40 सफाई कर्मी 27 के नाम हुए सार्वजनिक, किस कोटे से होंगे 5 कर्मचारी तलाशी अभियान जारी
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अनूपपुर/वनगंवा
नगर परिषद बनगवां राजनगर में एक और खबर तूल पकड़ नजर आ रही है। एक तरफ 72 कर्मचारियों को रखने का आदेश भोपाल आयुक्त द्वारा जैसी ही दिया गया, वैसे ही आनन-फानन में 27 मास्टर श्रमिकों की लिस्ट सार्वजनिक किया गया। सूत्रों के हवाले से खबर और चौक चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है कि 5 नगर परिषद कर्मचारियों को पीछे के दरवाजे से रखा जाएगा जबकि 5 सीटे तो पहले से रिक्त है। अब इन 5 सीटों पर कितने नगर परिषद श्रमिको का नाम सुनिश्चित किया गया है यह चर्चा का विषय है क्योंकि इन 5 मजाकिया रूप से कथित राज्यसभा कोटे के दावेदार कई सारे नगर परिषद कर्मी है जिनको मौखिक रूप से कन्फर्म सीट प्रदान कर आश्वासन का लॉलीपॉप थमा दिया गया है। हा यह भी जा रहा है कि कुछ जनप्रतिनिधियो द्वारा अपने खास लोगों को इन 5 रिक्त स्थानो पर तय कर दिया गया है जो बैक डोर से काम पर जाने की तैयारी में है। अब सवाल यह भी है कि क्या पुरे मस्टर कर्मियों को इंसाफ मिलेगा या नेता अपना धौस जमाकर ईन 5 सीटो पर अपने अनुकूल कर्मचारियों को पीछे के दरवाजे से सेट कर एंट्री दे देंगे। अब इन 5 सीटों के नाम पर कितनी कन्फर्म सीटें मौखिक रूप से बांटी गई है, यह तो उन 5 नामो का खुलासा होने के बाद ही पता चलेगा। हम बता दे कि लुके छुपे भर्तियां करने के लिए बनगवां नगर परिषद का यह इतिहास ही रहा है।
लुके छुपे भर्ती करने वाले मामले पर अगर बात करे तो सबसे पहले संविलियन भर्ती घोटाले पर 74 कर्मचारियों को दबी छुपी तौर पर रखा गया एवं जनता को शांत करने के लिए आवश्यकता से अधिक मस्टर कर्मियों को कार्य पर रखा गया।फिर एक एक बाग़ी को चुप कराने के लिए, पीछे के दरवाजे खोल दिए गए। नगर परिषद कर्मियों की धड़ाधड़ एंट्री को लगातार जारी रखा गया। ये धांधली इतनी बड़ी हो गयी कि आज चौक चौराहो में मुख्य चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना यह है कि आखिरकार कब इन युवा बेरोजगारों को उनका अधिकार मिलेगा।
गौरतलब तौर पर, देखने को यह भी मिल रहा है कि अपने जीवन काल भर पूर्व में ग्राम पंचायत बनगवां की सेवा करने वाले 2 कर्मचारी, जिन्हें मूल रूप से संविलियन होना था, वह भी आज केवल मस्टर श्रमिक के तौर पर ही कार्य कर रहे हैं और जिन कर्मियों को संविलियन नहीं होना था, उन्हें पूरे दबंगई से संविलियन कर दिया गया। आखिरकार कब तक ऐसे ही ठगे जाएंगे युवा वर्ग, कब मिलेगा उनको न्याय; यह सवाल हर किसी के जुबां पर बना हुआ है।