जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत खेत तालाब निर्माण में प्रदेश स्तर पर मिलेगा प्रथम पुरस्कार


अनूपपुर

राज्य शासन द्वारा संचालित किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों, जनपदों तथा व्यक्तिगत श्रेणी की रैंकिंग के निर्धारित मापदंड अनुसार मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत खेत तालाब निर्माण में अनूपपुर जिले को प्रदेश में श्रेष्ठ कार्य के लिए प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है। इसी तरह से जल गंगा अभियान में खेत तालाब निर्माण में श्रेष्ठ कार्य करने पर अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद को प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है। 

कलेक्टर हर्षल पंचोली के कुशल मार्गदर्शन तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तन्मय वशिष्ठ शर्मा के नेतृत्व में जिले के ग्रामीण अंचल में किए गए कार्यों के लिए जिला श्रेणी में अनूपपुर जिला तथा जनपद श्रेणी में पुष्पराजगढ़ को प्रदेश स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है इस चयन से प्रदेश में जिले का नाम रोशन हुआ है।

10 स्कूली बस पर कार्यवाही, 27 हजार का लगा जुर्माना


अनूपपुर 

पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर “सुरक्षित स्कूल बस अभियान”*के तहत बिजुरी क्षेत्र में संचालित  निजी स्कूल बसों /बैन पर हाईवे चौकी द्वारा कार्यवाही की गई । कार्यवाही के दौरान बस क्रमांक MP-65-P-0175 बस को चेक करने पर वाहन का परमिट नहीं पाया गया । जिसपर मोटरयान अधिनियम के तहत 10,500/- जुर्माना किया गया । इसके अतिरिक्त अन्य 9 स्कूली बसों पर भी  कार्यवाही कर कुल 17,000/- जुर्माना अधिरोपित किया गया । पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर  “सुरक्षित स्कूल बस अभियान” के तहत कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी । कार्यवाही के दौरान यातायात हाईवे चौकी से एएसआई आनंद तिवारी,आरक्षक विनय मिश्रा ,मोहित श्रीवास्तव,कपिल सोलंकी उपस्थित रहे ।

शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार, 24 लीटर पेंट पोतने के लिए लगे 443 मजदूर, 3 लाख की मजदूरी का भुगतान


शहडोल 

जिले में शिक्षा विभाग में रंगाई-पुताई के नाम पर बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें महज 24 लीटर आयल पेंट लगाने पर लगभग 3 लाख रुपये की मजदूरी खर्च करने का फर्जी बिल पास किया गया है। यह मामला ब्यौहारी विकासखंड के दो शासकीय स्कूलों हाईस्कूल संकदी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया से जुड़ा हुआ है।

घोटाले की परतें तब खुलीं जब बिल की प्रति इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई और मामला कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के संज्ञान में आया। कलेक्टर ने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) फूल सिंह मारपाची को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है और राशि वसूली व जांच के आदेश भी दिए हैं। हाईस्कूल संकदी में 4 लीटर पेंट (मूल्य 784 रुपये) खरीदने का बिल लगाया गया, लेकिन इसे दीवारों पर पोतने के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाए गए, जिनकी कुल मजदूरी 1,06,984 रुपये दिखाई गई।

वहीं, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में 20 लीटर पेंट के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री दर्शाए गए। उनका भुगतान 2,31,650 रुपये के रूप में किया गया। इसमें खिड़कियों और दरवाजों की रंगाई का भी खर्च जोड़ा गया है। इन दोनों ही मामलों में एक ही ठेकेदार, सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों बिल 5 मई 2025 को कटे हैं और उन पर स्कूल प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर व सरकारी मुहरें लगी हैं। इससे यह स्पष्ट है कि विभाग के कई अधिकारी और शिक्षक इस फर्जीवाड़े में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं।

कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने कहा ‘जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया, प्रारंभिक जांच कराई गई। घोटाला स्पष्ट मिला। डीईओ को नोटिस दिया गया है। जिन्होंने भुगतान किया है, उनसे राशि वसूली के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अन्य स्कूलों के बिलों की भी जांच कराई जाएगी।’

वहीं, डीईओ फूल सिंह मारपाची ने कहा ‘यह कैसे हुआ, इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी नहीं बख्शे जाएंगे।’ हाईस्कूल संकदी के प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

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