मारपीट करके हत्या करने के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

 मारपीट करके हत्या करने के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा


अनूपपुर

विशेष न्यायाधीस अनूपपुर की न्याायालय ने थाना कोतवाली अनूपपुर की धारा 302, 201, 323 भादवि तथा 3(2)(व्हीक) एससी एसटी एक्ट के आरोपी 19 वर्षीय पुष्पेन्द्र उर्फ गणेश यादव, पुत्र मिठाई लाल यादव, निवासी ग्राम खांडा (मौहारटोला) को अधिकतम आजीवन कारावास एवं 3000 रू. अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। पैरवी लोक अभियोजक दुर्गेन्द्र सिंह भदौरिया ने की। लोक अभियोजक ने मंगलवार को बताया कि घटना 20 मार्च 2019 को विमलेश सिंह ग्राम खांडा के कुदराटोला स्थित अपने घर से ग्राम खांडा के ही मौहारटोला में किराना दुकान में सामान ले कर वापस घर जा रहा था, तभी फुटहा तालाब के पास किसी के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह तालाब की मेढ में चढकर देखा तो पानी के किनारे प्रकाश सिंह गोंड को मौहारटोला का पुष्पेन्द्र उर्फ गणेश यादव हाथ मारपीट कर रहा था, जिससे प्रकाश सिंह पानी में गिर गया, जिसे पुष्पेन्द्र उर्फ गणेश यादव पानी से निकाल कर फिर मारपीट कर रहा था, तब विमलेश सिंह पास गया, जहां देखा कि प्रकाश सिंह पूरे कपडे गीले हो गये थे। विमलेश सिंह ने बीच-बचाव करने पर पुष्पेन्द्रं यादव उसकी गर्दन पकडकर धक्का् दिया, जिससे वह गिर गया और चोट आयी। पुष्पेन्द्र उर्फ गणेश यादव धमकी देते हुए कहा कि विमलेश यदि बीच बचाव करने आया यहीं निपटा देगें। यह सुनकर विमलेश सिंह भयभीत होकर अपने घर चला गया और यह बात मां को बताया। 23 मार्च 2019 को पता चला कि प्रकाश सिंह गोंड मर गया है और उसकी शव फुटहा तालाब के पानी में मिली है, 24 मार्च 2019 को पुष्पेन्द्र उर्फ गणेश यादव उसके घर आकर धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो ठीक नहीं होगा। विमलेश ने यह बात उपसरपंच जीवन व जनपद सदस्य राजबहोर चन्द्रा को बताया। 23 मार्च 2019 को मृतक के पिता ओमकार सिंह मृत्यु की सूचना पुलिस थाना जैतहरी को दी जिसके बाद पुलिस घटना स्थल पहुंचकर शव का पंचायतनामा बनाकर पोस्टमार्टम जिला चिकित्सालय अनूपपुर में कराया गया। थाना कोतवाली अनूपपुर का मर्ग कायम कर मर्ग जांच के दौरान साक्षी विमलेश सिंह गोंड, जीवन दास, गणेश उर्फ दुर्गेश राठौर, राजबहोर एवं मृतक के पिता ओमकार सिंह के कथन लेखबद्ध करते हुए मर्ग की जांच उपरान्त आरोपित पुष्पेन्द्र कुमार यादव के विरूद्ध थाना कोतवाली अनूपपुर में अपराध दर्ज कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। अनुसंधान पूर्ण होने पर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां विचारण उपरान्त आरोपित को दोषी पाते हुए पाते हुए सजा सुनाई गई।

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