शासकीय प्राथमिक विद्यालय के भू-खण्ड पर माफियाओ का कब्जा, जांच बनी दिखावा
*नजूल की भूमि मुक्त कराने की नागरिकों ने कलेक्टर व कमिश्नर से मांग की है*
शहडोल
जिले के ब्यौहारी विकास खण्ड मुख्यालय के ग्राम खामडांड स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय के भू-खण्ड पर माफिया के कब्जे का मामला बीते पखवाड़े अचानक सुर्खियों में आया था, जितनी तेजी के साथ यह मामला सामने आया, उससे दुगनी तेजी के साथ तहसील और अनुविभागीय राजस्व कार्यालय के द्वारा उसे दफन भी कर दिया गया। शासकीय प्राथमिक विद्यालय खामडांड के आराजी खसरा नंबर 497 की भूमि जहां पर उप स्वास्थ्य केन्द्र, आंगबाड़ी भवन व विद्यालय का खेल मैदान दर्शित था, यह भूमि सरकते-सरकते मूल स्थान से नदारद हो गई और वहां 498 और अन्य निजी स्वामित्व की भूमि पहुंच गई, यह राजस्व हलका कामता पटवारी की पत्नी ऑन रिकार्ड देखती हैं, लेकिन ऑफ रिकार्ड कामता ही पूरे कार्य निपटाता है और इस शासकीय भू-खण्ड को राजस्व रिकार्ड में इधर से उधर करने का काम भी कामता का ही खेला है।
*दिखावा बना जांच*
बीते सप्ताह यह मामला सामने आने के बाद एसडीएम नरेन्द्र धुर्वे के निर्देश पर तहसीलदार और राजस्व अमले की टीम मौके पर पहुंची थी, बाद में यह रिपोर्ट सामने लाई गई कि हाईवे और स्कूल के बीच की जमीन निजी स्वामित्व की है, जहां कोई प्लाटिंग नहीं हो रही है। जिम्मेदारों ने पूर्व के वर्षाे के न तो रिकार्ड खंगाले और तो और जांच भी उसी के साथ की गई, जिस पटवारी पर अन्य के नाम पर अनुबंध कर यहां प्लाटिंग करने के आरोप थे। टीम के पहुंचने और वापस जाने के बीच के कुछ घंटो के लिए प्लाटिंग के लिए लगाये गये पोल, चूना डालकर काटे गये प्लाट और बेचने के लिए लगे हुए दलाल सबको ऑफ कर दिया गया।
*प्रधानाध्यापक की शिकायत बेकार*
ब्यौहारी से रीवा जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित खामडांड विद्यालय के ठीक सामने पटवारी की सह पर नजूल की भूमि को सरका कर राजस्व रिकार्ड में निजी स्वामित्व की भूमि अंतरित हो गई। प्रधानाध्यापक ने जब प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी और उप स्वास्थ्य केन्द्र के ठीक सामने के दशकों पुराने नजूल के भू-खण्ड पर प्लाटिंग होते देखी तो, एसडीएम ब्यौहारी को 27 मई को विभागीय पत्र प्रेषित किया था, लेकिन उसका यह साहस भू-माफिया के गठबंधन के आगे धरा का धरा रह गया, बिना बाउण्ड्री और खेल मैदान के हाईवे से सटे प्राथमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी पर हो रहे माफिया-राजस्व के गठजोड़ को तोडकऱ नजूल की भूमि मुक्त कराने की नागरिकों ने कलेक्टर व कमिश्नर से मांग की है।