प्रशासन की लापरवाही बनी हंगामे की स्थिति कांग्रेस व भाजपा को एक ही जगह आमसभा की दी अनुमति
*नगर के हृदय स्थल गाधीं चौक पर कांग्रेस भाजपा का मंच आमने सामने*
अनूपपुर /कोतमा
प्रचार के अंतिम दिन कोतमा विधानसभा में अजीब स्थिति देखने को मिली जहां प्रशासन ने एक ही समय पर भाजपा तथा कांग्रेस उम्मीदवारों को एक ही स्थान पर कार्यक्रम की दी अनुमति दी। जहां कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार एक दूसरे पर आरोप लगाते रहें।
कोतमा नगर में बुधवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिला जहां कोतमा में प्रशासन ने भाजपा तथा कांग्रेस प्रत्याशी को एक ही समय पर कोतमा गांधी चौक में आमसभा की अनुमति दे दी। जहां दोनों ही पार्टियों के मंच अगल-बगल लगे हुए थे इसके साथ ही प्रचार के अंतिम दौर में भाजपा के दिलीप जायसवाल तथा कांग्रेस के सुनील सराफ ने मंच से ही एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। स्थानीय लोगों के लिए यह नजारा आश्चर्य से भरा था, दोनों ही पार्टियों के नेता एक दूसरे को अपमानित करने वाली बात कह रहे थे, वही ऐसा लग रहा था जैसे कभी भी हजारों की संख्या में उपस्थित दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारी में झड़प हो जाएगी। कई घंटे तक यह कार्यक्रम चलता रहा इसके पश्चात शाम 5 बजे अनुमति की समय सीमा समाप्त होने के पश्चात स्थिति सामान्य हो गई।
*हंगामा के बने हालात प्रशासन बना मूकदर्शक*
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी का आमसभा के लिए प्रशासन ने समय उपलब्ध कराया था शाम चार बजे से पांच बजे तक वहीं भाजपा का समय निर्धारित था पांच बजे से छह बजे तक ।कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी जैसे आमसभा को संबोधित करना शुरू किया ऊधर भाजपा प्रत्याशी दल बल के साथ सभा स्थल पर ब्यावधान उत्पन्न करते हुए नारेबाजी करते रहे। विदित हो कि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सुनील सराफ शासन प्रशासन से गोहार लगातार लगाते रहे। गौरतलब है कि शासन प्रशासन हंगामा के हालात में मूकदर्शक बनकर खड़ा रहा ।बहरहाल सुनील सराफ कांग्रेस कार्यकर्ता एवं समर्थकों को भाजपा के द्वारा भाषण में बाधा डालने को लेकर अपील कर कहा की आप गांव में जाकर भाजपा की गुंडागर्दी को बताएं और कांग्रेस के पक्ष में वोट करें।
भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल ने कहा की मुझे कार्यक्रम करने का समय साढ़े चार बजे से निर्धारित है। भाजपा प्रत्याशी दिलीप जायसवाल अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ गांधी चौक पर पंहुचे वहीं दोनों दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप अफरा तफरी का माहौल बना रहा। वहीं शासन प्रशासन महज खानापूर्ति करते हुए दिखाई दे रही थी।