चोरी के कोयले से धधक रहे अवैध ईट भट्टे, जिम्मेदार मौन पर्यावरण हो रहा दूषित

चोरी के कोयले से धधक रहे अवैध ईट भट्टे, जिम्मेदार मौन पर्यावरण हो रहा दूषित


अनूपपुर/राजनगर

कोयलांचल क्षेत्र में अवैध ईंट-भट्टों का अवैध कारोबार कई वर्षो से संचालित हो रहा और मुख्य सड़क मार्गों के अगल बगल व रहवासी इलाकों में अवैध ईट भट्ठे चल रहे हैं राजस्व व वन विभाग की भूमि में अवैध रूप से उत्खनन कर ईट भट्टों का कारोबार रामनगर,डोला,कुड़कु मोहल्ला, श्यामबाई मोहल्ला और राजनगर क्षेत्र में कई स्थानों पर  अवैध ईंट भट्टों का कारोबार बेखौफ होता हैं। अवैध रूप से संचालित ईंट भट्टों को पकाने के लिए वन संपदा को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। साथ ही साथ कोयलांचल क्षेत्र से अवैध कोयले की चोरी भी भारी मात्रा में ईट पकाने के लिए की जाती हैं। ईट भाट्टो के संचालकों एवं काले हीरे का कारोबारियों से गठजोड़ भी समय-समय पर देखने को मिल जाता है डोला, रामनगर क्षेत्र में कई जगह बंद पड़ी खदानों से अवैध कोयले का उत्खन कर ईट भट्टों पर लाकर एकत्रित किया जाता है और फिर कोयले की चोरी से ईट भट्टे पकाए जाते हैं।

*पर्यावरण को हो रहा नुकसान*

ईंट भट्टा लगाने के लिए राजनगर, रामनगर क्षेत्र में कही भी ईंट भट्टा लगाने की अनुमति स्थानीय एवं जिला प्रशासन से नहीं है इसके बावजूद भी धड़ल्ले से ईंट भट्टा का संचालन हो रहा है। दूसरी ओर ईंट भट्टों से निकलने वाला जहरीला धुआं लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। जिससे आम नागरिक परेशान हो रहे है। रामनगर,डोला में कई स्थानों पर रिहायसी क्षेत्र में ईंट भट्टों का संचालन लंबे समय से जारी है जो पर्यावरण के साथ साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी घातक है। पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा क्षेत्र में संचालित ईट भट्ठों का संचालन करने वालो के ऊपर कार्यवाही ना करने से आज यह स्थिति देखी जा रही की धीरे-धीरे पूरा डोला नगर परिषद क्षेत्र खंडार होता जा रहा है अगर यही स्थिति पुनः दोहराई गई तो वह दिन दूर नहीं जहां सिर्फ चारों तरफ खाई है खाई दिखाई देंगी।

*ईट के परिवहन से पुरानी पकडण्डी सड़क गड्ढों में हुई तब्दील*

रामनगर में कई वर्षों से अवैध ईंट भट्ठे संचालित हो रहे थे जबकि पूर्व में रामनगर राममंदिर दफाई में ईट भट्टे का संचालन किया जाता था लेकिन अब देखा जा रहा है पूरे रामनगर डोला क्षेत्र में लगभग सैकड़ों ईट भट्टे संचालित हो रहे हैं आखिर इन्हें किनका संरक्षण मिल रहा जबकि यहां पर कोई भी कोयले की कंपनी नहीं है जिससे कि कोयले की खरीदी कर सके इससे साफ जाहिर होता है कि ईट भट्टे पूरी तरह से चोरी के कोयले से संचालित हो रहे हैं वहीं बंद पड़ी खदानों से कोयला चोरी करने के उपरांत कई बार लोग घायल होने के साथ-साथ मौत के मुंह में भी जा चुके हैं लेकिन कोयले का अवैध उत्खनन व परिवहन अभी भी जोरों शोरों से जारी है। ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी खबर नहीं है। सैकड़ों की संख्या में अवैध ईट भट्टे डोला नगर परिषद में संचालित होते है जबकि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ऊपरी कमाई करने के चक्कर में दबी जुबान में अनुमति भी प्रदान कर बैठते हैं।

*ईट भट्टों से उत्पन्न होने वाले ज्वलन से झुलस रहे आस पास के कई हरे-भरे वृक्ष*

नगर परिषद डोला क्षेत्र में कई स्थानो पर ईट भट्टे का कारोबार किया जा रहा प्राप्त जानकारी के अनुसार अन्य जिले व राज्य के लोगों को बुलाकर बुलाकर ईट का कारोबार कराया जा रहा जिससे कि गाइडलाइन के अनुसार कार्य न करते हुए जमीनों को खोखला किया जा रहा है वही कुछ लोगों द्वारा राजस्व/वन विभाग की जमीन को अपनी जमीन बताकर अच्छी खासी रकम लेकर उन्हें जमीन उपलब्ध कराते हुए ईट का कारोबार कराया जा रहा व राजस्व/वन विभाग को क्षति पहुंचाया जा रहा है अगर समय रहते नगर परिषद के उच्च अधिकारी व राजस्व/वन विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं देते तो वह दिन दूर नहीं जब पूरा डोला क्षेत्र धीरे-धीरे गड्ढों में तब्दील हो जाएगा। बरसात के दिनों में कई मवेशी या बच्चे भी इन गड्ढों में गिरकर चोटिल होते हैं जैसे राममंदिर दफाई, बदरा टोला, कुडकू मोहल्ला, श्यामबाई मोहल्ला, पुराना डोला,में वन एवं राजस्व भूमि पर चोरी-छिपे अवैध ईट भट्टा संचालित करने वाले व्यक्तियों द्वारा बड़े-बड़े मोटर लगाकर तालाबों व पोखरी से पानी की सप्लाई कर ईट बनाए जाते हैं जबकि डोला नगर में पहले से ही पानी की समस्या बनी हुई है जिसके लिए कई बार नगर के जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों द्वारा अनशन भी किया जा चुका है लेकिन फिर भी विभाग के नजर अंदाज करने के कारण आज यह स्थिति निर्मित हो रही कि छोटे-छोटे गड्ढों तालाबों व पोखरी में बरसात के दिनों में स्थित पानी को भी पंप के माध्यम से निकालकर ईट बनाने का कार्य किया जा रहा है जिन पर रोक लगाया जाना अति आवश्यक हो चुका है।

*इनका कहना है*

आप के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है जल्द ही जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाएगी।

*ईश्वर प्रधान तहसीलदार कोतमा*

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget