कमिश्नर के बंगले के लिए टेक्निकल स्कूल के खेल मैदान की दी जा रही है बलि, बंगले का निर्माण गलत- मनीष श्रीवास्तव


शहडोल

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष- मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि शहडोल देश का एकमात्र आदिवासी संभाग है और यहां जो भी इस उच्च अधिकारी आईएएस आते हैं ज्यादातर यहां पर अपना मनमाना रवैया अपनाते हुए कार्य करते हैं और जितनी भी कार्य अवधि में रहते हैं और यहां से चले जाते हैं, लेकिन शहडोल वासी अपने आप को लूटा महसूस करते हैं।

वर्तमान में पहले से आधा एकड़ में बने आवास से सीनियर IAS कमिश्नर महोदया का मोह भंग हो गया है, उन्होंने शहडोल कमिश्नर के बंगले के लिए एक शिक्षण संस्थान के खेल मैदान की बलि दी जा रही है।

मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि पहले से आधा एकड़ में बने सर्व सुविधायुक्त कमिश्नर बंगले से कमिश्नर साहिबा का मोह भंग हो गया है, अब शहडोल के कमिश्नर के लिए जो बंगला बनाया जा रहा है, वह ढाई एकड़ में बनेगा और इस बंगले को बनाने के लिए शासकीय टेक्निकल स्कूल के खेल मैदान की बलि दी जा रही है।

दरअसल, जहां एक ओर सरकारें अपने खर्च को कम करने की बात कर रही हैं, मंत्रियों और अधिकारियों के बड़े खर्चीले बंगलों को छोटा और कम जगह में बनाने की योजना चल रही है, वहीं इसके उलट शहडोल कमिश्नर के बंगले के लिए एक शिक्षण संस्थान के खेल मैदान को खत्म करना प्रशासन के अधिकारियों की मनमानी दर्शाता है, जिस पर कार्रवाई होना आवश्यक है, बल्कि इस तरह के उच्च अधिकारियों को शहडोल संभाग में रहने का कोई औचित्य नहीं है, यह अपने विकास के लिए आए हैं, शहडोल संभाग के विकास के लिए नहीं इनको तत्काल शहडोल संभाग से रवाना किया जाना आवश्यक है।

मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि दुर्भाग्य तो यह है कि सत्ताधारी दल के लोग जो शहडोल के निवासी हैं वह मुंह में पट्टी लगाकर लगा कर बैठे हुए हैं, यह पार्टी के प्रति भक्ति के साथ-साथ अधिकारियों की भक्ति ज्यादा दिखाता है, भाजपाइयों का विरोध ना करना चमचागिरी मानसिकता को उजागर करता है।

 मूसलाधार बारिश में सकुन बाई का आशियाना उजड़ा, चार लाख से  का नुकसान


अनूपपुर

बीते दिनों की मूसलाधार बारिश ने नगर पालिका पसान क्षेत्र में कहर बरपा दिया है सबसे हृदयविदारक दृश्य सामने आया वार्ड क्रमांक 8 में, जहाँ 70 वर्षीय सकुन बाई पति सत्यप्रकाश मिश्रा का कच्चा मकान पूरी तरह जमींदोज़ हो गया, इस हादसे में करीब चार लाख रुपये की क्षति हुई है और वृद्धा अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। प्राकृतिक आपदा के बाद भी सकुन बाई को कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है न तो राजस्व अमला मौके पर पहुँचा, न ही जनप्रतिनिधियों ने सुध ली एक असहाय वृद्ध महिला बेसहारा हो चुकी है लेकिन शासन-प्रशासन की चुप्पी कहीं अधिक पीड़ादायक साबित हो रही है।

हादसे को कई दिन बीत गए, पर स्थानीय प्रशासन ने अब तक स्थिति का जायज़ा लेने की भी ज़रूरत नहीं समझी न तहसील कार्यालय से कोई टीम पहुँची, न ही नगर पालिका का कोई कर्मचारी राहत लेकर आया यह घटना न केवल सरकारी लापरवाही की पोल खोलती है, बल्कि उस तंत्र की संवेदनहीनता को उजागर करती है जो आमजन की पीड़ा पर आंखें मूंदे बैठा है। स्थानीय लोगों ने नाराज़गी जताते हुए सवाल उठाया है कि जब आपदा के समय प्रशासनिक अमला और जनप्रतिनिधि नजर नहीं आते, तो उनके पद और योजनाएं आखिर किस काम की हैं? क्या शासन की योजनाएं सिर्फ कागजों में हैं, और क्या बुजुर्गों का जीवन अब आंकड़ों से भी सस्ता हो गया है। हर साल पसान में बारिश तबाही लाती है, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया अधिकारी सिर्फ आकस्मिक बैठकों और सर्वे की खानापूर्ति कर रहे हैं जबकि जमीनी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं

नहाने गये 7 वर्षीय बालक की डूबने से हुई मौत, एसडीईआरएफ ने निकाला शव


अनूपपुर

जिले के चचाई थाना क्षेत्र में मंगलवार की दोपहर दोस्तों के साथ सोन नदी में नहाने गया 7 वर्षीय बालक की डूबने से मृत्यु हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने 1 घंटे तक की तलाश के बाद शव को बाहर निकाला, परिक्षण उपारांत पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया गया हैं। मौके पर चचाई पुलिस के साथ एसडीओपी सुमित केरकेट्टा पहुंचे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की दोपहर ग्राम कैल्होरी के मौहार टोला निवासी बादल वासुदेव अपने साथियों अंशु वासुदेव, पीयूष पटेल, अनुराग सोन नदी में नहाने के लिए गया था। अचानक बादल वासुदेव सोन नदी में गहराई की तरफ चला गया। उसे बचाने के लिए अंशु वासुदेव ने कुछ देर तक कोशिश की, हालांकि वह असफल रहा। अंशु और पीयूष पटेल ने इसकी जानकारी वहीं मौजूद ग्रामीणों को दी। ग्रामीण ने थाना चचाई को सूचना दी, सूचना मिलते ही चचाई पुलिस और अनूपपुर एसडीओपी सुमित केरकेट्टा मौके पर पहुंच कर एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया। सूचना प्राप्त होने पर तत्काल जिला सेनानी के निर्देशन में टीम प्रभारी राम नरेश भवेदी प्लाटून कमांडर के नेतृत्व में होमगार्ड एवं एसडीईआरएफ के 08 जवान मुन्नालाल, शिवप्रताप सिंह, अनुज कुमार, सुनील सिंह, रामभरोसे सिंह, धन सिंह, अरुण मालवीय एवं प्रहलाद सिंह के साथ रेस्क्यू टीम सोन नदी में स्थानीय गोताखोर छोटेलाल सहानी की मदद से तलासी शुरू की लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को तलाश के बाद शव मिला।

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget