं। सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पूर्व में प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 निरस्त ई अनुज्ञा पत्र की प्रमाणिक प्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु एक आवेदन दिनांक 11 624 को लोक सूचना अधिकारी मंडी सचिव के कार्यालय में दिया गया था। आवेदन दिनांक से 30 दिनों के बाद भी जानकारी न मिलने की स्थिति पर प्रथम अपील संयुक्त संचालक कृषि उपज मंडी आंचलिक कार्यालय करहिया रीवा में 12 जुलाई 2024 को प्रस्तुत की गई थी।
संयुक्त संचालक रीवा अधिकारी द्वारा अपने आदेश क्रमांक मंडी बोर्ड/सूचना का अधिकार 2023 /24/1606 दिनांक 31724 के आदेश द्वारा मंडी सचिव उक्त जानकारी प्रदा न न करने को नियम विरुद्ध तथा दंडनीय मानते हुए आवेदक को एक सप्ताह के अंदर रजिस्टर्ड एडडी डाक द्वारा अपीलकर्ता को उपलब्ध कराकर अवगत कराने हेतु आदेश के बाद भी अभी तक जानकारी प्रदान नहीं की गई है। संयुक्त संचालक के स्पष्ट आदेश के बाद भी अव मानना पूर्वक मंडी सचिव शहडोल अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को बचाने हेतु संयुक्त संचालक के आदेश को नहीं मान रहे हैं? कारण स्पष्ट है कि इन 14 निरस्त ई अनुज्ञा पत्र की जानकारी उजागर होने पर सारी पोल खुलने की की संभावना है।
संभावना है कि इन 14 निरस्त की अनुज्ञा पत्र को निरस्त कर व्यापारियों को लाभ पहुंचा कर मध्य प्रदेश शासन के राजस्व की चोरी इसमें सन लिप्त कर्मचारियों के द्वारा की गई है यही कारण है की संयुक्त संचालक के आदेश की खुलेआम और अब मानना मंडी सचिव के द्वारा की जा रही है।