गांजा बिक्री मामले में एसआई, एएसआई को पुलिस अधीक्षक ने किया लाइन अटैच


अनूपपुर

पुलिस जिन पर कानून की रक्षा का जिम्मा होता है, जब वही नियम-कायदों को ताक पर रखकर 'खेल' करने लगें, तो सवाल उठना लाजमी है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है भालूमाड़ा थाना में, जहां कानून के रखवालों ने खुद ही कानून तोड़ने की 'डील' कर ली। परिणामस्वरूप, पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान ने सख्त कार्रवाई करते हुए एसआई राघव बागरी और एएसआई अरविंद राय को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया।

मामला 25 मार्च की रात का है, जब भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम शिकारपुर में गांजा तस्करी की सूचना पर पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया। बताया जा रहा है कि आरोपी मौके से भाग खड़े हुए, लेकिन उनके द्वारा छोड़ा गया लगभग 80 किलो गांजा एएसआई अरविंद राय ने जब्त करने के बजाय किसी 'गौतम' नामक व्यक्ति को बेच दिया। दिलचस्प बात यह रही कि थाना प्रभारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। लेकिन कहते हैं न, चोरी के पांव नहीं होते। जब इस गोरखधंधे की शिकायत पुलिस अधीक्षक तक पहुंची, तो कार्रवाई होना तय था और राय को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया।

दूसरी ओर, भालूमाड़ा थाना में पदस्थ एसआई राघव बागरी की भूमिका भी कम संदिग्ध नहीं रही। सूत्रों के मुताबिक, बागरी ने गश्त के दौरान रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर जानबूझकर आंखें मूंद लीं। यानी 'चुप्पी' का कुछ खास मोल चुकाया गया होगा! यह मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने उन्हें भी बिना देर किए लाइन हाजि दिया। भ्रष्टाचार चाहे छोटे स्तर पर हो या बड़े, कानून से बड़ा कोई नहीं। अनूपपुर पुलिस अधीक्षक ने इस कार्रवाई से यह साफ कर दिया है कि यदि पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों से भटकते हैं, तो उनकी जगह वर्दी में नहीं, बल्कि लाइन में होती है।

सरकारी ज़मीन पर दबंगो का कब्ज़ा, प्रशासन बना मूकदर्शक, अतिक्रमणकारी के हौसले बुलंद

*रसूखदारों को सरकारी संपत्ति लूटने की मिली खुली छूट*


अनूपपुर

जिले में सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़े का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां अखिलेश गौतम निवासी धनगवा ने ग्राम पंचायत फुनगा, चमन चौक में शासकीय भूमि पर कब्ज़ा कर सेप्टिक टैंक का निर्माण शुरू कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन ने कई बार स्थगन आदेश जारी किए, लेकिन निर्माण कार्य नहीं रुका। ऐसा लगता है कि प्रशासन ने या तो आंखें मूंद ली हैं या फिर कोई ‘ऊपर से दबाव’ डलवा रहा है। क्या सरकारी तंत्र केवल कमजोर और गरीब लोगों पर ही अपना कानून चलाता है? क्योंकि जब कोई गरीब व्यक्ति फुटपाथ पर छोटी सी दुकान लगाता है, तो प्रशासन तुरंत कार्रवाई कर देता है, लेकिन जब कोई दबंग शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा करता है, तो अफसरों के हाथ-पैर कांपने लगते हैं!

*कब्जे का कच्चा-चिट्ठा प्रशासन मौन*

पटवारी हल्का फुनगा के प्रतिवेदन के आधार पर नायब तहसीलदार फुनगा ने इस अवैध कब्ज़े पर दिनांक 25/03/2025 को स्थगन आदेश जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार, मामला खसरा नंबर 441/1/2/1 की 111.967 वर्गफीट सरकारी ज़मीन का है, जहां अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब प्रशासन ने इस अतिक्रमण को रोकने की कोशिश की हो। 2019 में भी प्रशासन ने इस अवैध निर्माण को रोकने के आदेश जारी किए थे, लेकिन अखिलेश गौतम ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपना निर्माण कार्य जारी रखा।अब सवाल यह उठता है कि अगर प्रशासन ने 2019 में कार्रवाई की होती, तो क्या आज यह अतिक्रमण जारी रहता? लेकिन हुआ क्या? प्रशासन फाइलों में आदेश पास करता रहा और दबंग अतिक्रमणकारी सरकारी ज़मीन पर खुलेआम कब्ज़ा करता रहा।

*रसूखदारों की दबंगई*

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन जानबूझकर इस अवैध कब्ज़े को नजरअंदाज कर रहा है? क्या इसमें किसी बड़े अधिकारी या नेता का हाथ है? क्योंकि जब कोई कमजोर व्यक्ति सरकारी नियमों का उल्लंघन करता है, तो प्रशासन फौरन हरकत में आ जाता है, लेकिन जब किसी रसूखदार व्यक्ति की बात आती है, तो कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। यही कारण है कि अतिक्रमणकारी का मनोबल बढ़ता जा रहा है और प्रशासन पूरी तरह से लाचार नजर आ रहा है। अगर यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में जिलेभर में सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़े का नया सिलसिला शुरू हो सकता है।

*कब जागेगा प्रशासन*

अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब तक आंखें मूंदे बैठा रहेगा? क्या अब भी कार्रवाई होगी, या फिर रसूखदारों के आगे सरकार झुक जाएगी? अगर इस बार भी प्रशासन ने लापरवाही बरती, तो जनता के मन में यह सवाल उठना लाज़मी है कि कानून सिर्फ गरीबों के लिए है और रसूखदारों को खुली छूट मिली हुई है। जनता देख रही है, सवाल पूछ रही है और जवाब अब ज़रूरी हो गया है! प्रशासन को अब चाहिए कि अखिलेश गौतम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तुरंत बुलडोज़र चलाए और सरकारी भूमि को मुक्त कराए। वरना यह साफ हो जाएगा कि कानून सिर्फ कागजों तक सीमित है और रसूखदारों को सरकारी संपत्ति लूटने की खुली छूट दी गई है।

जुआं खेलते भाजपा पार्षद गिरफ्तार, अवैध रेत परिवहन व अवैध शराब मामले में पुलिस ने की कार्यवाही

*ट्रैक्टर ट्रॉली, 36 लीटर अवैध शराब जप्त, 2 जुआड़ी गिरफ्तार*


अनूपपुर

अवैध शराब बिक्री करने वालो के खिलाफ छापामार कार्यवाही कर मुखबिर की सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए ग्राम बरबसपुर मेंन रोड में घेराबंदी कर एक मोटर सायकल होंडा CG 31 B 8278 में बैठकर आरोपी देव केवट पिता गोविंद प्रसाद केवट उम्र 20 वर्ष निवासी मलगा थाना रामनगर एवं शिवशंकर केवट पिता लक्ष्मण प्रसाद केवट उम्र 21 वर्ष निवासी मलगा थाना रामनगर जिला अनूपपुर के झोला एवं कार्टुन व कार्टुन मे देशी अंग्रेजी शराब कुल 22 लीटर कुल कीमती 11740 रूपये की अवैध शराब जैतहरी से मलगा लेकर जा रहे थे, जिन्हे रोक कर उक्त शराब के बारे में आरोपी देव केवट पूछताछ में बताया कि संतोष रजक पिता मनिराम रजक निवासी मलगा के कहने पर अपनी गाडी देकर उक्त शराब को जैतहरी से मलगा बिक्री करने हेतु ले जाना बताया, जिससे उक्त शराब व मोटर सायकल होंडा कीमती 1 लाख रुपये को मौके पर जप्त किया गया जिस पर अपराध क्रमांक 144/2025 धारा 34ए आबकारी एक्ट एवं 49 बीएनएस का कायम कर विवेचना में लिया गया है ।  दूसरे मामले में मंदिर के पास ठिहाई टोला भालूमाडा में घेराबंदी रेड कार्यवाही कर आरोपी गेंदलाल केवट पिता स्व. गोरेलाल केवट उम्र 39 साल निवासी भेड़वाटोला के मोटर सायकल को रोक कर चेक करने पर अंग्रेजी शऱाब 14.400 लीटर कुल कीमती 20,640/- रुपये की अवैध शराब रखे मिला, जिससे उक्त शराब एवं एक लाल काले रंग का बिना नंबर की मोटर साईकिल कीमत 30 हजार रुपये जप्त कर अपराध क्रमांक 145/2025 धारा 34ए आबकारी एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया गय है । कुल दो प्रकरण में 36.400 लीटर अवैध देशी एवं अंग्रेजी शराब कुल कीमती 32380 रुपये एवं दो अदद मोटर सायकल जप्त किया गया है ।                   

बाडीखार के जंगल में घेराबंदी कर छापामार कार्यवाही किया गया तो जुआड़ी 52 ताश के पत्तो पर रुपयो पैसो से हार- जीत का दाव लगाकर जुआ खेल रहे थे, जिन्हे पुलिस टीम की मदद से आरोपी मनोज कुमार पिता अमरनाथ दीक्षित उम्र 60 वर्ष निवासी वार्ड क्र. 18 सुन्दर नगरी भालूमाडा व सुशील कुमार उर्फ चुन्ना पिता शेषमणि तिवारी उम्र 46 वर्ष निवासी वार्ड क्र. 18 सुन्दर नगरी भालूमाडा को पकडा गया जिनके कब्जे से 52 ताश के पत्ते व 8040 रुपये एवं 3 मोटर सायकल जप्त किया गया एवं तीन जुआड़ी पुलिस को देखकर जंगल का फायदा उठाकर भाग गये उनके विरुद्ध के अप.क्र 146/2025  धारा 13 जुआं एक्ट का अपराध कायम कर विवेचना मे लिया गया ।

तिपान नदी के गाड़ा घाट कदमसरा से एक महेन्द्रा ट्रेक्टर अवैध रेत खनिज ट्राली में लोड़ करके नदियाटोला वाले रास्ते से मेन रोड़ कदमसरा आने वाला है, सूचना पर स्थान तिपान नदी के गाड़ा घाट कदमसरा से नदियाटोला कदमसरा वाले कंक्रीट के पक्के रास्ते पर गया तो तिपान नदी के गाड़ा घाट कदमसरा नदियाटोला से एक लाल रंग का महेन्द्रा 295DI टर्बो महेन्द्रा कंपनी का ट्रेक्टर ट्राली में 03 घन मीटर अवैध रेत खनिज लोड़ कर मेन रोड़ कदमसरा की ओर आते हुये दिखा जिसे रोककर ट्रेक्टर चालक से नाम पता पूछंने पर अपना नाम धर्मेन्द्र सिंह उर्फ वीरन पिता तीरथ सिंह उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम कदमसरा वेकंटनगर थाना जैतहरी जिला अनूपपुर तथा वाहन मालिक स्वंय को होना बताया, टी.पी. एवं ट्रेक्टर ट्राली के कोई कागजात होना नही मिला। अवैध रेत 03 घन मीटर कीमत 5 हजार ट्रेक्टर की कीमत 2 लाख रूपये  बताई गई, चालक  एवं वाहन स्वामी के विरुध्द धारा 303(2),317(5) बीएनएस एवं  4/21 खान एवं खनिज व MV एक्ट की धारा 130/177(3)  का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है।

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