मशाल रैली से स्वच्छता का संदेश तो दूसरी तरफ वार्डों में गंदगी का अंबार, क्या यही है स्वच्छता?

मशाल रैली से स्वच्छता का संदेश तो दूसरी तरफ वार्डों में गंदगी का अंबार, क्या यही है स्वच्छता?


अनूपपुर

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 मई माह में होने जा रहा है। जिले के नगर निकाय क्षेत्रों में स्वच्छता के क्षेत्र में अच्छी स्थिति बनी रहे के लिए कवायद हो रही है जिला प्रशासन भी इसके लिए मशक्कत कर रहा है किंतु प्रयासों के बावजूद सफाई का कार्य ठीक तरह से नहीं हो रहे हैं नगरपालिका पसान में साफ सफाई वादों में प्राथमिकता के साथ नहीं कराए जा रहे हैं मशाल जुलूस जरूर निकाली जा रही है लेकिन रहवासी और सार्वजनिक स्थानों में जैसी सफाई देनी चाहिए उसका आभाव बना हुआ है।जिले के 6 नगरीय निकायों के सर्वेक्षण के लिए जिला स्तरीय टीमें गठित की गई, जिला स्तरीय टीम में शामिल अधिकारियों को सप्ताह में छः नगरीय निकाय के स्वच्छता सर्वेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्देश दिए गए हैं कि एक सप्ताह में तीन दिवस भ्रमण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। वहीं नगर पालिका परिषद पसान स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 को अमलीजामा पहनाने के लिए धरातल पर जोर-शोर से कार्य चल रहा है तो दूसरी नगर परिषद के कई वार्डो पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियों मे गंदगी ऊफान मार रही है, कचरे का उठाव ठीक तरह से नहीं हो रहा है भीड़ -भाड़ वाले स्थानों पर भी नीम सफाई नहीं हो रही है जिसके चलते स्वच्छता सर्वेक्षण मात्र दिखावा साबित हो रहा है। 

मसाल रैली स्वच्छता संदेश बना दिखावा-जिले के पसान नगर पालिका अंतर्गत स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत जगह जगह वॉल पेंटिंग तथा स्कूलों में आंगनबाड़ियों में चित्रकला के माध्यम से संदेश देकर लाखों का भुगतान किया जा रहा है तो वहीं मशाल रैली निकालकर स्वच्छता का संदेश जा रहा है परन्तु परिषद के राजीव चौक वार्ड एक, तीन और वार्ड आठ भालूमाड़ा श्रमिक कालोनी, जमुना श्रमिक कालोनी, पसान गांव में गंदगी का अंबार लगा है। साफ सफाई के व सड़क के किनारे कराई जा रही है ताकि बाहर से स्वच्छता कारण अच्छा दिखे लेकिन हकीकत है कि आंतरिक स्थानों पर दुर्गंध और कचरे का जमावड़ा बना हुआ है। निचली बस्तियों में सफाई की स्थिति को परखी जा सकती है। यदि यही औपचारिकता निभाई जाती रही तो स्वच्छता के क्षेत्र में पसान अपनी रैकिंग का सुधार नहीं कर पाएगा पिछली बार 156 वीं रैकिंग यहां थी।

स्वच्छता के संसाधन मौजूद फिर भी सफाई का आभाव- नगर पालिका को स्वच्छता के लिए पर्याप्त बजट मिलता है और खर्च भी किया जा रहा है लेकिन परिणाम नजर नहीं आ रहा है। पसान में कुल 18 वार्ड हैं। अधिकांश वार्ड कालरी क्षेत्र में हैं, जहां सफाई का जिम्मा सिविल विभाग के अधीन हैं लेकिन जो एरिया नगर पालिका का है यदि वहां खर्च का सही उपयोग हो तो जिले में है यह परिषद बेहतर स्थिति में हो। यहां कुल 98 सफाई कर्मचारी रखे गए हैं 6 कचरा गाड़ी है जिसमें दो ट्रैक्टरों के माध्यम से कचरे का उठाव किया जाना होता है फिर भी कचरे का नियमित उठाव नहीं किया जा रहा है जिससे लोग परेशान रहते हैं।पसान नगर पालिका क्षेत्र में प्रत्येक दिन 3 टन से अधिक कचरा निकलता है। यहां पॉलिथीन के उपयोग पर अंकुश नहीं लग रहा है जो कचरे को बढ़ाने का मुख्य काम कर रही है कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी वार्डों में नहीं किया जा रहा है जिससे लोगों को इस गर्मी के मौसम में संक्रामक बीमारी से पीड़ित होना पड़ रहा है।

*इनका कहना है*

नगर के सभी वार्ड में स्वच्छता को लेकर हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं लोगों का सहयोग भी बेहतर मिल रहा है। जहां भी सूचना मिलती है कचरे का निष्पादन कार्य किया जाता है।

*अविनाश मरकाम स्वच्छता प्रभारी नगरपालिका पसान*

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget