मुख्यमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य, मगर पत्रकारों का विभाजन गलत-भूपेंद्र
पटेल पत्रकार
(भूपेंद्र पटेल पत्रकार)
अनूपपुर
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह घोषणा कि अधिमान्य पत्रकारों को प्रथम पंक्ति का कोरोना योद्धा का दर्जा प्रदान किया जाता है स्वागत योग्य निर्णय है परंतु विभाजन कारी भी है। मौजूदा व्यवस्था में यह संयोग मात्र है कि जिनको अधिमान्यता मिल गई सो मिल गई जिन को नहीं मिल पाई तो नहीं मिल पाई लेकिन कलम उठाने से लेकर मैदानी क्षेत्र में भाग दौड़ कर अपनी सहभागिता निभाने पर कोई विभाजन रेखा नहीं है। कई पत्रकार इतने मेहनत कस है कि सुबह से शाम हो जाती है घर द्वार छोड़कर मैदान में सिपाही की तरह डटे रहते हैं, कोई कलम तो कोई माइक आईडी और कोई कैमरा लिए पहुंच रहा है अधिमान्यता और गैर अधिमान्यता के चक्कर में ऐसे साहसी व निडर श्रम वीरों की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए बल्कि मेरा यह आग्रह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को बड़े दिल का परिचय देते हुए सभी पत्रकारों को जो किसी भी अखबार,न्यूज़ चैनल,ऑनलाइन न्यूज़ वेब पोर्टल से जुड़े हुए हैं इस महामारी में कोरोना योद्धा घोषित किया जाना चाहिए। मैदानी पत्रकार नातो विज्ञापन का लाभ ले पाता है ना ही संस्थानों से उचित वेतन उठा पाता है फिर भी राष्ट्र भक्तों का ऐसा जुनून है जनसेवा का ऐसा संकल्प है कलम के प्रति ऐसी सेवा भावना है कि घनघोर आर्थिक संकट के बावजूद आप सभी के पास तक वह समाचार पहुंचाता है और आपकी योजनाओं को उस वर्ग तक ले जाता है जो समाज के अंतिम छोर पर बैठा है। इन्हें अनदेखा मत कीजिए बल्कि अपनी योजना में शामिल कीजिए। हमारा मानना है कि जो मुख्यमंत्री निचले स्तर के व्यक्ति के लिए बड़ी सोच रखते हुए चप्पल पहनाने का काम कर सकते है वह अवश्य ही अपने बड़े दिल का परिचय देते हुए पत्रकारों के लिए भी समानता का भाव दिखा सकते हैं।