साधुओं की निर्मम हत्या को लेकर चुप्पी साधना न्यायपरक नहीं- परम धर्म सांसद श्रीधर शर्मा

साधुओं की निर्मम हत्या को लेकर चुप्पी साधना न्यायपरक नहीं- परम धर्म सांसद श्रीधर शर्मा

*भगवान परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाने के साथ उन साधुओं की हत्या होने के बाद उन्हें न्याय दिलाने को लेकर  भी हमें अपनी आवाज करना होगा बुलंद- श्रीधर शर्मा, परम धर्म सांसद*


अनूपपुर/अमरकंटक

शहडोल संभाग में परम धर्म सांसद के रुप में अपनी धार्मिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अमरकंटक निवासी श्रीधर शर्मा ने समस्त ब्राह्मण बंधुओ को भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर हृदय की गहराइयों से बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की। श्रीधर शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम इस धरा पर अन्याय के विरुद्ध लड़ने वाले एक सशक्त ब्राह्मण के रूप में सदैव हमारी प्रेरणा रहे हैं और अब हमें इस समाज में व्याप्त बुराइयों के विरुद्ध नैतिकता को अपनाते हुए इस समाज के कल्याण के लिए कार्य करने की दिशा में अग्रसर होने की आवश्यकता है। बीते दिनों में महाराष्ट्र में साधुओं की नृशंस हत्या हमारे ब्राह्मण सम्प्रदाय पर कुठाराघात है और हम साधुओं की उस हत्या को धीरे धीरे भूलने लगे हैं। हम सभी को एकजुट होकर ऐसे समस्त दुर्व्यवहारों के विरुद्ध उचित कार्यवाही के लिए आगे आने की आवश्यकता है। ऐसे दुराचारियों पर कार्यवाही नहीं होने के कारण इनके बढ़ते हुए हौसले समाज में बुराइयों को मजबूती प्रदान कर रही हैं और हम सभी को एकजुट होकर बुराई के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने की आवश्यकता है। श्रीधर शर्मा ने समस्त ब्राह्मण बंधुओ को इस धर्मयुद्ध में ब्राह्मणों का आह्वान करते हुए कहा है कि मैं श्रीधर शर्मा एक धर्म सांसद और भारत देश का नागरिक होने के नाते समस्त सम्मानित वरिष्ठ बंधुओं को उस घटना के विषय में एक बार फिर संज्ञान लेते हुए एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करने की अपील करता हूं। कल्पना कीजिए, कैसा रहा होगा, वह मंजर, जब साधुओं को मार दिया गया। महाराष्ट्र की पुलिस के समक्ष साधुओं के साथ हुए कुकृत्य की घोर निंदा करता हू। उस मामले में गिरफ्तार किए गए अपराधियों के प्रति समय पर उचित दंडात्मक कार्यवाही की अपेक्षा करता हूँ। देश में इस तरह कुंठित मानसिकता वाले असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही करने में प्रशासन को देरी नहीं करनी चाहिए। मॉब लिंचिंग जैसे अमानवीय व हिंसक कृत्य करने वाले और आमजनों के बीच द्वेषपूर्ण संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने वालों के लिए भी कड़ी व त्वरित सजा का प्रावधान होना चाहिए। श्री शर्मा ने बताया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी और जूना धर्माचार्यों के रक्षार्थ सभी अखाड़े एक रहे हैं, भारत देश में सनातन धर्म और संस्कृति को देश के कोने कोने तक पहुंचाने में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले देश के समस्त संत इस कृत्य की घोर निन्दा कर रहे थे। पवित्र नगरी अमरकंटक के साधु संतों ने इस अमानवीय घटना की घोर निन्दा की, देश के संतों के साथ जब इस प्रकार का अमानवीय व्यवहार होगा तो अन्य लोगों के साथ क्या होगा? श्रीधर शर्मा ने बताया कि तेरह अखाड़ों और समस्त साधु समुदाय ने सरकार को आगाह किया था कि समय रहते सरकार इस मामले को गंभीरता से ले। अनेकता में एकता के दर्शन की अनुभूति कराने वाली इस पावन धरा पर ऐसे अमानवीय कृत्य अशोभनीय हैं और हम सब एक होकर ऐसे कृत्यों पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास कर इस देश की एकता और अखंडता और संप्रभुता को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।

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