छंद साधिका योगिता चौरसिया वर्तिका को मिला काव्य शिखर अलंकरण सम्मान


जबलपुर

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील वर्तिका साहित्यिक, सांस्कृतिक ,समाजिक संस्था द्वारा  रानी दुर्गावती संग्रहालय कला वीथिका   सभागार जबलपुर में आयोजित भव्य समारोह में मंडला की कवयित्री ,छंद साधिका श्रीमती योगिता चौरसिया प्रेमाश्री को उनके सृजनात्मक, रचनात्मक समाजोन्मुखी  अवदान के परिप्रेक्ष्य में स्व.सिद्धनाथ सहाय वर्तिका काव्य शिरोमणि अलंकरण से सम्मानित किया गया।यह सम्मान प्रज्ञा पीठाधीश्वर विभानंद गिरी नई दिल्ली के सानिध्य में समारोह के मुख्य अतिथि, वरिष्ठ अधिवक्ता उमाकांत शर्मा, अध्यक्षता कर रहे महाकवि आचार्य भगवत दुबे के साथ विजय नेमा अनुज,सतीश श्रीवास्तव एवं अशोक मनोध्या ने प्रदान किया । वर्तिका के अध्यक्ष राजेश पाठक प्रवीण ने योगिता चौरसिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रामीण परिवेश में रहते हुए योगिता चौरसिया ने राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि अर्जित की है। उनकी  काव्यकृति  छंद कलश को मध्य प्रदेश शासन संस्कृति मंत्रालय द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी स्मृति अखिल भारतीय स्तर के एक लाख  रुपये के सम्मान के लिए भी चयनित किया गया। वर्तिका के  समारोह  में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार उपस्थित थे, जिन्होंने योगिता के सृजन की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।

कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने योगिता चौरसिया को बधाई दी है और कहा कि आपको वर्तिका काव्य शिखर अलंकरण से सम्मानित किया जाना हमारे लिए गौरव की बात है। योगिता चौरसिया प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के सलाहकार मंडल में शामिल हैं और हिंदी प्रचार प्रसार में सहयोग प्रदान कर रही है।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक ने कृष्ण पाठक को दिया हिंदी सेवी सम्मान


बिलासपुर

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने केवल कृष्ण पाठक को हिंदी सेवी सम्मान प्रदान किया। सदन में राकेश कुमार खरे अध्यक्ष संकेत साहित्य समिति बिलासपुर छत्तीसगढ़ व राष्ट्रीय सलाहकार प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा, वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र कुमार शुक्ला ' अविचल ' , कमलेश पाठक उपस्थित रहे।

कवि संगम त्रिपाठी ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि केवल कृष्ण पाठक हिन्दी के सशक्त रचनाकार हैं व हम सभी के मार्गदर्शक हैं। कवि संगम त्रिपाठी ने केवल कृष्ण पाठक को श्याम की गीतिकाएं कृति भेंट की। श्याम की गीतिकाएं में केवल कृष्ण पाठक ने मंगल भाव लिखें है। इस अवसर पर पहलगाम की घटना पर परिचर्चा की गई व सम सामयिक विषय पर काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। इस सभा की अध्यक्षता कमलेश पाठक ने की व आभार राकेश खरे ने अभिव्यक्त किया।

आकाशीय बिजली की गर्जना से गिरी छत, युवक की हुई मौत


शहडोल

जिले के बुढार में एक दर्दनाक हादसे में राकेश तिवारी निवासी वार्ड नंबर 1, कृषि उपज मंडी बुढार के सामने की छत गिरने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अचानक बिगड़े मौसम और तेज़ आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट के कारण उनके मकान की छत उनके ऊपर आकर गिर गई। परिवारवालों ने आनन-फानन में उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुढार पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह हादसा इतना भीषण था कि राकेश तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई। इस तरह अचानक मृत्यु हो जाना पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ गिर गया है, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

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